12वीं पास क्लर्क ने किया 5 करोड़ का गबन, पुलिस को बताया फर्जीवाड़े का चौंकाने वाला तरीका

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12वीं पास क्लर्क ने किया 5 करोड़ का गबन, पुलिस को बताया फर्जीवाड़े का चौंकाने वाला तरीका

12वीं पास क्लर्क ने किया 5 करोड़ का गबन, पुलिस को बताया फर्जीवाड़े का चौंकाने वाला तरीका


इंदौर: मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में एक और घोटाला सामने आया है। इंदौर कलेक्टर ने हाल ही में शासकीय राशि में हेरफेर पकड़ी थी, यह राशि की हेरफेर करने वाला कोई और नहीं बल्कि कलेक्टर कार्यालय का ही बाबू मिलाप चौहान था। शुरुआत में लगभग एक करोड़ रूपये की राशि के गबन का अनुमान था, लेकिन दो या तीन दिनों में ही यह आंकड़ा पांच करोड़ के पार पहुंच गया। कलेक्टर कार्यालय से मिली शिकायत के आधार पर पुलिस ने बाबू मिलाप चौहान, उसकी पत्नी अन्य रिश्तेदारों समेत कुल 29 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपी मिलाप चौहान को गिरफ्तार कर लिया। वहीं अब अन्य की तलाश की जा रही है। मिलाप चौहान ने कहा कि उसने पैसे से अय्याशी नहीं की बल्कि दोस्तों की मदद की।

दरअसल, कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ बाबू मिलाप चौहान पर करोड़ो के गबन के गंभीर आरोप है, वह 12 वीं पास है और अनुकम्पा नियुक्ति पाकर वह नौकरी में आया था। उसने सरकार के लेखा अफसरों की अनदेखी का भरपूर फायदा उठाया और हितग्राही मूलक योजना के वापस आने वाले पैसे में सेंधमारी कर दी। ये पैसा अपनी पत्नी और साले के खाते में ट्रांसफर करता रहा। इतना ही नहीं यह खेल लम्बे समय तक जारी रहा। शुरुआत में ये आंकड़ा महज 1.04 करोड़ का था। जिसमें खुद के अलावा पत्नी के खाते में जमा हुई राशि का पता चला था लेकिन बाद में जानकारी मिली कि चौहान ने लगभग 29 खातों में पैसे जमा कराए थे।

29 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज
कलेक्टर इलैया राजा ने मिलाप चौहान के गबन के उजागर होते ही प्रशासनिक अफसरों की एक टीम गठित कर दी थी। इस टीम का नेतृत्व एडीएम राजेश राठौर कर रहे थे, गबन उजागर होने के बाद राठौर ने खुद मिलाप चौहान से विस्तृत पूछताछ की। तकनीकी छानबीन भी की, लगभग पांच करोड़ का खुलासा तो खुद राठौर ही कर चुके थे। वसूली के नाम पर मिलाप चौहान ने प्रशानिक अफसरों का सहयोग नहीं किया। उसके बाद कलेक्टर कार्यालय से मिली शिकायत के आधार पर रावजी बाजार थाना पुलिस ने गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया। इसमें मिलाप चौहान उसकी पत्नी, समेत कुल 29 लोग शामिल है।

कैसे करता था हेरफेर
पूछताछ में मिलाप ने अफसरों को यह भी बताया कि वह खाताधारकों को कुछ पैसे देता था। इसके बाद वह सभी को भरोसा भी दिलाता था कि यह कोई घोटाले गबन की राशि नहीं है, बल्कि यह तो शासकीय राशि है। किसी के भी ध्यान में भी नहीं आएगा और उसके इस घटनाक्रम की जानकारी बड़े अफसरों को भी है। ऐसा कहकर वह खाताधारको को भरोसे में लेता था।
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अय्याशी के लिए नहीं लिया पैसा
घोटालेबाज बाबू मिलाप चौहान ने कोर्ट पेशी के दौरान मीडिया से चर्चा में कहा की मैंने रुपए अपने दोस्तों की मदद के लिए दिए हैं। कहीं अय्याशी नहीं की है। मिलाप ने कहा की मैं दो बार गोवा भी जा चुका हूं। मिलाप चौहान ने कहा कि मैंने यह रुपए अपने दोस्तों की मदद के लिए दिया है। मैंने इस पैसे का इस्तेमाल घूमने, फिरने और पार्टी में खर्च किए हैं। मिलाप ने कहा की मैंने मुंबई की होटलों पर यह पैसा खर्च किया है, लेकिन मैंने किसी प्रकार की अय्याशी नहीं कि है।

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