200 से लो फ्लोर बसों में महिलाओं के लिए एक भी पिंक बस नहीं | Not a single pink bus in 200 low floor buses | News 4 Social h3>
भोपालPublished: Feb 09, 2024 01:00:10 am
कामकाजी महिलाओं को करना पड़ता है सबसे ज्यादा असुविधा का सामना,80 हजार सरकारी कर्मचारियों में करीब 20 फीसद महिलाएं भी शामिल
भोपाल. सरकार ने भोपाल सहित 16 नगर निगमों में महिलाओं के लिए समर्पित पिंक बस सेवा का ऐलान किया है। राजधानी भोपाल पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर करीब २०० बसें चल रही हैं। लेकिन, अभी एक भी बस महिलाओं के लिए समर्पित नहीं है। आरक्षित बस न होने के कारण महिलाओं को बसों में भीड़भाड़ में यात्रा करनी पड़ती है। इससे कामकाजी महिलाओं को ज्यादा दिक्कत होती है। क्योंकि, पीक ऑवर्स में छेड़छाड़ और चोरी की घटनाएं ज्यादा होती हैं।इस समय जरूरी
सुबह 10 बजे नौकरी पर जाने के लिए और शाम 6 बजे से रात 9 के बीच दफ्तर से घर वापसी के लिए सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन जरूरी है।
इन इलाकों में चाहिए डेडीकेटेड बसें
कामकाजी महिलाओं के लिए एमपी नगर, मंत्रालय, सतपुड़ा,विंध्याचल, पर्यावास भवन, निर्वाचन सदन, विकास प्राधिकरण कार्यालय, गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया एवं मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया के लिए डेडीकेटेड बसें चाहिए। इसके अलावा बैरागढ़, लालघाटी, करौंद, कोलार, शाहपुरा, रातीबड़ और कटारा हिल्स से सुबह-शाम पिंक बसों की जरूरत है।
२०१३ में शुरू हुई सेवा बंद
महिलाओं के लिए वर्ष 2013 में समर्पित बस सेवा शुरू हुई थी। जवाहरलाल नेहरू अर्बन रिनुअल मिशन की इन बसों का बाद में मेंटेनेंस न होने पर इन्हें कंडम घोषित कर दिया गया।
अभी सार्वजनिक परिवहन की यह व्यवस्था
भोपाल शहर में भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के अधिकृत तीन बस ऑपरेटर करीब 200 से अधिक सीएनजी लो फ्लोर बसेंं संचालित कर रहे हैं। भविष्य में 100 बसों के अलावा 100 इलेक्ट्रिक बसें भी चलाने की योजना है।
इन राज्यों में पिंक बस सेवाएं
महिलाओं के लिए दिल्ली,मुंबई, लखनऊ आदि में बहुत पहले से ही पिंक बस सेवाएं चल रही हैं। लखनऊ में तो पिंक बसों में महिलाएं ही ड्राइवर और कंडक्टर भी हैं।
इन रूटों पर कुल बसें
रूट नंबर-कहां से कहां तक- कितनी बसें
एसआर-2-कटारा हिल्स से नेहरू नगर-16
एसआर-4 बैरागढ़ चिचली से करोंद-24
एसआर-5 अवधपुरी से चिरायु हॉस्पिटल-24
एसआर-8 बैरागढ़ चिचली से कोच फैक्टरी-22
टीआर-1 आकृति से चिरायु हॉस्पिटल- 28
टीआर-3 अयोध्या नगर से नारियलखेड़ा – 6
टीआर-4 चिरायु हॉस्पिटल से मंडीदीप- 1
टीआर-4 बी-गांधीनगर से मंडीदीप (वधज़्मान)-26
रूट 115- गांधीनगर से अयोध्या नगर-15
रूट 116- बंगरसिया से पुतलीघर-10
्ररूट 204- भौंरी से मंडीदीप- 26
रूट 208- कोकता से लालघाटी- 20
रूट 303- अयोध्या नगर से रंगमहल- 8
रूट 304- नादरा से नीलबड़-12
रूट 306-एम्स से लालघाटी- 12
रूट 307- रानी कमलापति से ओरिएंटल कॉलेज-8
रूट 308- सुमित्रा परिसर से एम्स-3
रूट 309- अचज़्ना होम्स से लांबाखेड़ा- 12
महिला यात्रियों के लिए शहर में अलग से आरक्षित बसें चलाने की योजना है। सरकार की योजना के अलावा बीसीएलएल भी अपने स्तर पर इस प्रकार की बसों का संचालन कर सकता है।
मनोज राठौर, डायरेक्टर, बीसीएलएल
महिलाओं के सुरक्षित सफर के लिए शहर में एक भी संस्था पिंक बसों का संचालन नहीं करती। बीसीएलएल को अपने बसों के बेड़े में से महिला आरक्षित बस सर्विस बहुत पहले ही शुरु कर देनी चाहिए थी। अब इसकी ज्यादा जरूरत महसूस हो रही है।
