29 मई को लुधियाना में धरना देंगे सुखबीर: ग्लाडा ऑफिस का करेंगे घेराव, बोले-मनप्रीत मां पार्टी को भूले, शिअद में शामिल नहीं हो सकते – Ludhiana News h3>
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पंजाब के पूर्व डिप्टी CM और शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने ऐलान किया है कि वह 29 मई को लुधियाना के ग्लाडा दफ्तर के बाहर धरना देने पहुंचेंगे। सुखबीर ने एक सभा दौरान कहा कि आज किसान भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे है।
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AAP सरकार ने जनता के साथ धांधली की ही योजनाएं लॉन्च की है। इसमें 24 हजार एकड़ जमीन की भूमि अधिग्रहण के नाम पर प्रत्येक किला के हिसाब से एक करोड़ की वसूली की जाएगी। इस स्कीम का शिरोमणि अकाली दल विरोध करेगी और कोर्ट का रुख किया जाएगा।
शिअद ने करवाया विकास, विधायक मनप्रीत को कोई नहीं जानता
सुखबीर ने कहा कि शिअद ही एक मात्र पार्टी है जिसने पंजाब के प्रत्येक गांव और शहर का विकास किया है। आज यदि हलका दाखा के विधायक को कोई जानता है तो वह सिर्फ शिअद द्वारा करवाए गए विकास कार्यों के कारण जानता है। विधायक मनप्रीत बादल पर निशाना साधते हुए सुखबीर ने कहा कि जो लोग अपनी मां पार्टी को भूल जाते है, उन्हें फिर जनता भी मुंह नहीं लगाती।
हलका दाखा में शिअद जल्द खेलेगी दफ्तर
हलका दाखा में शिअद को मजबूत करने के लिए जल्द ही दफ्तर खोला जाएगा। सुखबीर ने कहा कि अब डेढ़ साल रह गया, फिर से शिअद के चेहरों पर खुशी होगी। मनप्रीत अय्याली अब कभी अकाली दल के सदस्य नहीं बन सकते। सुखबीर ने कहा कि गद्दारों को अब लोग सबक सिखाएंगे। बादल ने कहा कि जो अपनी मां को भूल जाए उससे बुरा इंसान कोई नहीं।
बादल ने कहा कि यदि सुखबीर सिंह बादल भी शिअद को छोड़ दे तो किसी ने सुखबीर बादल को भी सत श्री अकाल नहीं बुलानी। शिअद की जड़े इतनी मजबूत है कि दोबारा फिर से अकाली दल की फौज पंजाब में काम करेगी।
विधायक मनप्रीत सिंह अय्याली।
पढ़े कौन है विधायक मनप्रीत अय्याली
मनप्रीत सिंह अय्याली पंजाब विधानसभा में शिरोमणि अकाली दल के नेता रहे हैं। वह वर्तमान में दाखा विधानसभा क्षेत्र के विधायक है। अय्याली का जन्म 6 जनवरी 1975 को हुआ था। उनके पिता गुरचरणजीत सिंह एक राजनीतिज्ञ और किसान हैं। उनके पिता 15 साल तक अपने गांव के सरपंच रहे हैं। अय्याली ने 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद कॉलेज छोड़ दिया। 1998 में, वे अपने गांव की कृषि समिति के अध्यक्ष बने और बाद में सरपंच के रूप में कार्य किया। 2007 में वे लुधियाना जिला परिषद के अध्यक्ष बने।
2012 में पहली बार लड़ा विधान सभा चुनाव
पहली बार 2012 से 2017 तक शिरोमणि अकाली दल के लिए विधायक रहे। 2014 में अयाली ने लुधियाना लोकसभा सीट के लिए सांसद का चुनाव लड़ा, लेकिन रवनीत सिंह बिट्टू से तीसरे स्थान पर हार गए। अय्याली ने 2007 से 2013 तक लुधियाना जिला परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और 2013 में उन्हें भारत के प्रधान मंत्री की उपस्थिति में देश में सर्वश्रेष्ठ जिला परिषद अध्यक्ष का पुरस्कार मिला।
2017 में अय्याली एचएस फुल्का से 4,169 वोटों से सीट हार गए थे। फुल्का के इस्तीफे और उसके बाद हुए उपचुनाव के बाद 2019 में उन्होंने संदीप संधू को हराकर फिर से सीट हासिल की। अय्याली 2022 में तीसरी बार दाखा विधानसभा क्षेत्र से जीते। पंजाब विधानसभा में शिअद के केवल तीन सफल उम्मीदवार थे। आम आदमी पार्टी ने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में 117 में से 92 सीटें जीतकर सोलहवीं पंजाब विधानसभा में 79% का मजबूत बहुमत हासिल किया।
2022 के भारतीय राष्ट्रपति चुनाव के लिए शिअद ने एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने का फैसला किया, बावजूद इसके कि शिअद अब एनडीए का हिस्सा नहीं है। अय्याली ने चुनाव में मतदान से परहेज किया।