200 साल पहले 6.8 के भूकंप से कांप चुकी है दिल्ली, लक्ष्मी नगर से JNU तक किस इलाके को कितना खतरा, यहां जानिए
एक्सपर्ट का मानना है कि यहां की लाखों बिल्डिगों में से करीब 90 प्रतिशत बिल्डिंगें तो ऐसी हैं, जो भूकंप के तेज झटके सह ही नहीं सकतीं। सरकारी एजेंसियों के पास भूकंप से बचाव का न तो कोई पुख्ता प्लान है और न ही मशीनरी। लाखों बिल्डिंगों के सेफ्टी ऑडिट के लिए एमसीडी ने सिर्फ 158 सेफ्टी स्ट्रक्चर इंजीनियरों को इंपैनल्ड किया है। अगर इंपैनल्ड इंजीनियर 26 लाख बिल्डिंगों का सेफ्टी ऑडिट करें, तो कई साल लग जाएंगे।
24,73,179 बिल्डिंगों का सर्वे, 266 बिल्डिंग खतरनाक
एमसीडी के सर्वे के मुताबिक, दिल्ली में 26,62,135 बिल्डिंगें हैं, जिनमें से 24,73,179 बिल्डिंगों का सर्वे किया गया। इसमें से 266 बिल्डिंग खतरनाक पाई गईं। इन 266 खतरनाक बिल्डिंगों में से 265 तो नॉर्थ दिल्ली में है। एमसीडी ने इन खतरनाक बिल्डिंगों की जांच के लिए जो पैमाना अपनाया, वह कोई वैज्ञानिक नहीं है। पहली नजर में बिल्डिंगों की हालत देखकर उन्हें खतरनाक घोषित कर दिया। अब यह लोगों के ऊपर निर्भर है कि इन बिल्डिंगों का सेफ्टी ऑडिट कराएं और उन्हें दुरुस्त करें। सेफ्टी ऑडिट की जो पॉलिसी एमसीडी ने बनाई है, उसके तहत बिल्डिंगों का सेफ्टी ऑडिट लोगों को अपनी जेब से ही कराना है। इसलिए लोग इस काम से बचने की ही कोशिश करते हैं। पिछले ढाई-तीन सालों में एमसीडी के स्ट्रक्चरल इंजीनियरों ने सिर्फ 4655 बिल्डिंगों को सेफ्टी ऑडिट के लिए चिन्हित किया और इनमें से 750-800 बिल्डिंगों का ही सेफ्टी ऑडिट हो सका।
डिजास्टर मैनेजमेंट एक्सपर्ट अभय श्रीवास्तव के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में जिस तरह से हाईराइज बिल्डिंगों का भार बढ़ रहा है, उससे दिल्ली-एनसीआर में भूकंप का खतरा अधिक है। दिल्ली की तो करीब 90 प्रतिशत बिल्डिगें खतरनाक हैं। दिल्ली-गुड़गांव बॉर्डर पर भूकंप के सात फॉल्ट्स हैं। सबसे खतरनाक सोहना फॉल्ट है, इसके बाद जानकी फॉल्ट। जिस तरह से बिल्डिंगों का भार बढ़ रहा है और इनमें से कोई भी फॉल्ट जागृत हुआ, तो तबाही मच सकती है। रिक्टर स्केल पर महज 6 तीव्रता वाला भूकंप ही दिल्ली-एनसीआर में तबाही मचाने के लिए काफी है। भूकंप के लिहाज से दिल्ली में लुटियंस जोन, दिल्ली यूनिवर्सिटी एरिया, करोल बाग, जनकपुरी, पश्चिम विहार, रोहिणी, दिल्ली एयरपोर्ट और हौजखास एरिया सबसे खतरनाक है।
जोन | सेफ्टी ऑडिट के लिए चिन्हित | सेफ्टी ऑडिट | बिल्डिंगें गिराईं |
सिटी-एसपी | 391 | 69 | 38 |
सिविल लाइंस | 88 | 33 | 0 |
केशवपुरम | 176 | 78 | 1 |
नरेला | 22 | 14 | 0 |
रोहिणी | 1296 | 101 | 5 |
करोल बाग | 222 | 11 | 2 |
सेंट्रल | 495 | 74 | 1 |
साउथ | 450 | 47 | 0 |
नजफगढ़ | 228 | 54 | 0 |
वेस्ट | 574 | 66 | 6 |
शाहदरा (साउथ) | 444 | 146 | 0 |
शाहदरा (नॉर्थ) | 267 | 65 | 0 |
कुल | 4655 | 758 | 53 |
किन क्षेत्रों को है भूकंप से अधिक खतरा
रेड जोन – यमुना फ्लड प्लेन, पटपड़गंज, मयूर विहार, प्रीत विहार, लक्ष्मी नगर, अक्षरधाम
ऑरेंज जोन – जनकपुरी, वजीराबाद, गीता कॉलोनी, सरिता विहार, लुटियंस जोन, जहांगीरपुरी, पश्चिम विहार, रोहिणी, रिठाला, नॉर्थ कैंपस
ग्रीन जोन – जेएनयू, एम्स, छतरपुर, नारायणा, वसंत कुंज, हौज खास
दिल्ली-एनसीआर में 7 फॉल्ट लाइन
सोहना, दिल्ली फोल्डिंग, दिल्ली-हरिद्वार, दिल्ली-मुरादाबाद, मथुरा, मेन मुरादाबाद और जानकी देवी फॉल्ट हैं। इनमें सबसे खतरनाक सोहना फॉल्ट और दिल्ली फोल्डिंग हैं। मेन मुरादाबाद फॉल्ट के एक्टिव होने पर मेवात, गुड़गांव, तावडू और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भूकंप से खतरा हो सकता है।