30 दिन में होगा दूध का दूध, पानी का पानी, दूसरे राज्यों में निवेश क्यों गया, सरकार जारी करेगी श्वेत पत्र

126
30 दिन में होगा दूध का दूध, पानी का पानी, दूसरे राज्यों में निवेश क्यों गया, सरकार जारी करेगी श्वेत पत्र

30 दिन में होगा दूध का दूध, पानी का पानी, दूसरे राज्यों में निवेश क्यों गया, सरकार जारी करेगी श्वेत पत्र

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उद्योग मंत्री उदय सामंत सहित सरकार को विपक्ष घेरने में लगा है। उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, एनसीपी के अजित पवार, जयंत पाटील तमाम विरोधी दल सरकार को घेर रहे हैं। एक तरह से माहौल सरकार के खिलाफ बनता जा रहा है। इसे लेकर सरकार भी परेशान है। सोमवार को फडणवीस ने विपक्ष को चुनौती दी कि उनके पास कोई भी ऐसा कागज है, तो दिखाएं, जो साबित करे कि हमारी सरकार के समय निवेश बाहर गए हैं। फडणवीस की चुनौती के बाद आदित्य ठाकरे जवाब देने के लिए आए।

 

राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) से बड़ी-बड़ी कंपनियों का निवेश दूसरे राज्यों में लगातार जा रहा है, जिसे लेकर राज्य की सियासत में घमासान मचा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला बहुत आगे बढ़ गया है। एक-दूसरे को चुनौती देने तक मामला पहुंच गया है। ऐसे में राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत (Uday Samant) ने 30 दिन के अंदर श्वेत पत्र जारी करने का ऐलान किया है, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो गए। उन्होंने कहा कि उनके उद्योग मंत्री रहते कोई भी निवेश दूसरे राज्य में नहीं गया है, जो निवेश गए हैं, पिछली उद्धव सरकार की लापरवाही से उनके कार्यकाल में ही गए हैं। राज्य में वेदांत-फॉक्सकॉन, टाटा-एयरबस परियोजना (Tata Airbus), सेफ्रॉन परियोजना, ड्रग पार्क सहित कई कंपनियों ने महाराष्ट्र में निवेश की योजना बनाई थी, लेकिन ये सभी दूसरे राज्यों में चली गईं। इसे लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मचा है।

पिछली सरकार की निष्क्रियता के कारण परियोजनाएं महाराष्ट्र से बाहर चली गईं
मंगलवार को उद्योग मंत्री उदय सामंत कूदे। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं को रोकने के लिए पिछली महाविकास आघाडी सरकार ने एक भी कदम उठाया हो, तो बताएं। सामंत ने आरोप लगाया है कि पिछली सरकार की निष्क्रियता के कारण परियोजनाएं महाराष्ट्र से बाहर चली गईं। अगले 30 दिन में महाराष्ट्र उद्योग विभाग एक श्वेत पत्र लाएगा, जिससे साबित हो जाएगा कि वेदांत-फॉक्सकॉन, टाटा-एयरबस जैसी बड़ी निवेश परियोजनाएं दूसरे राज्यों में क्यों गईं। इन परियोजनाओं को महाराष्ट्र में लाने के लिए पिछली सरकार ने क्या कदम उठाए? उन्होंने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर इन परियोजनाओं के बारे में झूठ फैला रहे हैं, लेकिन श्वेत पत्र जारी होने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

‘नाणार ग्रीन रिफाइनरी परियोजना लाएंगे’
सामंत ने कहा कि उनकी सरकार निवेश बढ़ाने की योजना पर तेज गति से काम कर रही है। कोकण के रत्नागिरी जिले के नाणार में ग्रीन रिफाइनरी परियोजना लाएंगे। इस परियोजना पर उन्होंने विपक्ष की भूमिका स्पष्ट करने की मांग की। उन्होंने कहा कि विरोध दल से हमारी अपील है कि निवेश के मामले में राज्य को आगे बढ़ाने के लिए वे भी हाथ बढ़ाएं। हम मिलकर महाराष्ट्र का विकास करें। उन्होंने आरोप लगाया कि विरोधी दल सिर्फ राज्य को बदनाम कर रहे हैं। विपक्ष की गलतियों का खामियाजा राज्य भुगत रहा है। उन्होंने कहा कि निवेश लाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक भी बैठक नहीं की। इससे निवेशक ठाकरे सरकार से खफा थे, इसलिए वे चले गए। अब इसमें हमारी सरकार का क्या लेना-देना?

राजनीति की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – राजनीति
News