12 साल की बेटी को इलाज नहीं मिला, मौत: 2 साल में प्रशासन परिजन नहीं ढूंढ़ पाया, मौत होने के 48 घंटे बाद कैसे आ गए – Alwar News

3
12 साल की बेटी को इलाज नहीं मिला, मौत:  2 साल में प्रशासन परिजन नहीं ढूंढ़ पाया, मौत होने के 48 घंटे बाद कैसे आ गए – Alwar News
Advertising
Advertising

12 साल की बेटी को इलाज नहीं मिला, मौत: 2 साल में प्रशासन परिजन नहीं ढूंढ़ पाया, मौत होने के 48 घंटे बाद कैसे आ गए – Alwar News

ये है मासूम प्रियंका। जिसकी मौत हो गई।

Advertising

अलवर में प्रशासन की गंभीर लापरवाही के कारण 12 साल की लावारिश बेटी प्रियंका पुत्री कालीचरण की मौत हो गई। 2 साल में प्रशासन नाबालिग के परिजनों को नहीं ढूंढ़ सका। लेकिन मौत के 48 घंटे बाद ही पुलिस परिजनों को लेकर आ गई। यही नहीं बालिका को ब्रेन टीबी होने

.

Advertising

2 साल पहले मिली, जनवरी में ब्रेन टीबी

आरती बालिका गृह के संचालक चेतराम सैनी ने बताया कि यह बालिका 2 साल पहले अलवर शहर में लावारिश मिली थी। उसी समय से अलवर में रह रही है। अब 5वीं कक्षा में पढ़ती थी। 29 जनवरी 2025 को उसकी तबीयत खराब हुई थी। उसके बाद स्कूल नहीं गई। तभी सैटेलाइट अस्पताल कालाकुआं में दिखाया था। वहां प्रारंभिक इलाज कराया था। अगले दिन 30 जनवरी को कुछ जांच भी कराई गई। लेकिन उसी रात को बालिका की तबीयत अधिक खराब हो गई। उसके बाद शिशु अस्पताल में भर्ती कराया गया। 5 दिन तक ICU भर्ती रहा। वहां MRI कराने के बाद पता लगा कि बालिका को ब्रेन टीबी है। कुछ सुधार होने पर सामान्य वार्ड में भर्ती कर लिया। लेकिन 5 दिन बाद वापस तबीयत खराब हो गई। फिर वापस आईसीयू में भर्ती कराया। लेकिन शिशु अस्पताल से वापस जिला अस्पताल में वेंटिलेटर लिया गया। 11 जनवरी को सुबह 6 बजे बालिका की मौत हो गई। उससे पहले अलवर जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बालिका को जयपुर रैफर कर दिया था। लेकिन इलाज कराने नहीं ले गए। आखिर वेंटिलेटर पर बालिका ने 11 फरवरी की सुबह 7 बजे दम तोड़ दिया।

10 फरवरी को बालिका को रैफर कर दिया था। लेकिन लेकर नहीं जाया गया। 11 फरवरी को सुबह मौत हो गई।

Advertising

अब देखिए, जिम्मेदार कैसे पल्ला झाड़ रहे

आरती बालिका गृह में बालिका रह रही थी। उसके संचालक चेतराम सैनी ने पूरी जानकारी देने के बाद कहा कि बालिका के बीमार होने की सूचना दे दी थी। बालिका को 10 फरवरी की शाम को रैफर कर दिया था। उसकी जानकारी बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक रविकांत को अवगत कराया दिया गया था। लेकिन जयपुर ले जाने का इंतजाम नहीं किया गया। हमें कोरोना काल के बाद अनुदान ही नहीं मिला है। इसलिए नहीं ले जा सके।

आरती बालिका गृह में रह रही थी बालिका। 2 साल तक यहां रही। इलाज नहीं मिला तो मौत हो गई।

Advertising

CWC के अध्यक्ष बोले – लापरवाही रही

CWC के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने कहा कि उसे पास 10 फरवरी को बालिका को जयपुर रैफर करने की सूचना मिली थी। हमने तुरंत विभाग के सहायक निदेशक को अवगत करा दिया था। आगे इलाज कराने की जिम्मेदारी विभाग की थी। बालिका के परिजनों को नहीं ढूंढ़ने में भी विभाग की लापरवाही रही है। अब बालिका कीमौत होने के बाद पुलिस परिजनों को लेकर आ गई।

ये CWC के अध्यक्ष व सदस्यों ने विभाग के अधिकारी को 10 फरवरी को अवगत कराया था कि बालिका की तबीयत खराब है। आगे इंतजाम कराएं। इसको लेकर विभाग के सहायक निदेशक का कहना है कि यह लेटर उसे नहीं मिला था।

विभाग के सहायक निदेशक बोले – जानकारी नहीं दी

उधर, विभाग के सहायक निदेशक रविकांत का कहना है कि उसे मामले की जानकारी नहीं दी गई। न कोई मेल आया न दूसरे तरीके से जानकारी। बालिका की मौत होने के बाद बताया गया। जबकि आरती बालिका गृह को जयपुर ले जाकर इलाज कराना चाहिए था।

राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News

Advertising