10वी की फर्जी अंकसूची लगाकर 12 साल की नौकरी, अब 5 साल की जेल | crime news | Patrika News
सतनाPublished: Dec 03, 2022 02:20:59 am
5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 40 हजार रूपए का अर्थदंड से दंडित
5 वर्ष का सश्रम कारावास
सतना। जिले में पदस्थ्य एक वनरक्षक को फर्जी अंकसूची लगाकर नौकरी हथियाना महंगा पड़ गया। फर्जीवाड़ा सामने आने पर अब न्यायालय ने आरोपी वनरक्षक को पांच साल के लिए जेल भेज दिया है।
चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश सतना इंदुकांत तिवारी ने कर्मचारी कांग्रेश के प्रांतीय अध्यक्ष एवं संरक्षक मुनेंद्र सिंह परिहार पिता जगन्नाथ सिंह उम्र 48 वर्ष निवासी बिहरा क्र. 2 थाना रामपुर बघेलान जिला सतना को कूट रचित अंकसूची को वनरक्षक के पद पर नियुक्ति हेतु वन मंडल कार्यालय में आवेदन के साथ प्रस्तुत करने का दोषी पाए जाने पर सभी अपराध धाराओं में 5 वर्ष की सश्रम कारावास एवं 40 हजार रूपए का अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड भुगतान न करने की स्थिति में प्रत्येक अपराध धारा के लिए छह-छह माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाइ है।
मामले में राज्य की ओर से पैरवी करने वाले लोक अभियोजक रमेश मिश्रा ने बताया अभियुक्त मुनेंद्र सिंह परिहार दक्षिण वन मंडल पन्ना सतना वन मंडल में मस्टररोल श्रमिक के रूप में कार्यरत था। शासन की नीति के अनुसार मस्टरोल श्रमिकों को नियमित सेवा में लिए जाने हेतु कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल के पत्र दिनांक 20 अगस्त 2008 के निर्देशानुसार अहर्ता निश्चित करते हुए श्रमिकों को वनरक्षक चयन परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु अवसर दिया गया था जिसकी परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता हाई स्कूल उत्तीर्ण रखी गई थी। अभियुक्त वनरक्षक हाई स्कूल की अंकसूची प्रस्तुत कर उक्त चयन परीक्षा हेतु स्वयं को पात्र दर्शा कर चयन परीक्षा में शामिल होकर नियमित नियुक्ति पाने में सफल होकर दक्षिण वन मंडल पन्ना में पद स्थिति प्राप्त कर लिया था।
अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत अंकसूची को सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल को भेजकर अंकसूची की वैधानिकता की जानकारी मांगी गई। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने अवगत कराया की अंकसूची कूट रचित है अभियुक्त को कार्यालय से 10 फरवरी 2009 को पत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया था किंतु अव्यक्त कोई समाधान कारक उत्तर नहीं दे सका। जिस पर वन मंडल अधिकारी वन मंडल सतना ने 26 फरवरी 2009 के साथ विभिन्न दस्तावेजों की प्रतिलिपि सहित पुलिस थाना सिविल लाइन सतना भेज कर अभियुक्त के विरुद्ध धारा 420 467 468 पंजीबद्ध कराया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त मुनेंद्र सिंह परिहार के विरुद्ध अपराध सिद्ध पाए जाने पर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जिसका विचारणा चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश सतना द्वारा किया गया।
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सतनाPublished: Dec 03, 2022 02:20:59 am
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सतना। जिले में पदस्थ्य एक वनरक्षक को फर्जी अंकसूची लगाकर नौकरी हथियाना महंगा पड़ गया। फर्जीवाड़ा सामने आने पर अब न्यायालय ने आरोपी वनरक्षक को पांच साल के लिए जेल भेज दिया है।
चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश सतना इंदुकांत तिवारी ने कर्मचारी कांग्रेश के प्रांतीय अध्यक्ष एवं संरक्षक मुनेंद्र सिंह परिहार पिता जगन्नाथ सिंह उम्र 48 वर्ष निवासी बिहरा क्र. 2 थाना रामपुर बघेलान जिला सतना को कूट रचित अंकसूची को वनरक्षक के पद पर नियुक्ति हेतु वन मंडल कार्यालय में आवेदन के साथ प्रस्तुत करने का दोषी पाए जाने पर सभी अपराध धाराओं में 5 वर्ष की सश्रम कारावास एवं 40 हजार रूपए का अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड भुगतान न करने की स्थिति में प्रत्येक अपराध धारा के लिए छह-छह माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाइ है।
मामले में राज्य की ओर से पैरवी करने वाले लोक अभियोजक रमेश मिश्रा ने बताया अभियुक्त मुनेंद्र सिंह परिहार दक्षिण वन मंडल पन्ना सतना वन मंडल में मस्टररोल श्रमिक के रूप में कार्यरत था। शासन की नीति के अनुसार मस्टरोल श्रमिकों को नियमित सेवा में लिए जाने हेतु कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक भोपाल के पत्र दिनांक 20 अगस्त 2008 के निर्देशानुसार अहर्ता निश्चित करते हुए श्रमिकों को वनरक्षक चयन परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु अवसर दिया गया था जिसकी परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता हाई स्कूल उत्तीर्ण रखी गई थी। अभियुक्त वनरक्षक हाई स्कूल की अंकसूची प्रस्तुत कर उक्त चयन परीक्षा हेतु स्वयं को पात्र दर्शा कर चयन परीक्षा में शामिल होकर नियमित नियुक्ति पाने में सफल होकर दक्षिण वन मंडल पन्ना में पद स्थिति प्राप्त कर लिया था।
अभियुक्त द्वारा प्रस्तुत अंकसूची को सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल को भेजकर अंकसूची की वैधानिकता की जानकारी मांगी गई। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने अवगत कराया की अंकसूची कूट रचित है अभियुक्त को कार्यालय से 10 फरवरी 2009 को पत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया था किंतु अव्यक्त कोई समाधान कारक उत्तर नहीं दे सका। जिस पर वन मंडल अधिकारी वन मंडल सतना ने 26 फरवरी 2009 के साथ विभिन्न दस्तावेजों की प्रतिलिपि सहित पुलिस थाना सिविल लाइन सतना भेज कर अभियुक्त के विरुद्ध धारा 420 467 468 पंजीबद्ध कराया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त मुनेंद्र सिंह परिहार के विरुद्ध अपराध सिद्ध पाए जाने पर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जिसका विचारणा चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश सतना द्वारा किया गया।
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