राजेंद्र कोठारी, अर्बन डेवलपमेंट एक्सपर्ट
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भोपालPublished: Feb 09, 2024 01:00:10 am
कामकाजी महिलाओं को करना पड़ता है सबसे ज्यादा असुविधा का सामना,80 हजार सरकारी कर्मचारियों में करीब 20 फीसद महिलाएं भी शामिल
भोपाल. सरकार ने भोपाल सहित 16 नगर निगमों में महिलाओं के लिए समर्पित पिंक बस सेवा का ऐलान किया है। राजधानी भोपाल पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर करीब २०० बसें चल रही हैं। लेकिन, अभी एक भी बस महिलाओं के लिए समर्पित नहीं है। आरक्षित बस न होने के कारण महिलाओं को बसों में भीड़भाड़ में यात्रा करनी पड़ती है। इससे कामकाजी महिलाओं को ज्यादा दिक्कत होती है। क्योंकि, पीक ऑवर्स में छेड़छाड़ और चोरी की घटनाएं ज्यादा होती हैं।इस समय जरूरी
सुबह 10 बजे नौकरी पर जाने के लिए और शाम 6 बजे से रात 9 के बीच दफ्तर से घर वापसी के लिए सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन जरूरी है।
इन इलाकों में चाहिए डेडीकेटेड बसें
कामकाजी महिलाओं के लिए एमपी नगर, मंत्रालय, सतपुड़ा,विंध्याचल, पर्यावास भवन, निर्वाचन सदन, विकास प्राधिकरण कार्यालय, गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया एवं मंडीदीप इंडस्ट्रियल एरिया के लिए डेडीकेटेड बसें चाहिए। इसके अलावा बैरागढ़, लालघाटी, करौंद, कोलार, शाहपुरा, रातीबड़ और कटारा हिल्स से सुबह-शाम पिंक बसों की जरूरत है।
२०१३ में शुरू हुई सेवा बंद
महिलाओं के लिए वर्ष 2013 में समर्पित बस सेवा शुरू हुई थी। जवाहरलाल नेहरू अर्बन रिनुअल मिशन की इन बसों का बाद में मेंटेनेंस न होने पर इन्हें कंडम घोषित कर दिया गया।
अभी सार्वजनिक परिवहन की यह व्यवस्था
भोपाल शहर में भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के अधिकृत तीन बस ऑपरेटर करीब 200 से अधिक सीएनजी लो फ्लोर बसेंं संचालित कर रहे हैं। भविष्य में 100 बसों के अलावा 100 इलेक्ट्रिक बसें भी चलाने की योजना है।
इन राज्यों में पिंक बस सेवाएं
महिलाओं के लिए दिल्ली,मुंबई, लखनऊ आदि में बहुत पहले से ही पिंक बस सेवाएं चल रही हैं। लखनऊ में तो पिंक बसों में महिलाएं ही ड्राइवर और कंडक्टर भी हैं।
इन रूटों पर कुल बसें
रूट नंबर-कहां से कहां तक- कितनी बसें
एसआर-2-कटारा हिल्स से नेहरू नगर-16
एसआर-4 बैरागढ़ चिचली से करोंद-24
एसआर-5 अवधपुरी से चिरायु हॉस्पिटल-24
एसआर-8 बैरागढ़ चिचली से कोच फैक्टरी-22
टीआर-1 आकृति से चिरायु हॉस्पिटल- 28
टीआर-3 अयोध्या नगर से नारियलखेड़ा – 6
टीआर-4 चिरायु हॉस्पिटल से मंडीदीप- 1
टीआर-4 बी-गांधीनगर से मंडीदीप (वधज़्मान)-26
रूट 115- गांधीनगर से अयोध्या नगर-15
रूट 116- बंगरसिया से पुतलीघर-10
्ररूट 204- भौंरी से मंडीदीप- 26
रूट 208- कोकता से लालघाटी- 20
रूट 303- अयोध्या नगर से रंगमहल- 8
रूट 304- नादरा से नीलबड़-12
रूट 306-एम्स से लालघाटी- 12
रूट 307- रानी कमलापति से ओरिएंटल कॉलेज-8
रूट 308- सुमित्रा परिसर से एम्स-3
रूट 309- अचज़्ना होम्स से लांबाखेड़ा- 12
महिला यात्रियों के लिए शहर में अलग से आरक्षित बसें चलाने की योजना है। सरकार की योजना के अलावा बीसीएलएल भी अपने स्तर पर इस प्रकार की बसों का संचालन कर सकता है।
मनोज राठौर, डायरेक्टर, बीसीएलएल
महिलाओं के सुरक्षित सफर के लिए शहर में एक भी संस्था पिंक बसों का संचालन नहीं करती। बीसीएलएल को अपने बसों के बेड़े में से महिला आरक्षित बस सर्विस बहुत पहले ही शुरु कर देनी चाहिए थी। अब इसकी ज्यादा जरूरत महसूस हो रही है।
राजेंद्र कोठारी, अर्बन डेवलपमेंट एक्सपर्ट