हिजाब विवाद: कर्नाटक के बाद UP पहुंचा बवाल, छात्राओं का आरोप- हिजाब पहनने पर कॉलेज ने नहीं दी एंट्री, क्‍या बोलीं प्राचार्य

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हिजाब विवाद: कर्नाटक के बाद UP पहुंचा बवाल, छात्राओं का आरोप- हिजाब पहनने पर कॉलेज ने नहीं दी एंट्री, क्‍या बोलीं प्राचार्य

मोदीनगर: कर्नाटक से उठा हिजाब विवाद (Karnataka Hjab Row) अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शैक्षणिक संस्थानों में गरमाने लगा है। ताजा मामला गाजियाबाद (Ghaziabad) के गिन्नी देवी गर्ल्स कॉलेज, मोदीनगर (Ginni Devi Girls College Modinagar) का है। सोमवार को कॉलेज में छात्राओं के हिजाब पहनकर प्रवेश नहीं करने देने के विरोध में जमकर हंगामा हुआ। छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इसका वीडियो वायरल होने के बाद से विवाद ने तूल पकड़ा है। दरअसल, गिन्नी देवी गर्ल्स डिग्री कॉलेज में सोमवार को बिना यूनिफॉर्म के चेहरे को हिजाबनुमा पकड़े से ढककर पहुंचीं समुदाय विशेष की छात्राओं को प्रवेश करने से रोके जाने के मामले को कुछ लोग बड़ा बनाने की कोशिश में जुट गए है। वहीं, कुछ लोग छात्राओं से मिलकर इस मामले को गरमाने की फिराक में भी हैं। बुधवार को कॉलेज की प्रधानाचार्य व सीओ ने इस संबंध में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ड्रेस कोड के विवाद को हिजाब से जोड़कर न देखा जाए।

गिन्नी देवी डिग्री कॉलेज में सोमवार को टैबलेट वितरण का कार्यक्रम हुआ था। इस दौरान पास की एक कॉलोनी में रहने वाली समुदाय विशेष की कुछ छात्राएं टैबलेट लेने गई थीं। गर्मी के चलते ये छात्राएं अपने चेहरे को हिजाबनुमा कपड़े से ढके हुए थीं। चेहरा कवर होने पर कॉलेज के गार्ड ने छात्राओं को मेन गेट पर ही रोक दिया था। जिसके बाद छात्राओं ने कॉलेज के गेट पर जमकर हंगामा किया था। जिसके बाद कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. वंदना शर्मा ने छात्राओं को समझा बुझाकर मामले को शांत करा दिया था।

बेवजह मामले को तूल दे रहे हैं कुछ लोग
कॉलेज की प्राचार्य वंदना शर्मा ने कहा कि पूरा मामला कॉलेज की ड्रेस व अनुशासन से जुड़ा हुआ है। इस घटना के बाद से कुछ लोग मामले को हिजाब से जोड़कर बेवजह तूल देने का प्रयास कर रहे हैं। मंगलवार को भी कॉलेज के सामने हंगामा करने व पुलिस द्वारा छात्राओं को हिरासत में लिए जाने की अफवाह को हवा दी गई। सीओ सुनील कुमार का कहना है कि शहर के माहौल को खराब करने वालों से पुलिस सख्ती से निपटेगी। पुलिस ने किसी भी छात्रा को थाने में नहीं बुलाया और न ही किसी छात्रा के अभी तक बयान लिए गए हैं। पुलिस अपने स्तर से अराजक तत्वों पर नजर रख रही है।

छात्राओं ने लगाया है प्रवेश नहीं करने देने का आरोप
छात्राओं के एक समूह ने आरोप लगाया है कि उन्हें हिजाब पहनकर सोमवार को मोदीनगर स्थित उनके कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया। इस मामले में कॉलेज प्रशासन का कहना है कि लड़कियां यूनिफॉर्म में नहीं थीं, इसलिए उन्हें प्रवेश नहीं मिला। इसके बाद लड़कियों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में छात्राएं कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेजाबी करती दिख रही हैं। बीए सेकंड ईयर की छात्रा अलीशा ने कहा कि हमने प्राचार्य से बात करने की कोशिश की। उन्होंने जब हमें हिजाब पहने देखा तो अंदर जाने से मना कर दिया। उन्होंने हमें यूनिफॉर्म में आने के लिए कहा। हम पहले से यूनिफॉर्म में थे। छात्राओं ने मेरठ रोड पर भी विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की।

पुलिस के हस्तक्षेप के बाद कॉलेज गई छात्राएं
प्रदर्शन की जानकारी मिलने के बाद वहां पुलिस पहुंची थी। इस मामले में एक छात्रा ने बताया कि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद हमें कॉलेज के अधिकारियों ने भीतर जाने की अनुमति दी। हालांकि, गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं की है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है। छात्राओं ने कहा कि हमलोग आमतौर पर कक्षाओं में ही यूनिफॉर्म में रहती हैं। वहीं, कॉलेज प्रशासन ने कहा कि कैंपस में छात्राओं को यूनिफार्म के साथ-साथ हेडस्कार्फ लगाने की अनुमति है। कॉलेज प्रशासन पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं।

प्राचार्य ने कहा, हमने कुछ गलत नहीं किया
प्राचार्य वंदना शर्मा ने कहा कि सोमवार को 69 टैबलेट का वितरण होना था। इसमें से 55 छात्राओं को टैबलेट वितरित किए गए। जो छात्राएं यूनिफॉर्म में नहीं थीं, उन्हें ही केवल कैंपस में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली। उन्हें समारोह में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अब वे हिजाब का मुद्दा बना रहे हैं। वे कॉलेज के यूनिफॉर्म में नहीं थीं। हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। ग्रामीण एसपी इराज राजा ने कहा कि पुलिस को अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है, लेकिन सोशल मीडिया पर वीडियो के व्यापक रूप से प्रसारित होने के बाद जांच शुरू कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि लड़कियां कॉलेज यूनिफॉर्म में नहीं थीं। इसलिए, कॉलेज ने उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। हम उन सभी छात्राओं से पूछताछ करेंगे, जो कॉलेज के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।

डीएम ने भी दिया बड़ा बयान
गाजियाबाद के डीएम आरके सिंह ने कहा कि यह घटना हिजाब को लेकर नहीं थी। अगर स्कूल के प्रिंसिपल ने छात्रों को उचित यूनिफॉर्म में नहीं होने के कारण प्रवेश से वंचित कर दिया था, तो यह हिजाब से संबंधित कोई बात नहीं है। पुलिस की जांच चल रही है और इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। कॉलेज प्रशासन पर यह आरोप कर्नाटक हिजाब विवाद के बाद सामने आया है। जनवरी में उडुपी और मंगलुरु के दो सरकारी कॉलेजों में कथित तौर पर छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण प्रवेश पर रोक लगाने का मामला सामने आया था। इस घटना पर पूरे देश में बवाल मचा था। कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस विवाद में कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम के केंद्र में नहीं है। साथ ही, यह धर्म की स्वतंत्रता के उचित प्रावधानों के तहत भी नहीं आता है। इस पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।

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