हरियाणा में किसानों के लिए मुआवजा राशि तय, 100% खराब फसल के प्रति एकड़ मिलेंगे 15 हजार रुपये

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हरियाणा में किसानों के लिए मुआवजा राशि तय, 100% खराब फसल के प्रति एकड़ मिलेंगे 15 हजार रुपये

हरियाणा में किसानों के लिए मुआवजा राशि तय, 100% खराब फसल के प्रति एकड़ मिलेंगे 15 हजार रुपये

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने बारिश-ओलावृष्टि से खराब हुई फसल की मुआवजा राशि तय कर दी है। किसानों की 100 प्रतिशत खराब फसल का सरकार की ओर से प्रति एकड़ 15 हजार रुपए मुआवजा राशि दी जाएगी। इसके अलावा 25 से 50 प्रतिशत फसल खराब होने पर 9000 रुपये प्रति एकड़ की मुआवजा राशि दी जाएगी। 51 से 75 फीसदी फसल खराब होने पर किसानों को 12000 रुपये प्रति एकड़ सरकार मुआवजा देगी। उन्होंने बताया कि फसल खरीद के बाद 48 से 72 घंटों के बीच किसानों का भुगतान हो जाएगा। पेमेंट में देरी पर किसानों को 9 प्रतिशत ब्याज सरकार देगी। ब्याज की रकम सीधे किसानों में भेजी जाएगी। डिप्टी सीएम ने बताया कि सरकार हर प्रभावित किसान को मुआवजा देगी। किसानों को मुआवजे की राशि सीधे खाते में ट्रांसफर की जाएगी। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शनिवार को बेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का 25 हजार से 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिए जाने की मांग की है।

डिप्टी सीएम ने बताया कि प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद के लिए 408, सरसों के लिए 102, दालों के लिए 11 और जौ के लिए 25 मंडियां बनाई गई हैं। अभी तक करीब 1.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में पहुंचा है, जिसमें से 18 हजार मीट्रिक टन की खरीद की गई है।

पिछले साल हुई थी 67 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद

पिछले वर्ष विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने 67 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की थी, हालांकि ओलावृष्टि से नुकसान तो हुआ है फिर भी इस बार भी इतनी ही खरीद होने की संभावना है, जबकि राज्य सरकार ने 76 लाख मीट्रिक टन की खरीद के लिए पुख्ता प्रबंध किए हुए हैं।

मिल सकती है गेहूं की चमक व नमी की मात्रा में छूट

दुष्यंत ने बताया कि हाल ही में हुई बारिश व ओलावृष्टि से हुए नुकसान को देखते हुए उन्होंने केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा था जिसमें गेहूं की चमक व नमी की मात्रा में छूट देने का अनुरोध किया था। इसके बाद केंद्र सरकार की एक टीम सर्वे करके गई है। उन्हें उम्मीद है कि केंद्र सरकार उनकी मांग पर छूट प्रदान कर देगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के राजस्व में निरंतर वृद्धि हो रही है। 2019-20 के दौरान जहां प्रदेश में 6,100 करोड़ रुपये स्टांप ड्यूटी के रूप में राजस्व के रूप में सरकार को मिले हैं, वहीं कोविड काल के समय में 4 महीने रेवेन्यू एस्टेट्स बंद रहने के बावजूद भी वर्ष 2020-21 में स्टांप ड्यूटी के तौर पर 5,134 करोड़ रुपए, वर्ष 2021-22 में 8,490 करोड़ रूपए और वर्ष 2022-23 में अभी तक 10,395 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा हुए हैं।

हुड्डा ने की 25 से 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार अब अनाज मंडियों में गेहूं लेकर आ रहे किसानों को परेशान कर रही है। सरकार को बहानेबाजी छोड़कर गेहूं की खरीद तुरंत शुरू करनी चाहिए और बरसात के चलते खराब हुई फसल का जल्द मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मौसम की मार के चलते किसान पहले ही परेशानी झेल रहे हैं। सरकार गेहूं की खरीद बंद करके उसे और परेशान कर रही है। सरकार को कम से कम 50 रूपए प्रति क्विंटल बोनस देना चाहिए।

हुड्डा ने कहा कि 9 साल के बाद सरकार को गांव की याद आई है। जबकि अब तक अपने पूरे कार्यकाल के दौरान सरकार ने हर वर्ग की अनदेखी की। प्रदेश का हर वर्ग सरकार से विमुख हो चुका है। अब चुनाव नजदीक आए तो सरकार की नींद खुली है। लेकिन जनता अब सरकार के झांसे में नहीं आने वाली। लोग कांग्रेस को वोट देने का मन बना चुके हैं। प्रदेश में आने वाली सरकार कांग्रेस की होगी।हरियाणा अपराध के मामले में बड़े-बड़े राज्यों को पीछे छोड़ चुका है। हत्या और बलात्कार जैसे मामलों में हरियाणा पूरे देश में दूसरे नंबर पर है। इसी तरह केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया सामाजिक प्रगति सूचकांक स्पष्ट कहता है कि हरियाणा देश का सबसे असुरक्षित राज्य है। यानी प्रदेश में अपराध चरम पर है और सरकार नागरिकों को सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम है।

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