1975 के आपातकाल की आपबीती सुनायी h3>
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सीतामढ़ी। शहर के रेडक्रॉस सभागार में रविवार को भाजपा बुद्धिजीवी मंच के बैनर तले कवि सम्मेलन के साथ आपातकाल पर परिचर्चा आयोजित की गयी। इसमें वक्ताओं ने 1975 में देश में लगाए गए इमजेंसी के दौरान आपबीती सुनायी। कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इदिरा गांधी ने के लिए आपातकाल लगाया। जिस दौरान देश की जनता पर ही जुल्म कर सत्ता बचाया गया। पूर्व मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहा कि जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्रीमती गांधी को सन 1971 के लोस चुनाव के दौरान गड़बड़ी करने के कारण संसद की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किया तो उन्होंने आपातकाल लागू किया। संविधान के 18 वें भाग के अनुच्छेद 352 से 360 तक आपातकाल का वर्णन है। ऐसी घोषणा तभी हो सकती है जब देश के किसी भाग में सशस्त्र विद्रोह या देश किसी युद्ध में फंस जाए। पूर्व मंत्री ने कहा अभी तो प्रधानमंत्री ने अपने नौ साल के दौरान बेमिसाल कार्य कर दुनियां में देश को सशक्त किया है। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मनीष कुमार ने किया। सम्मेलन को विधायक अनिल कुमार, मिथिलेश कुमार, पूर्व विधायक नगीना देवी, वैद्यनाथ प्रसाद, सुबोध कुमार सिंह उमेश चन्द्र झा, विवेक कुमार, अवनीश कुमार सिंह, प्रो.रामचन्द्र सिंह आदि ने संबोधित किया।
अधिकार में कटौती का प्रयास स्वीकार नहीं करेगी जनता
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सीतामढ़ी। देश में लगे आपातकाल की बरसी को काला दिवस के रूप में जेपी सेनानियों के संगठन 74के लोग ने लोहिया आश्रम में मनाया। भाई रघुनाथ की अध्यक्षता में हुई इस सभा ने मांग की गई कि आपातकाल के दुहराव को असंभव करने के लिए उपयुक्त संवैधानिक प्रावधान किए जाए। जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ईश्वर चंद्र मिश्र ने कहा कि जनांदोलनों को संघटित किए जाने पर जोर दिया जाना चाहिए। डॉ ब्रजेश कुमार शर्मा ने आपातकाल के विरुद्ध हुए संघर्ष को याद करते हुए कहा कि जनता के अधिकारों में कटौती करने की सरकारी कोशिशों को देश की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी और उसे प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। डॉ शशिरंजन कुमार ने कहा कि आपातकाल में सत्ता के जनविरोधी हो गए थे।
आपातकाल में स्थगित हो गये थे चुनाव
पुपरी। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के शासनकाल में लगाए गए आपातकाल के खिलाफ काला दिवस मनाया गया। सभी ने 21 महीने के आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल बताया। नगर मंडल अध्यक्ष रंधीर चौधरी के नेतृत्व में प्रमुख वक्ताओं ने कहा कि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक भारत में आपातकाल घोषित था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने संविधान की अनुच्छेद 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए एवं नागरिक अधिकारों को समाप्त करके मनमानी की गई। इंदिरा गांधी ने राजनीतिक विरोधियों को कैद करवा दी। प्रेस पर प्रतिबंधित लगा दिया गया। प्रधानमंत्री के बेटे संजय गांधी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर पुरुष नसबंदी अभियान चलाया गया। जयप्रकाश नारायण ने इसे ह्यभारतीय इतिहास की सर्वाधिक काली अवधि ह्य कहा था। कार्यक्रम में प्रमोद शर्मा,भोगेंद्र गिरी,सुजीत मिश्र, शिवचंद्र मिश्र, अरविन्द मिश्र, ललन मिश्र, भूलन झा,वैधनाथ मिश्र,हेमंत गिरी,रामबाबू पासवान समेत अन्य मौजूद थे।
