20 साल बाद ‘गोलीकांड’ का बड़ा फैसला, एक साथ 58 दोषियों को सजा | Big decision of ‘Satna Golikand’ after 20 years, 58 convicts punished | Patrika News h3>
यह है मामला
20 साल पहले 30 अगस्त 2002 को रामनगर निवासी महेश कोल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। डॉक्टरों ने 2 सितंबर तक शव का पोस्टमार्टम नहीं किया। शव का पोस्टमार्टम 3 दिन बाद भी नहीं करने से ग्रामीणों में नाराजगी थी, यह नाराजगी इस कदर बढ़ गई थी कि पथराव व गोलीबारी हो गई। इसमें तीन ग्रामीण राम शिरोमणि शर्मा, सतेंद्र गुप्ता व मणि चौधरी की मौत हो गई थी। 12 लोग घायल हो गए थे। जवाब में ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसमें तत्कालीन एसपी राजाबाबू सिंह और तत्कालीन कलेक्टर एसएन मिश्र को भी चोटें आई थीं।
आरोपियों से मिलने कोर्ट पहुंची भीड़
आरोपियों की सजा के बारे में पता चलते ही उनसे मिलने के लिए बड़ी संख्या में उनके परिजन भी कोर्ट पहुंच गए। हालांकि पुलिस ने उन्हें कोर्ट की बिल्डिंग में घुसने नहीं दिया।
इन मामलों में दोषमुक्तहो चुके थे आरोपी
रामनगर में हुए इस गोलीकांड में जहां तीन ग्रामीणों की जान चली गई। पुलिस ने आंदोलनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसमें एक ही घटना में छह अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए गए थे। इस मामले में भाजपा नेता अरुण द्विवेदी समेत 65 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनके विरुद्ध 32 धाराएं लगाई गईं। 20 साल में 5 प्रकरणों का फैसला आ चुका था। इसमें सभी आरोपी दोषमुक्तपाए गए थे।
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अब आखिरी मामले में नहीं बच सके आरोपी
6ठवां और आखिरी मामला बचा था। आखिरी मुकदमा उपद्रव मचाने, बलवा करने तथा एसपी समेत पुलिस पार्टी पर हमला करने का था। इसमें थाना रामनगर में आरोपियों के खिलाफ धारा 307, 323, 294, 353, 333, 147, 148, 149 के तहत मामला दर्ज था। बुधवार को इस मामले में भी न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया।
65 आरोपियों में से 7 की हो चुकी है मौत
रामनगर गोलीकांड में भाजपा नेता अरुण द्विवेदी, शिवा मिश्रा, हसीनुद्दीन सिद्दिकी कुन्नू, सतेंद्र शर्मा समेत कुल 65 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज था। इन आरोपियों में से रामनाथ गुप्ता समेत 7 आरोपियों की प्रकरण की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। न्यायालय ने चार महिलाओं समेत 58 लोगों को सजा सुनाई।
भाजपा नेता अरुण पर लगा था भीड़ को उकसाने का आरोप
गोलीकांड व पथराव मामले में दोषी करार दिए गए भाजपा नेता अरुण द्विवेदी भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य हैं। वे भाजपा के सतना जिला महामंत्री भी रह चुके हैं। एक अन्य आरोपी शिवा मिश्रा अधिवक्ता भी हैं और भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की सदस्य रह चुकी हैं। घटना के दौरान भीड़ को भड़काने और कलेक्टर-एसपी पर हमला करने के मामले में इन नेताओं को भी आरोपी बनाया गया था।
पहली बार एक साथ 58 लोगों को हुई सजा
अमरपाटन न्यायालय में यह पहली बार हुआ है कि एक साथ इतने लोगों को सजा सुनाई गई। आरोपियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से उन्हें न्यायालय के बरामदे में बैठाया गया था।
यह है मामला
20 साल पहले 30 अगस्त 2002 को रामनगर निवासी महेश कोल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। डॉक्टरों ने 2 सितंबर तक शव का पोस्टमार्टम नहीं किया। शव का पोस्टमार्टम 3 दिन बाद भी नहीं करने से ग्रामीणों में नाराजगी थी, यह नाराजगी इस कदर बढ़ गई थी कि पथराव व गोलीबारी हो गई। इसमें तीन ग्रामीण राम शिरोमणि शर्मा, सतेंद्र गुप्ता व मणि चौधरी की मौत हो गई थी। 12 लोग घायल हो गए थे। जवाब में ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसमें तत्कालीन एसपी राजाबाबू सिंह और तत्कालीन कलेक्टर एसएन मिश्र को भी चोटें आई थीं।
आरोपियों से मिलने कोर्ट पहुंची भीड़
आरोपियों की सजा के बारे में पता चलते ही उनसे मिलने के लिए बड़ी संख्या में उनके परिजन भी कोर्ट पहुंच गए। हालांकि पुलिस ने उन्हें कोर्ट की बिल्डिंग में घुसने नहीं दिया।
इन मामलों में दोषमुक्तहो चुके थे आरोपी
रामनगर में हुए इस गोलीकांड में जहां तीन ग्रामीणों की जान चली गई। पुलिस ने आंदोलनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसमें एक ही घटना में छह अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए गए थे। इस मामले में भाजपा नेता अरुण द्विवेदी समेत 65 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनके विरुद्ध 32 धाराएं लगाई गईं। 20 साल में 5 प्रकरणों का फैसला आ चुका था। इसमें सभी आरोपी दोषमुक्तपाए गए थे।
अब आखिरी मामले में नहीं बच सके आरोपी
6ठवां और आखिरी मामला बचा था। आखिरी मुकदमा उपद्रव मचाने, बलवा करने तथा एसपी समेत पुलिस पार्टी पर हमला करने का था। इसमें थाना रामनगर में आरोपियों के खिलाफ धारा 307, 323, 294, 353, 333, 147, 148, 149 के तहत मामला दर्ज था। बुधवार को इस मामले में भी न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया।
65 आरोपियों में से 7 की हो चुकी है मौत
रामनगर गोलीकांड में भाजपा नेता अरुण द्विवेदी, शिवा मिश्रा, हसीनुद्दीन सिद्दिकी कुन्नू, सतेंद्र शर्मा समेत कुल 65 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज था। इन आरोपियों में से रामनाथ गुप्ता समेत 7 आरोपियों की प्रकरण की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। न्यायालय ने चार महिलाओं समेत 58 लोगों को सजा सुनाई।
भाजपा नेता अरुण पर लगा था भीड़ को उकसाने का आरोप
गोलीकांड व पथराव मामले में दोषी करार दिए गए भाजपा नेता अरुण द्विवेदी भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य हैं। वे भाजपा के सतना जिला महामंत्री भी रह चुके हैं। एक अन्य आरोपी शिवा मिश्रा अधिवक्ता भी हैं और भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की सदस्य रह चुकी हैं। घटना के दौरान भीड़ को भड़काने और कलेक्टर-एसपी पर हमला करने के मामले में इन नेताओं को भी आरोपी बनाया गया था।
पहली बार एक साथ 58 लोगों को हुई सजा
अमरपाटन न्यायालय में यह पहली बार हुआ है कि एक साथ इतने लोगों को सजा सुनाई गई। आरोपियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से उन्हें न्यायालय के बरामदे में बैठाया गया था।