हर्षा भोगले ने अपने इस ट्वीट के लिए मांगी माफ़ी, कही दिल छू लेने वाली बात | harsha bhogle apologise for useing girl word for deepti sharma in his tweet | Patrika News

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हर्षा भोगले ने अपने इस ट्वीट के लिए मांगी माफ़ी, कही दिल छू लेने वाली बात | harsha bhogle apologise for useing girl word for deepti sharma in his tweet | Patrika News


हर्षा भोगले ने अपने इस ट्वीट के लिए मांगी माफ़ी, कही दिल छू लेने वाली बात | harsha bhogle apologise for useing girl word for deepti sharma in his tweet | Patrika News

हर्षा ने अपने के ट्वीट में दीप्ति शर्मा को ‘गर्ल’ कह कर संबोधित किया था। हर्षा ने लिखा था कि मुझे यह बहुत परेशान कर रहा है कि इंग्लैंड में मीडिया का एक बहुत बड़ा वर्ग एक लड़की से सवाल पूछ रहा है जो खेल के नियमों के तहत खेल रही है। हर्षा ने अपने इस ट्वीट के लिए माफी मांगी है और लिखा, ‘कुछ महिलाओं ने मुझसे संपर्क किया और कहा कि हाल के एक ट्वीट में “लड़की” शब्द का मेरा चुनाव सही नहीं था। उस शब्द का चयन अनजाने में किया गया है लेकिन वह अपमानजनक है। मैं उसके लीये माफी मांगता हूं और उन सभी महिलाओं का धन्यवाद करता हूं। मैं उसे सार्वजनिक डोमेन में रख रहा हूं ताकि अन्य पुरुषों को पता चले कि इससे महिलाओं को चोट पहुंचती है।’

उनके इस ट्वीट पर ऋतुपर्णा चटर्जी ने लिखा, ‘धन्यवाद हर्षा भोगले।’ बता दें हर्षा ने ट्वीट में लिखा था कि, ‘मुझे ये बात बहुत ही परेशान कर रही है कि इंग्लैंड की मीडिया का एक बहुत बड़ा हिस्सा एक ऐसी लड़की पर सवाल उठा रहा हैं। जिसने खेल के नियमों के दायरे में रहकर खेला और कोई भी उस खिलाड़ी पर सवाल नहीं उठा रहा है। जो गैरकानूनी तरीके से फायदा उठाने की कोशिश कर रही थी और ऐसा वो कई बार कर चुकी थी। इसमें बेहद तर्कसंगत लोग भी शामिल हैं।’

हर्षा ने आगे लिखा, ‘मुझे लगता है कि इसके पीछे संस्कृति का हाथ है। अंग्रेज़ ये सोच रहे हैं कि जो हुआ वो गलत था, क्योंकि उन्होंने क्रिकेट की दुनिया के बेहद बड़े हिस्से पर राज किया है, इसलिये उन्होंने सभी को ये बताया कि वो गलत था।’ हर्षा भोगले ने लिखा , “उपनिवेशी प्रभुता इतनी ताक़तवर थी कि उसपर बहुत कम उंगलियां उठीं। नतीजा ये रहा कि आज भी यही समझा जाता है कि इंग्लैंड जिसे गलत समझे, बची हुई क्रिकेट की दुनिया को उसे ग़लत ही समझना चाहिये। ठीक वैसे ही, जैसे ऑस्ट्रेलियाई लक्ष्मण रेखा पार न करने का उपदेश देते हैं। वो लक्ष्मण रेखा, जो उन्होंने अपनी संस्कृति के अनुसार खुद ही खींची है और जो दूसरों के अनुसार ठीक नहीं हो सकती है। बाकी दुनिया इंग्लैंड की सोच के अनुसार चलने के लिये प्रतिबद्ध नहीं है और इसीलिए जो ग़लत है, वो हमें साफ दिखाई दे रहा है। ये भी सोचना गलत है कि टर्न लेने वाली पिचें खराब हैं और सीमिंग पिचें एकदम सही हैं।’

दिग्गज कमेंटेटर ने कहा, ‘ये संस्कृति का मुद्दा है, ऐसा मैं इसलिये कह रहा हूं, क्योंकि ये ऐसी ही सोच के साथ बड़े होते हैं। इन्हें नहीं समझ में आता कि ये गलत है। ऐसे में समस्या खड़ी होती है और इसमें हम भी तब दोषी पाये जाते हैं जब लोग एक-दूसरे के नज़रिये के कारण लोगों को जज करते हैं। इंग्लैंड चाहता है कि बाकी के देश नॉन-स्ट्राइकर बल्लेबाज को रन आउट न करें और वो दीप्ति और ऐसा करने वाले बाकी खिलाड़ियों के प्रति बेहद आलोचनात्मक और कटुता से भरे रहे हैं। ऐसे में हमें भी ये कोशिश पुरजोर तरीके से करनी होगी कि बाकी लोग भी सदियों की गहरी नींद से जागें।’

हर्षा ने आखिरी ट्वीट में लिखा, ‘इसके लिये सबसे आसान है कि नियमों के दायरे में रहकर क्रिकेट खेला जाए और क्रिकेट में खेल भावना सरीखी व्यक्तिनिष्ठ व्याख्याओं के फेर में न पड़ें और अपनी ओपिनियन को दूसरों पर थोपना बंद करें।’





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