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यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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सीतामढ़ी। शहर के रेडक्रॉस सभागार में रविवार को भाजपा बुद्धिजीवी मंच के बैनर तले कवि सम्मेलन के साथ आपातकाल पर परिचर्चा आयोजित की गयी। इसमें वक्ताओं ने 1975 में देश में लगाए गए इमजेंसी के दौरान आपबीती सुनायी। कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इदिरा गांधी ने के लिए आपातकाल लगाया। जिस दौरान देश की जनता पर ही जुल्म कर सत्ता बचाया गया। पूर्व मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहा कि जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्रीमती गांधी को सन 1971 के लोस चुनाव के दौरान गड़बड़ी करने के कारण संसद की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित किया तो उन्होंने आपातकाल लागू किया। संविधान के 18 वें भाग के अनुच्छेद 352 से 360 तक आपातकाल का वर्णन है। ऐसी घोषणा तभी हो सकती है जब देश के किसी भाग में सशस्त्र विद्रोह या देश किसी युद्ध में फंस जाए। पूर्व मंत्री ने कहा अभी तो प्रधानमंत्री ने अपने नौ साल के दौरान बेमिसाल कार्य कर दुनियां में देश को सशक्त किया है। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मनीष कुमार ने किया। सम्मेलन को विधायक अनिल कुमार, मिथिलेश कुमार, पूर्व विधायक नगीना देवी, वैद्यनाथ प्रसाद, सुबोध कुमार सिंह उमेश चन्द्र झा, विवेक कुमार, अवनीश कुमार सिंह, प्रो.रामचन्द्र सिंह आदि ने संबोधित किया।
अधिकार में कटौती का प्रयास स्वीकार नहीं करेगी जनता
सीतामढ़ी। देश में लगे आपातकाल की बरसी को काला दिवस के रूप में जेपी सेनानियों के संगठन 74के लोग ने लोहिया आश्रम में मनाया। भाई रघुनाथ की अध्यक्षता में हुई इस सभा ने मांग की गई कि आपातकाल के दुहराव को असंभव करने के लिए उपयुक्त संवैधानिक प्रावधान किए जाए। जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ईश्वर चंद्र मिश्र ने कहा कि जनांदोलनों को संघटित किए जाने पर जोर दिया जाना चाहिए। डॉ ब्रजेश कुमार शर्मा ने आपातकाल के विरुद्ध हुए संघर्ष को याद करते हुए कहा कि जनता के अधिकारों में कटौती करने की सरकारी कोशिशों को देश की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी और उसे प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। डॉ शशिरंजन कुमार ने कहा कि आपातकाल में सत्ता के जनविरोधी हो गए थे।
आपातकाल में स्थगित हो गये थे चुनाव
पुपरी। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के शासनकाल में लगाए गए आपातकाल के खिलाफ काला दिवस मनाया गया। सभी ने 21 महीने के आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल बताया। नगर मंडल अध्यक्ष रंधीर चौधरी के नेतृत्व में प्रमुख वक्ताओं ने कहा कि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक भारत में आपातकाल घोषित था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने संविधान की अनुच्छेद 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए एवं नागरिक अधिकारों को समाप्त करके मनमानी की गई। इंदिरा गांधी ने राजनीतिक विरोधियों को कैद करवा दी। प्रेस पर प्रतिबंधित लगा दिया गया। प्रधानमंत्री के बेटे संजय गांधी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर पुरुष नसबंदी अभियान चलाया गया। जयप्रकाश नारायण ने इसे ह्यभारतीय इतिहास की सर्वाधिक काली अवधि ह्य कहा था। कार्यक्रम में प्रमोद शर्मा,भोगेंद्र गिरी,सुजीत मिश्र, शिवचंद्र मिश्र, अरविन्द मिश्र, ललन मिश्र, भूलन झा,वैधनाथ मिश्र,हेमंत गिरी,रामबाबू पासवान समेत अन्य मौजूद थे।
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