‘हैंडपंप’लगाने वाली सर्वे टीम ने पकड़ा था IM के आतंकी शहज़ाद को, बटला हाउस एनकाउंटर में शहज़ाद का चौंकाने वाला सच

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‘हैंडपंप’लगाने वाली सर्वे टीम ने पकड़ा था IM के आतंकी शहज़ाद को, बटला हाउस एनकाउंटर में शहज़ाद का चौंकाने वाला सच

‘हैंडपंप’लगाने वाली सर्वे टीम ने पकड़ा था IM के आतंकी शहज़ाद को, बटला हाउस एनकाउंटर में शहज़ाद का चौंकाने वाला सच

नई दिल्ली: इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी शहजाद उर्फ पप्पू की बीमारी हालत में इलाज के दौरान मौत हो गई। शहजाद को 2008 के चर्चित बटला हाउस एनकाउंटर में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या करने का दोषी ठहराया गया था। शहजाद की मौत के बाद उसके आतंकी मॉड्यूल से जुड़े काफी किस्से चर्चा में हैं। उन्हीं में से एक है उसका पकड़ा जाना। क्या आपको पता है कि शहजाद को इंडियन मार्का का ‘हैंडपंप लगाने वाली सर्वे टीम’ ने पकड़ा था! जी हां, यह सच है। यह रोचक खुलासा एनबीटी से खुद वर्तमान में राज्यसभा सांसद बृजलाल ने किया। बृजलाल उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी और शहजाद को पकड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले तत्कालीन एडीजी लॉ एंड ऑर्डर व एटीएस- एसटीएफ चीफ थे।

आजमगढ़ में सर्विलांस का प्लान

राज्यसभा सांसद बृजलाल ने बताया कि यूपी एटीएस ने शहजाद को फरवरी 2010 में उसके आजमगढ़ स्थित होम टाउन बिलरियागंज स्थित घर से पकड़ा था। हमें इनपुट मिला कि बटला हाउस केस में फरार अहम आरोपी शहजाद आजमगढ़ में घर पर छिपा हो सकता है। उस समय इस पर 5 लाख का इनाम था। चूंकि आजमगढ़ का वो एरिया बेहद संवेदनशील था। सर्विलांस करने के लिए सबसे बड़ी दिक्कत थी कि वहां कैसे जाएं, कैसे रुकें, कैसे उसे पकड़ें। क्योंकि अनजान चेहरों को घूमते देख वहां के लोग शक करते।

हैंडपंप लगाने के बहाने रेकी की

हैंडपंप लगाने के बहाने रेकी की

मैंने अपनी एटीएस की वो टीम तैयार की, जो हमारे पूरे ऑपरेशन के नाटकीय घटनाक्रम के लिए फिट बैठती हो। टीम को पहले तो सभी जरूरी डिवाइस दिए। फिर उन्हें इंडिया मार्का हैंडपंप थमा दिया। टीम के कुछ साथियों के हाथ में हैंडपंप के बिल, फाइल दी गई। टीम को पूरी स्क्रिप्ट पढ़ाकर सबके रोल फिक्स कर दिए। उनसे कहा कि वह एरिया में जाएंगे और बताएंगे कि गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की योजना है, अल्पसंख्यक इलाके में पेयजल की। इसके तहत हैंडपंप लगाने के लिए सर्वे करने आए हैं। टीम ने जाकर वहां पेयजल सर्वे के बहाने उन जगहों पर सर्विलांस करना शुरू कर दिया। कभी इस गली तो, कभी उस मुहल्ले और कभी छिपने के संभावित लोकेशन वाली जगह पर।

कबाड़ीवाला बनाया गया SI को

-si-

उस टीम में एक सब इंस्पेक्टर को कबाड़ीवाला बनाया गया था। उसने हुलिया बदला। लुंगी पहन, गले में गमछा डाला हुआ था। दो दिन हैंडपंप सर्वे टीम (एटीएस टीम) घूमती रही। लोकल लोगों से मिलकर पेयजल और हैंडपंप की योजना बनाती रही। इस पूरे ऑपरेशन में मैंने सबसे अहम फैसला ये लिया कि लोकल पुलिस को कोई भनक नहीं होने दी। सर्वे करने गई टीम ने तीसरे दिन जाकर हमें इनपुट भेजा कि सर, एक कमरे में शहजाद की झलक दिखाई पड़ी है। हमने तुरंत ऑर्डर दिया कि अंदर घुस जाओ और गाड़ी में डालकर निकल जाओ। हमें इसका अहसास था कि एक्शन का वहां जरूर रिएक्शन होगा। अंदाजा था कि जैसे ही शहजाद उर्फ पप्पू को पकड़ेंगे, वहां के स्थानीय लोग उसे छुड़ाने की कोशिश करेंगे। रास्ता भी ब्लॉक कर सकते हैं। हुआ भी वही।

सबसे खतरनाक था ‘आजमगढ़ मॉड्यूल’

सबसे खतरनाक था ‘आजमगढ़ मॉड्यूल’

बृजलाल ने बताया कि हमने सबसे सेफ रोड आजमगढ़ से गोरखपुर रोड निकलने के लिए टीम को बोल दिया। जैसे ही एटीएस के लड़कों ने शहजाद को गाड़ी में खींचकर डाला। उसके बाद वहां के लोगों ने बनारस, मऊ, जौनपुर रोड ब्लॉक कर दिया। टायर जलाकर प्रोटेस्ट शुरू कर दिया। शहजाद के अपहरण का हल्ला मचा दिया। वहां लॉ एंड ऑर्डर प्रॉब्लम शुरू हो गई। मुझे मीडिया में आकर पीसी करके खुलासा करना पड़ा कि शहजाद को एटीएस टीम ने उठाया है। इसे लेकर लखनऊ आए। पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस को सौंपा।

पाकिस्तान से ट्रेंड हुए 23 आतंकी थे मॉड्यूल में

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बृजलाल ने बताया कि इंडियन मुजाहिदीन का सबसे खतरनाक था ‘आजमगढ़ मॉड्यूल’। बटला हाउस में जितने आतंकी थे, ये सभी संकट मोचन ब्लास्ट, शीतला घाट ब्लास्ट, जयपुर ब्लास्ट, अहमदाबाद ब्लास्ट, 2005 में दिल्ली के सरोजिनी नगर, पहाड़गंज ब्लास्ट, जर्मन बेकरी ब्लास्ट, 2006 में मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट जैसे अनेकों आतंकी घटनाओं में हाथ था। ये टोटल ब्लास्ट आजमगढ़ मॉड्यूल के ही थे। आजमगढ़ मॉड्यूल में 23 आतंकी तो पाकिस्तान में ट्रेंड हुए थे।

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