18 साल पहले लगा ‘अवैध’ गेट बंद, स्कूली बच्चों की राह में रोड़ा, 32 साल पहले बसी सोसायटी पर नगर निगम का चाबुक

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18 साल पहले लगा ‘अवैध’ गेट बंद, स्कूली बच्चों की राह में रोड़ा, 32 साल पहले बसी सोसायटी पर नगर निगम का चाबुक

18 साल पहले लगा ‘अवैध’ गेट बंद, स्कूली बच्चों की राह में रोड़ा, 32 साल पहले बसी सोसायटी पर नगर निगम का चाबुक

फरीदाबाद : सूरजकुंड रोड स्थित सबसे बड़ी चार्मवुड विलेज सोसायटी का मेन गेट सील कर सड़क तोड़ने के बाद से करीब दो लाख लोगों की परेशानी बढ़ गई है। नगर निगम की इस कार्रवाई से आठ छोटी-बड़ी सोसायटियों व दो कॉलोनियों के लोगों को करीब दो किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है। रास्ते के इस विवाद का असर ऐसा हुआ कि गुरुवार को आसपास के ज्यादातर बच्चे स्कूल ही नहीं जा पाए, क्योंकि सड़क खुदी होने और गेट बंद होने के कारण स्कूल बसें अंदर नहीं आ पाईं। वहीं जो बच्चे स्कूल गए, उनके माता-पिता उन्हें गोद में उठाकर बाहर तक छोड़ते दिखे। लोगों ने कहा कि यहां करीब 18 साल पहले गेट लगाया गया था, जिसे अब अवैध बताते हुए बंद कर दिया गया है। नगर निगम की फीस बिल्डर ने नहीं जमा कराई है तो निगम बिल्डर से बात कर मामला सुलझाए, लेकिन नगर निगम की टीम ने गेट बंद कर लाखों लोगों की समस्या बढ़ा दी है। सोसायटी के अंदर स्कूल, अस्पताल, कम्यूनिटी सेंटर में आने-जाने में दिक्कत हो रही है। स्थानीय निवासियों की मांग की है कि गेट खोला जाए। लोगों ने यह सवाल भी उठाया है कि 32 साल पहले सोसायटी बनी थी, तब नगर निगम को कार्रवाई करनी चाहिए थी। यहां लोग रहने लगे हैं तो निगम को अब कार्रवाई की याद क्यों आई है। गुरुवार को आरडब्ल्यूए ने मामले में निगम कमिश्नर से बात की। उन्होंने समस्या के समाधान का भरोसा दिया। आरडब्ल्यूए ने कहा है कि दो दिन में समस्या का समाधान न होता है तो वह आगे कार्रवाई करेंगे।

लोगों का सवाल, 32 साल पहले बसी सोसायटी, तब निगम कहां था
सूरजकुंड के पास दिल्ली बॉर्डर से सटी पॉश सोसायटी चार्मवुड विलेज 1990 में बसनी शुरू हो चुकी थी। ऑल आरडब्ल्यूए के कन्वीनर महेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि चार्मवुड विलेज 30 एकड़ में बसी है। यहां पर 8 छोटी-बड़ी सोसायटियां हैं, जिनमें 3 हजार फ्लैट हैं। इनके अलावा अंदर छोटे-बड़े 20 स्कूल, 15 कम्यूनिटी सेंटर, 4 अस्पताल हैं। इन सभी में हर रोज हजारों लोग आते-जाते हैं। चार्मवुड के साथ से जो रास्ता गुजरता है, उसका इस्तेमाल दयालबाग, शिवदुर्गा विहार, लकड़पुर के लोग भी करते हैं। कुल मिलाकर करीब दो लाख की करीब आबादी इस रास्ते का इस्तेमाल करती है, लेकिन नगर निगम की टीम ने सूरजकुंड की तरफ से एंट्री करने वाले मुख्य गेट को सील कर दिया। लोगों का कहना है कि मामला बिल्डर और नगर निगम का है, फिर भी निगम को नोटिस देना चाहिए। निगम ने कोई नोटिस नहीं दिया और मुख्य गेट सील कर रास्ता खोद दिया।

अंदर के रास्ते पर लगने लगा जाम
स्थानीय लोगों ने बताया कि मुख्य रास्ता सील होने के बाद स्कूल बसें अंदर नहीं आ पा रही हैं, वहीं अंदर के स्कूल की बसें भी दूसरे रास्ते से जा रही हैं। लकड़पुर की तरफ से एक एंट्री है, लेकिन वहां दो दिन से जाम लग रहा है। सभी लोग सोसायटी के अंदर आने के लिए उसी इस्तेमाल कर रहे हैं।

