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2 बार शिलान्यास के बाद बिथान-हसनपुर रेल सेवा शुरू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाई हरी झंडी, बाढ़ के वक्त अब नाव का नहीं करना होगा सफर – Samastipur News

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2 बार शिलान्यास के बाद बिथान-हसनपुर रेल सेवा शुरू:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाई हरी झंडी, बाढ़ के वक्त अब नाव का नहीं करना होगा सफर – Samastipur News

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2 बार शिलान्यास के बाद बिथान-हसनपुर रेल सेवा शुरू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाई हरी झंडी, बाढ़ के वक्त अब नाव का नहीं करना होगा सफर – Samastipur News

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मिथिलांचल का ड्रीम प्रोजेक्ट हसनपुर-सकरी रेल परियोजना में बिथान-हसनपुर के बीच रेल सेवा की शुरुआत की गुरुवार को हुई। योजना के 2 बार शिलान्यास के बाद मधुबनी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया।

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पहली बार बिथान से ट्रेन सेवा की शुरुआत हुई। अब लोगों को बाढ़ के समय नाव की सवारी नहीं करनी होगी। पहले बाढ़ के दौरान हसनपुर आने के लिए नाव ही एक सहारा था।

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हसनपुर-सकरी 79 किलोमीटर रेल परियोजना पर पिछले 50 साल से काम चल रहा है। हाल ही में रेलवे ने कुशेश्वर पक्षी विहार के पास रेलवे लाइन का रूट बदल दिया है। हसनपुर से बिथान करीब 11 किलोमीटर रेल लाइन पिछले वर्ष ही बन कर तैयार हो गया था। सीआरएस ने निरीक्षण के दौरान ट्रेन चलाने की अनुमति भी प्रदान कर दी थी। लेकिन ट्रेन सेवा शुरू नहीं हो पाई थी।

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कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोग।

1972 में सर्वे की हुई थी घोषणा

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1951 में योजना के लिए जांच की गई, 1953 में रेलवे बोर्ड ने कहा कि बाढ़ के इलाके में यह संभव नहीं। 1972 में तत्कालीन रेलमंत्री स्व. ललित नारायण मिश्रा ने सर्वे की घोषणा की। इसी बीच समस्तीपुर स्टेशन पर बम विस्फोट में ललित बाबू की हत्या हो गई। इसके बाद इस योजना की फाइल बंद कर दी गई। 1997 में रेल मंत्री स्व.रामविलास पासवान ने इस योजना को मिथिलांचल के विकास के लिए जरूरी बताते हुए फिर से फाइल खोली और फंड उपलब्ध कराकर शिलान्यास किया।

यात्रा से पहले टिकट दिखाते यात्री।

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2008 में रोक लगा दी गई थी

इलाके में रेल सुविधा मिलने से विकास की गति तेज होगी। इलाका बाढ़ से प्रभावित रहता है। साल में 6 महीने लोग बाढ़ के बीच रहते हैं। ऐसे में नाव से आना-जाना करना पड़ता है। स्व. रामविलास पासवान के रेलमंत्री से हटते ही कई वर्षों तक इस योजना को राशि नहीं मिली।

लालू प्रसाद के रेल मंत्री बनने पर फंड मिला। दिसंबर 2008 में दरभंगा तत्कालीन डीएफओ दीबंगर ठाकुर ने कुशेश्वर स्थान पक्षी विहार के पास रेलवे लाइन निर्माण पर रोक लगा दी।

डीएफओ ने कहा पक्षी विहार के पास से रेलवे लाइन गुजरने से प्रवासी पक्षी को खतरा है। रेलवे लाइन बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। तब से हरनगर से आगे हसनपुर की ओर रेलवे लाइन का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया। हालांकि हसनपुर की ओर से रेलवे लाइन बनाना शुरू किया गया। अभी हसनपुर से बिथान 11 किलोमीटर रेलवे लाइन बनाई गई है।

जबकि बिथान से आगे कौराही, विरौल, कुशेश्वरस्थान तक रेलवे लाइन बनना बांकी है। योजना के पूरा होने पर मिथिलांचल के इस इलाके में विकास के द्वारा खुलेंगे। वहीं, कोसी-मिथिलांचल की दूरी घट जाएगी। रेलवे लाइन से समस्तीपुर के अलावा खगड़िया और दरभंगा के लोगों को लाभ मिलेगा। उधर दक्षिण बिहार के लोगों को मिथिलांचल में आना होगा आसान।

पहली ट्रेन में सवारी के लिए टिकट लेकर तैयार यात्री।

79 से 81 किमी की हुई योजना

योजना पर दो चारणों में काम चल रहा है। इसके लिए अलग-अगल उप मुख्य अभियंता काम कर रहे हैं। पहले चरण में सकरी से कुशेश्वर स्थान के कार्य को बांटा गया था। सकरी से हरनगर तक रेलवे लाइन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया। ट्रेन हरनगर तक चल भी रही है।

दूसरे चरण में कार्य‌ हसनपुर-कुशेश्वर स्थान की ओर चल रहा है। जिसमें हसनपुर से बिथान रेलवे लाइन आज प्रधानमंत्री ने शुरू की। पहले यह योजना 79 की थी, लेकिन कुशेश्वर पक्षी विहार के कारण रूट बदले जाने से अब यह योजना 81 किलोमीटर की हो गई है।

10 रेलवे स्टेशन का होना है निर्माण

योजना के तहत हसनपुर, बिथान, कौराही, विरौल, कुशेश्वरस्थान, हरनगर, नेडली, बेनीपुर, जगदीशपुर और सकरी को स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है। इसके तहत सकरी, कुशेश्वस्थान और हसनपुर को जंक्शन के अलावा चार क्रॉसिंग स्टेशन, 45 रेलवे गुमटी और 82 छोटे-बड़े पुलों का निर्माण होगा।

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