20 मई को होगी ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल: राष्ट्रीय महासचिव ने कहा- देश विरोधी है केंद्र की मौजूदा सरकार, 80 लाख कर्मी होंगे शामिल – Begusarai News

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20 मई को होगी ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल:  राष्ट्रीय महासचिव ने कहा- देश विरोधी है केंद्र की मौजूदा सरकार, 80 लाख कर्मी होंगे शामिल – Begusarai News

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20 मई को होगी ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल: राष्ट्रीय महासचिव ने कहा- देश विरोधी है केंद्र की मौजूदा सरकार, 80 लाख कर्मी होंगे शामिल – Begusarai News

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ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल की जानकारी देते संगठन के अधिकारी।

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ट्रेड यूनियनों द्वारा 20 मई को प्रस्तावित देशव्यापी हड़ताल में अखिल भारतीय कर्मचारी महासंघ से जुड़े करीब 80 लाख कर्मी भी शामिल होंगे। यह बातें अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के महासचिव एवं ट्रेड यूनियन इंटरनेशनल पब्लिक सर्विसेज के सहायक महा

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उन्होंने कहा कि 18 मार्च को दिल्ली के प्यारेलाल भवन में देश के प्रमुख 10 राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन एवं स्वतंत्र सेवा संगठन की संयुक्त कन्वेंशन हुई। कन्वेंशन में नेताओं ने केंद्र सरकार की कॉर्पोरेट पक्षी, पूंजीपति के हित में एवं देश विरोधी, कर्मचारी विरोधी, मजदूर विरोधी कार्रवाई की पुरजोर आलोचना की गई। कहा गया की हमारे देश में 19 श्रम कानून को हटाकर केंद्रीय सरकार ने चार का श्रम कानून लाया।

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यह श्रम कानून मजदूर एवं कर्मचारी विरोधी है। पूर्व में बने श्रम कानून में मजदूरों का हक, सामूहिक सौदेबाजी का अधिकार, न्यूनतम मजदूरी, जॉब की गारंटी का अधिकार था। अब यह UAPA, PMLA भारतीय न्याय संहिता के द्वारा मजदूर कर्मचारियों के संघर्ष को आपराधिक कानून बनाने की मनसा केंद्र सरकार की है। 111 भारतीय न्याय संहिता में मजदूर का कलेक्टिंग बारगेनिंग सांगठनिक अपराध बताया गया है। इसलिए कर नए श्रम कानून को वापस लिया जाए।

20 मई को पूरे देश में हड़ताल पर रहेंगे कर्मचारी

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कन्वेंशन में फैसला लिया गया कि एनपीएस-यूपीएस नहीं चलेगा, सबों को पुराना पेंशन देना होगा। ठेका संविदा मानदेय आउटसोर्सिंग दैनिक वेतन की प्रथा को समाप्त किया जाए। आज नौजवान उच्चतर डिग्री हासिल कर रोड पर भटकने के लिए मजबूर हैं। जबकि सरकारी क्षेत्र में लाखों लाख पद पड़ रिक्त पड़े हुए हैं, इन पर बेरोजगारों को की बहाली की जाए। कन्वेंशन में 17 सूत्री डिमांड शामिल किया गया है। इन समस्याओं को लेकर 20 मई को पूरे देश मे कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।

बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सह अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शशिकांत राय ने कहा कि केंद्र सरकार ने कॉर्पोरेट को लूट की छूट दे रखी है। विभिन्न क्षेत्रों को निजीकरण की ओर धकेला जा रहा है, युवा वर्ग काम की तलाश में भटक रहे हैं। लेकिन सरकार को किसी प्रकार की चिंता नहीं है। PFRDA बिल रद्द कर पुराना पेंशन लागू करने, ठेका, संविदा, मानदेय पर कार्यरत कर्मियों की सेवा नियमित करने, रिक्त पदों पर नियमित बहाली करने, निजीकरण पर रोक लगाने, नई शिक्षा नीति वापसी, बकाया DA का भुगतान सहित विभिन्न बिंदुओं की मांग सरकार से की है।

कर्मचारियों को जागरूक किया जा रहा

उन्होंने कहा अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के द्वारा पूरे देश के कर्मचारी को एकजुट करने के लिए हर राज्य, प्रमंडल, जिला, प्रखंड सहित सभी कार्यालयों में कन्वेंशन, मीटिंग, सभा के द्वारा कर्मियों को जागरूक किया जा रहा है। जिससे संघर्ष के बदौलत हम अपने हकों को प्राप्त कर सकते हैं। इसके तहत बिहार के पटना में कई प्रमंडल, बेगूसराय में चार प्रमंडल एवं समस्तीपुर में कई प्रमंडल का कन्वेंशन के माध्यम से कर्मचारियों को जागरूक किया जा रहा है।

जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक कन्वेंशन कर एक-एक कर्मचारी से मिलकर अपने समस्याओं के लिए समाधान के लिए संघर्ष पर जाने के लिए जागरूक किया जाएगा। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला मंत्री मोहन मुरारी ने कहा कि उपरोक्त समस्याओं को लेकर पूरे जिले में हर अनुमंडल हर प्रखंड हर कार्यालय में एक-एक कर्मचारी से मिलकर उक्त आंदोलन को सफल बनाया जाएगा। मौके पर शंकर मोची, सुनील कुमार, रामानंद सागर, लव कुमार सिंह, अनिल गुप्ता, अनुराग कुमार एवं मनीष कुमार भी उपस्थित थे।

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