1400 किमी लंबी, फरीदाबाद के आएंगे 17 गांव… पर अरावली में अवैध कब्जों से कैसे साकार होगा ग्रीन वॉल का सपना?
मई व जून में होगा काम
ग्रीन वॉल पांच किलोमीटर चौड़ी और 1400 किलोमीटर लंबी होगी, जिसमें पेड़-पौधे लगाकर हराभरा किया जाएगा। फरीदाबाद में भी 17 गांवों के अंदर पौधरोपण कर ग्रीन वॉल बनाने की तैयारी की जा रही है। काम मई व जून में किया जाएगा। स्थानीय पर्यावरणविद का कहना है कि ग्रीन वॉल तैयार करने से पहले अरावली के अंदर रोड़ी-बजरी बनाने वालों का जो कब्जा होता जा रहा है, उसे हटाना होगा। पर्यावरणविद विष्णु गोयल ने बताया कि अनंगपुर चौक से सूरजकुंड के लिए चलेंगे तो कुछ दूरी पर जाकर ही उल्टे साइड जंगलों में रोड़ी-बजरी तोड़ कर उन्हें बेचने वाले माफिया काम कर रहे हैं। ट्रक अंदर जाकर रोड़ी-बजरी उठाते हैं और उसे बेचने के लिए ले जाते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान भारी मात्रा में धूल उड़ती है जो जंगल के पेड़ों को नष्ट कर रही है आज भी सड़कों पर धूल जमी है।
इस बारे में सूचना मिली है। अरावली से अवैध कब्जा हटाने को लेकर जो कार्रवाई वन विभाग करेगा, उसी दौरान इस कब्जे को भी हटाया जाएगा। फिलहाल कर्मचारी भेजकर वहां चेक करवा लेंगे कि कितना कब्जा हो चुका है।
राजकुमार, ज़िला वन अधिकारी
हरियाली को बचाने की कोशिश नहीं, नए पौधे लगाने की तैयारी
जिला वन विभाग ने ग्रीन वॉल बनाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। नर्सरी के अलावा पर्यावरण से जुड़ी संस्थाओं की नर्सरियों में पहाड़ी पौध उगाने की तैयारी शुरू की है, ताकि मई के अंत में और जून के शुरू में पौधरोपण शुरू किया जा सके। इस दौरान अरावली के अंदर वॉटर बॉडी को भी दुरुस्त करने का काम किया जाएगा। फरीदाबाद अरावली में पांच तालाबों को दुरुस्त करने का टारगेट रखा गया है, लेकिन इन सब कामों का फायदा तब होगा, जब अरावली क्षेत्र में धूल उड़ने से रोकी जाएगी। ऐसा तभी हो पाएगा, जब यहां से अवैध कब्जे हटाकर पत्थर माफिया पर कार्रवाई होगी। कुल मिलाकर पहले की हरियाली को बचाने की कोशिश नहीं की जा रही और नए पौधे लगाने की तैयारी हो रही है।
17 गांव बसे हैं अरावली में
ग्रीन वॉल प्रॉजेक्ट के तहत फरीदाबाद में अरावली के अंदर बसे 17 गांव ऐसे हैं, जहां ग्रीन वॉल के लिए पौधा रोपण का काम किया जाएगा। इन गांवों में पाली, पाखल, मोहब्ताबाद, नयागांव, गोठड़ा, बास, सिलाखरी, धौज़, आलमपुर,सिरोही, कोट, भांकरी, नवादा, बड़खल, अनंगपुर, अनखीर, मांगर शामिल है। इन सभी गांवों के लोगों को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा और कुछ संस्थाओं के सदस्यों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।