हवा में कोरोना, Work from home मोड में लोग, क्यों बढ़ गई शराब की खपत?

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हवा में कोरोना, Work from home मोड में लोग, क्यों बढ़ गई शराब की खपत?

हाइलाइट्स:

  • देश में पिछले साल ऑन ट्रेड चैनल की मदद से 11 फ़ीसदी शराब बेची गई।
  • साल 2019 में इस चैनल के जरिए देश की कुल शराब खपत का 27 फ़ीसदी खर्च हुआ था।
  • इंटरनेशनल वाइन एंड स्पिरिट्स रिसर्च (IWSR) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

नई दिल्ली
देश के बार और रेस्टोरेंट (bars and restaurants) में साल 2020 में शराब की खपत सिर्फ 10 फ़ीसदी रह गई। देश में शराब की कुल खपत में बार और रेस्टोरेंट (bars and restaurants)की हिस्सेदारी करीब एक तिहाई है। कोरोना संकट (Covid-19 pandemic) की वजह से देश में बार और रेस्तरां (bars and restaurants) को पिछले साल बंद करना पड़ा था। इसके बाद शराब (Liquor) पसंद करने वाले लोगों ने घर पर ही शराब (alcohol at home) पीना शुरू कर दिया। हाल में ही सामने आए आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले साल ऑन ट्रेड चैनल की मदद से 11 फ़ीसदी शराब बेची गई।

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बढ़ गई शराब की बिक्री
पिछले साल कोरोनावायरस संकट (Covid-19 pandemic) की वजह से बार और रेस्तरां कई महीनों तक बंद रहे। बाद में उन्हें जब कामकाज करने की इजाजत मिली तो वह भी बहुत कम क्षमता के साथ मिली। साल 2019 में इस चैनल के जरिए देश की कुल शराब खपत का 27 फ़ीसदी खर्च हुआ था। लोगों ने घर में शराब ( alcohol at home) पीना शुरू कर दिया और इस वजह से ऑफ प्रिमाइस या रिटेल स्टोर की बिक्री 88 फ़ीसदी पर पहुंच गई। साल 2019 में यह 73 फ़ीसदी पर थी। इंटरनेशनल वाइन एंड स्पिरिट्स रिसर्च (IWSR) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

ऑन ट्रेड बिजनेस पर जोर
यूनाइटेड स्पिरिट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर आनंद कृपालु ने कहा, “कोरोना संकट (Covid-19 pandemic) के दौर में लोगों को यह लगा कि घर में शराब ( alcohol at home) पीना सस्ता हो सकता है। इसके साथ ही कैजुअल गेट टुगेदर की संख्या कम होने की वजह से घर में लोगों के लिए शराब पीने पर खर्च पर काबू पाना आसान रहा। हमने बहुत से ग्राहकों की मांग पर ऑन ट्रेड कारोबार को दुरुस्त करने के लिए कई प्रयास शुरू किए हैं और उम्मीद है कि अब जल्द ही ऑन ट्रेड बिजनेस शुरू हो जाएगा।

पब तक लाने को नया अभियान
यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड की मालिक डियाजियो ने लोगों को रेस्टोरेंट और पब तक वापस लाने के लिए एक नया अभियान शुरू किया है। पिछले कैलेंडर वर्ष में स्प्रिट का ओवरऑल मार्केट 20 फीसदी तक गिर गया। इस अवधि में वॉल्यूम 27.7 करोड़ केस रहा। पिछले कैलेंडर वर्ष में बियर सेगमेंट में सबसे अधिक कमजोरी देखी गई और यह 39 फीसदी कम होकर 19.3 करोड़ केस पर पहुंच गया।

ऑनलाइन सेल से मदद नहीं
देश के कई राज्यों में Covid-19 pandemic में अल्कोहल की होम डिलीवरी की इजाजत दी गई है। इसके बाद शराब की ऑनलाइन सेल बढ़ने की उम्मीद थी, इस पर भी हालांकि डिलीवरी चार्ज, नियामक के अनिश्चित कदम और निवेश करने में हिचकिचाहट के साथ ही डिलीवरी के कमजोर फ्रेमवर्क का असर पड़ने की आशंका है। पिछले साल ऑनलाइन चैनल की मदद से 53.5 करोड रुपये के शराब की बिक्री की गई। यह ओवरऑल स्प्रिट मार्केट का 0.1 फीसदी है।

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