कब खुलेगा सुलह का रास्ता

  • 30 एकड़ में बसी है चार्मवुड विलेज
  • 8 छोटी-बड़ी सोसायटियां हैं
  • इनके अंदर 3 हजार फ्लैट हैं
  • 20 स्कूल, 15 कम्यूनिटी सेंटर और 4 अस्पताल हैं

अफसर बोले, नोटिस का जवाब नहीं दे रहा बिल्डर
नगर निगम के सीनियर आर्किटेक्ट बीएस ढिल्लो ने बताया कि चार्मवुड विलेज ने जिस जमीन पर गेट लगाया है, उसके आसपास 1200 वर्गगज जमीन पर कब्जा किया है। बिल्डर को कई नोटिस दिए, मीटिंग में भी बुलाया, लेकिन वह नहीं आए। कहा गया कि जिस जमीन पर कब्जा है, उसकी फीस जमा कराए पर कोई फीस जमा नहीं कराई गई। नोटिस का कोई जवाब नहीं आया, इसलिए कार्रवाई करनी पड़ी।

बिल्डर का कहना, हमें कोई नोटिस नहीं मिला
मामले में इरोज ग्रुप के एस्टेट ऑफिसर सतीश कुमार ने बताया कि नगर निगम ने जो कार्रवाई की है, वह पूरी तरह से गलत है। बिल्डर ग्रुप का कोई भी बकाया नहीं है। हमारे गेट को गलत तरीके से सील किया है। इसके अलावा सड़क भी खोद दी, ये पूरी तरह से गलत है। हमें कोई नोटिस भी नहीं दिया गया।

क्या बोले जिम्मेदार ?
जिस रास्ते को खोदा है और वहां गेट सील किया है, वहां नगर निगम की जमीन है। इस जमीन की फीस जमा कराने के लिए 5 साल से बिल्डर को नोटिस दे रहे हैं, साथ ही उनके साथ मीटिंग कर इस मामले को सुलझाने के लिए कहा है, लेकिन बिल्डर की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। बिल्डर को वह रास्ता चाहिए तो वह सरकार के नियमानुसार जमीन की फीस दे तो हम गेट खोल देंगे। बाकी सवाल इतने वर्ष पहले कार्रवाई न करने का है तो यह मेरे कार्यकाल से पहले की बात है। इस संबंध में रेकॉर्ड देखकर बता पाएंगे।
-यशपाल यादव, नगर निगम कमिश्नर

नगर निगम ने बिना नोटिस दिए कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के बाद चार्मवुड विलेज के 3 हजार फ्लैट धारकों के अलावा कॉलोनियों के लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। नगर निगम को फीस बिल्डर ने नहीं जमा कराई तो बिल्डर को नोटिस देना चाहिए, इसमें जनता का क्या दोष। हमारी यही मांग है कि गेट को खोला जाए और तोड़ी गई सड़क को बनाया जाए।
महेंद्र कुमार गुप्ता, कन्वीनर, ऑल आरडब्ल्यूए चार्मवुड विलेज

सोसायटी के लोगों के अलावा बाहर की कॉलोनियों के लोग भी इस मुख्य रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। हर रोज 15 से 20 हजार वाहन रोड से गुजरते हैं। मुख्य रास्ता बंद होने से सोसायटी के अंदर बने अस्पताल, स्कूल आने-जाने वालों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। लोगों को लकड़पुर की साइड से बने रास्ते का इस्तेमाल करना पड़ रहा है, जो काफी दूर है।
-सीके सेठी, प्रधान, साउथ एंड चार्मवुड विलेज आरडब्ल्यूए

कार्रवाई पूरी तरह से गलत है, क्योंकि यहां की जनता नगर निगम को टैक्स देती है। वहीं सभी तरह की फीस लोगों ने बिल्डर को भी दे दी है। अब बिल्डर ने जमीन की फीस नगर निगम को नहीं दी तो इसके लिए बिल्डर पर कार्रवाई करनी चाहिए। हम आम जनता को क्यो परेशान किया जा रहा है। नगर निगम को गेट खोल देना चाहिए।
-प्रतीत सक्सेना, इरोज ब्लॉक-3

मुख्य रास्ते को सील करने के बाद गुरुवार को हमारी सोसायटी के ज्यादातर बच्चे स्कूल नहीं गए। इससे आम लोगों को परेशानी हो रही है। लोगों को दूसरे रास्ते से दो किलोमीटर घूमकर जाना पड़ रहा है।
-प्रीति जगवानी, रेजिडेंट्स, केनवुड सोसायटी

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