हरियाणा में बीमार होने पर इलाज के खर्च की टेंशन खत्म, CM खट्टर ने की ‘चिरायु’ योजना की शुरुआत

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हरियाणा में बीमार होने पर इलाज के खर्च की टेंशन खत्म, CM खट्टर ने की ‘चिरायु’ योजना की शुरुआत

हरियाणा में बीमार होने पर इलाज के खर्च की टेंशन खत्म, CM खट्टर ने की ‘चिरायु’ योजना की शुरुआत

चंडीगढ़: हरियाणा में हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ सुनिश्चित करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए हरियाणा सरकार ने ऐसे जरूरतमंद परिवारों को भी आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभ देने की शुरुआत की है, जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल सोमवार को मानेसर में लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड वितरित कर इस कार्यक्रम की शुरुआत की। इस योजना से राज्य के करीब 28 लाख परिवारों की बीमारी की स्थिति में इलाज पर आने वाले खर्च की चिंता खत्म होगी। योजना से सीधे तौर पर सवा करोड़ हरियाणवी लाभान्वित होंगे। यानि हरियाणा की 50% जनता को इसका लाभ मिलेगा

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि इस योजना को ‘चिरायु हरियाणा’ के नाम से जाना जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कांता देवी और हरपाल सहित दर्जनभर लाभार्थी को गोल्डन कार्ड वितरित। इस योजना में शामिल किए जाने वाले इन परिवारों का 5 लाख रुपये तक का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि अब दिव्यांग का इलाज भी योजना में समाहित किया गया है। इस अवसर पर सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की ओर से तैयार फिल्म भी प्रदर्शित की गई।

खट्टर ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन गरीब और जरूरतमंद परिवारों के अच्छे स्वास्थ्य के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का एक नया संदेश लेकर आया है। आज से अन्त्योदय परिवारों को भी ‘आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के दायरे में लाया जा रहा है। इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्वस्थ भारत–सशक्त भारत’ के विजन को एक नई दिशा और गति मिलेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पहले दिन से ही गरीब की मूलभूत सुविधाओं की कल्पना की।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि लाभार्थियों का डाटा राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ सांझा किया गया है ताकि उसे ‘आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ पोर्टल तथा पीपीपी आईडी के साथ एकीकृत किया जा सके। पात्र लाभार्थियों की पहचान करने, उन्हें पंजीकृत करने और मिशन मोड में उनके कार्ड बनाने के लिए सभी जिलों के साथ एकीकृत डेटा साझा किया जा रहा है।

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के मानदंडों के अनुसार इस योजना के लाभार्थी परिवारों का चयन आर्थिक, सामाजिक व जातीय जनगणना-2011 के आधार पर किया गया है। इसके अनुसार हरियाणा में 15 लाख 51,798 परिवार इस योजना में चिह्नित हुए थे लेकिन इनमे से सिर्फ 9 लाख का डाटा वेरिफाई हो पाया था और इन्हीं 9 लाख परिवारों को योजना का लाभ मिल रहा था लेकिन अब राज्य सरकार के खर्च पर योजना का दायरा बढ़ाया गया है। पीपीपी के डाटा के आधार पर इस योजना से प्रदेश में अब 28 लाख 89,036 परिवार कवर हो रहे हैं। यानि पहले जहां करीब 9 लाख परिवारों को योजना का लाभ मिल रहा था वहीं अब करीब 20 लाख और परिवार इसमें जोड़े गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य के हिसाब से केंद्र की 1 लाख 20 हज़ार वार्षिक आय की सीमा को 1 लाख 80 हज़ार तक किया है। इन परिवारों के गोल्डन कार्ड बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मिशन मोड में अंत्योदय परिवारों के सभी लाभार्थियों को कवर करने के लिए लाभार्थी की पहचान और कार्ड बनाने के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर शिविर भी आयोजित किए जाएंगे। उम्मीद है कि 31 दिसम्बर तक सभी को ये कार्ड मिल जाएंगे।

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश में कुल 715 अस्पताल सूचीबद्ध हैं, जिनमें 539 निजी अस्पताल और 176 सरकारी अस्पताल शामिल हैं। इस लिहाज़ से देखा जाए तो हरियाणा के 22 जिलों में हर जिले में लगभग 32 अस्पतालों में इस योजना से जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के अलावा भी प्रदेश में आमजन को किफायती, सुलभ और आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना सुनिश्चित किया है। आज प्रदेश में 228 प्रकार के ऑपरेशन, 70 प्रकार के टेस्ट और 21 प्रकार की दंत चिकित्सा मुफ्त उपलब्ध है। साथ ही 541 दवाइयां भी मुफ्त दी जाती हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी गरीबों के उत्थान और कल्याण के लिए कारगर कदम उठाये हैं। ‘अन्त्योदय’ अभियान में हम उन परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत करने में लगे हैं, जो किन्हीं कारणों से पिछड़े रह गए।

सरकार ने मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के माध्यम से हर परिवार की आय कम से कम 1 लाख 80 हजार रुपये करने का बीड़ा उठाया है। प्रदेश में तीन चरणों में 550 से ऊपर अंत्योदय मेलों का आयोजन किया गया, जिनमें करीब ढाई लाख से अधिक परिवार शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं की आखिरी गरीब तक पहुंच और अंतिम व्यक्ति का उदय ही सरकार का लक्ष्य है।

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