112 वॉर्डों में 50 पर्सेंट से भी कम वोटिंग हुई, साउथ दिल्ली सबसे फिसड्डी

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112 वॉर्डों में 50 पर्सेंट से भी कम वोटिंग हुई, साउथ दिल्ली सबसे फिसड्डी

112 वॉर्डों में 50 पर्सेंट से भी कम वोटिंग हुई, साउथ दिल्ली सबसे फिसड्डी

विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः एमसीडी चुनावों की वोटिंग से जुड़े विस्तृत आंकड़े सोमवार को सामने आए, जिनसे वोटिंग का ट्रेंड काफी हद तक साफ हो गया। साउथ दिल्ली के पॉश इलाकों में रहने वाले लोग वोटिंग के मामले में सबसे फिसड्डी साबित हुए, वहीं सबसे पिछड़े माने जाने वाले दिल्ली के ग्रामीण इलाकों और यमुनापार में रहने वाले रहने वाले लोगों ने बंपर वोटिंग करके लोकतंत्र की लाज बचाने का काम किया।

चुनाव आयोग से मिले आंकड़ों के अनुसार, इस बार दिल्ली नगर निगम के चुनाव में कुल 50.48% वोटिंग हुई, जो 2007 के बाद सबसे कम है। वर्ष 2007 के निगम चुनाव में महज 43.2% ही वोटिंग हुई थी। इस बार भी स्थिति ठीक नहीं लग रही थी, लेकिन करीब डेढ़ करोड़ वोटरों में से आधे लोगों ने मतदान करके किसी तरह वोटिंग के फाइनल फिगर को 50 पर्सेंट तक पहुंचा ही दिया। एमसीडी चुनाव में 50 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व होने के बावजूद वोटिंग के मामले में महिलाएं पुरुषों से पीछे नजर आईं। चुनाव में जहां 51.03% पुरुषों ने वोट डाले, वहीं महिलाओं की तादाद केवल 49.83% रही। भाटी वॉर्ड में सबसे ज्यादा 65.49 पर्सेंट महिलाओं ने वोट डाले, वहीं बख्तावरपुर वॉर्ड में सबसे ज्यादा 66.93 प्रतिशत पुरुष मतदाताओं ने वोटिंग की।
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दिल्ली में कम वोटिंग होने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी रहा कि 250 वॉर्डों में से 112 वॉर्ड ऐसे रहे, जहां 50 पर्सेंट से भी कम वोटिंग हुई। इनमें से भी 8 वॉर्डों में तो 40 प्रतिशत से भी कम मतदान हुआ, जबकि बाकी के 104 वॉर्डों में 40 से 50 पर्सेंट के बीच वोटिंग हुई। सबसे कम वोटिंग एंड्रयूजगंज, हौज खास, ग्रेटर कैलाश, द्वारका-बी, ग्रीन पार्क, मुनीरका, वसंत विहार और लाडो सराय में हुई। ये सभी साउथ और साउथ-वेस्ट दिल्ली के पॉश कॉलोनियों वाले वॉर्ड हैं। यहां केवल 33 से 39 प्रतिशत के बीच ही मतदान हुआ। पूरी दिल्ली में केवल 11 वॉर्ड ऐसे रहे, जहां 60 पर्सेंट से ज्यादा वोटिंग हुई, वहीं 127 वॉर्डों में मतदान का प्रतिशत 50 से 60 पर्सेंट के बीच रहा।

इसके अलावा इस बार कई मुस्लिम बहुल इलाकों में भी वोटिंग को लेकर बहुत ज्यादा उत्साह देखने को नहीं मिला। साउथ दिल्ली के ओखला इलाके के मुस्लिम बहुत वॉर्डों में 45 प्रतिशत के करीब ही मतदान हुआ। हालांकि, यमुनापार के मुस्लिम बहुल इलाकों में जरूर अच्छी वोटिंग हुई। झुग्गी बस्तियों और अनधिकृत कॉलोनियों में भी वोटिंग का ट्रेंड इस बार काफी मिलाजुला रहा और कहीं कोई बहुत बड़ा रिकॉर्ड नहीं बन गया। पंजाबी और सिख बहुल इलाकों में भी वोटिंग का ट्रेंड इस बार फीका ही रहा।

टॉप-3 वॉर्ड, जहां सबसे ज्यादा वोटिंग हुई

  • बख्तावरपुर – 65.72%
  • बृजपुरी – 62.95%
  • भाटी – 62.49%


टॉप-3 वॉर्ड, जहां सबसे कम वोटिंग हुई

  • एंड्रयूजगंज – 33.74%
  • हौज खास – 38.72%
  • ग्रेटर कैलाश – 38.99%

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