2011 में हमारे पास गंभीर और युवराज सिंह थे… भारत के वर्ल्ड कप 2023 प्लान में है सबसे बड़ा झोल, रवि शास्त्री ने किया एक्सप्लेन
ऐप पर पढ़ें
आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 भारत की मेजबानी में खेला जाना है। भारतीय क्रिकेट फैन्स उम्मीद लगाए बैठे हैं कि टीम इंडिया 2011 वर्ल्ड कप का इतिहास दोहराएगी, हालांकि रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम की राह कांटे भरी होने वाली है। भारत ने 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीती थी। 2013 में आखिरी बार भारत ने आईसीसी ट्रॉफी जीती थी और 10 साल से आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म नहीं हो पा रहा है। विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक पहुंची थी। टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और हेड कोच रवि शास्त्री ने बताया कि टीम इंडिया के 2023 वर्ल्ड कप के प्लान में कहां सबसे बड़ा झोल नजर आ रहा है। शास्त्री ने कहा कि टीम इंडिया के पास बाएं हाथ के बल्लेबाजों की कमी है और यह टीम को टूर्नामेंट में भारी पड़ सकता है। शास्त्री ने कहा कि टॉप-6 बल्लेबाजों में कम से कम आपको दो बाएं हाथ के बल्लेबाज की जरूरत होती है।
अगर WC सेमीफाइनल में पहुंचा भारत तो इस स्टेडियम में खेला जाएगा मैच!
द वीक को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘भारत के लिए यह चैलेंजिंग होने वाला है, फॉर्म बहुत अहम हो जाती है, आपको सही बैलेंस पर ध्यान लगाने की जरूरत है। क्या आपको लगता है कि एक बाएं हाथ के बल्लेबाज से फर्क पड़ेगा? मैं यह नहीं कह रहा कि ओपनिंग साझेदारी में एक बाएं हाथ का बल्लेबाज होना ही चाहिए, लेकिन टॉप-3 या टॉप-4 में तो होना ही चाहिए। मैं टॉप-6 में कम से कम दो बाएं हाथ के बल्लेबाजों का ऑप्शन देखना चाहूंगा।’
अगर WC सेमीफाइनल में पहुंचा भारत तो इस स्टेडियम में खेला जाएगा मैच!
उन्होंने आगे कहा, ‘जब भी भारतीय टीम ने अच्छा किया है, बाएं हाथ के बल्लेबाजों का रोल रहा है, 2011 में आपके पास गौतम गंभीर थे, युवराज सिंह थे और सुरेश रैना थे। 1974 की बात करें तो एल्विन कालीचरन, रॉय फ्रेडरिक्स, क्लाइव लॉयड थे, 1979 में भी ऐसा ही था। 1983 में ऐसा नहीं था, लेकिन तब सबकुछ बहुत अलग था। ऑस्ट्रेलिया के पास काफी लेफ्ट हैंडर्स बल्लेबाज रहे हैं। 1996 में श्रीलंका के पास सनत जयसूर्या, अर्जुन राणातुंगा, असांका गुरुसिंहा थे।’ रवि शास्त्री से जब पूछा गया कि बाएं हाथ के बल्लेबाजों में किन क्रिकेटरों को भारतीय टीम में आजमाया जा सकता है, तो उन्होंने कहा, ‘आपके पास ईशान किशन हैं, आपके पास संजू सैमसन हैं, आपके पास यशस्वी जयसवाल हैं, तिलक वर्मा हैं, ऐसे बहुत बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, जो सीनियर क्रिकेटरों को रिप्लेस कर सकते हैं।’
ऐप पर पढ़ें
आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 भारत की मेजबानी में खेला जाना है। भारतीय क्रिकेट फैन्स उम्मीद लगाए बैठे हैं कि टीम इंडिया 2011 वर्ल्ड कप का इतिहास दोहराएगी, हालांकि रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम की राह कांटे भरी होने वाली है। भारत ने 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीती थी। 2013 में आखिरी बार भारत ने आईसीसी ट्रॉफी जीती थी और 10 साल से आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म नहीं हो पा रहा है। विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक पहुंची थी। टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और हेड कोच रवि शास्त्री ने बताया कि टीम इंडिया के 2023 वर्ल्ड कप के प्लान में कहां सबसे बड़ा झोल नजर आ रहा है। शास्त्री ने कहा कि टीम इंडिया के पास बाएं हाथ के बल्लेबाजों की कमी है और यह टीम को टूर्नामेंट में भारी पड़ सकता है। शास्त्री ने कहा कि टॉप-6 बल्लेबाजों में कम से कम आपको दो बाएं हाथ के बल्लेबाज की जरूरत होती है।
अगर WC सेमीफाइनल में पहुंचा भारत तो इस स्टेडियम में खेला जाएगा मैच!
द वीक को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘भारत के लिए यह चैलेंजिंग होने वाला है, फॉर्म बहुत अहम हो जाती है, आपको सही बैलेंस पर ध्यान लगाने की जरूरत है। क्या आपको लगता है कि एक बाएं हाथ के बल्लेबाज से फर्क पड़ेगा? मैं यह नहीं कह रहा कि ओपनिंग साझेदारी में एक बाएं हाथ का बल्लेबाज होना ही चाहिए, लेकिन टॉप-3 या टॉप-4 में तो होना ही चाहिए। मैं टॉप-6 में कम से कम दो बाएं हाथ के बल्लेबाजों का ऑप्शन देखना चाहूंगा।’
अगर WC सेमीफाइनल में पहुंचा भारत तो इस स्टेडियम में खेला जाएगा मैच!
उन्होंने आगे कहा, ‘जब भी भारतीय टीम ने अच्छा किया है, बाएं हाथ के बल्लेबाजों का रोल रहा है, 2011 में आपके पास गौतम गंभीर थे, युवराज सिंह थे और सुरेश रैना थे। 1974 की बात करें तो एल्विन कालीचरन, रॉय फ्रेडरिक्स, क्लाइव लॉयड थे, 1979 में भी ऐसा ही था। 1983 में ऐसा नहीं था, लेकिन तब सबकुछ बहुत अलग था। ऑस्ट्रेलिया के पास काफी लेफ्ट हैंडर्स बल्लेबाज रहे हैं। 1996 में श्रीलंका के पास सनत जयसूर्या, अर्जुन राणातुंगा, असांका गुरुसिंहा थे।’ रवि शास्त्री से जब पूछा गया कि बाएं हाथ के बल्लेबाजों में किन क्रिकेटरों को भारतीय टीम में आजमाया जा सकता है, तो उन्होंने कहा, ‘आपके पास ईशान किशन हैं, आपके पास संजू सैमसन हैं, आपके पास यशस्वी जयसवाल हैं, तिलक वर्मा हैं, ऐसे बहुत बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, जो सीनियर क्रिकेटरों को रिप्लेस कर सकते हैं।’