हरियाणा के इस जिले में बढ़ रहे कैंसर के मरीज, 400 किलोमीटर दूर जाकर इलाज करवा रहे मरीज

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हरियाणा के इस जिले में बढ़ रहे कैंसर के मरीज, 400 किलोमीटर दूर जाकर इलाज करवा रहे मरीज

हरियाणा के इस जिले में बढ़ रहे कैंसर के मरीज, 400 किलोमीटर दूर जाकर इलाज करवा रहे मरीज


सिरसा: हरियाणा के सिरसा जिले में कैंसर पीडि़तों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है । लेकिन इलाज के लिए सिरसा में कोई सुविधा नहीं है। ना कोई अस्पताल है और ना ही कोई इलाज। स्वास्थ्य विभाग मरीजों को बस पास और राहत फंड जारी करने तक सिमटा है। यहां से 400 किमी. दूर राजस्थान के बीकानेर जिला में जाकर मरीज इलाज करवा रहे हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग के पॉपुलेशन बेस्ड स्क्रीनिंग (पीबीएस) के तहत विभागीय टीमों ने 3 लाख लोगों की स्वास्थ्य जांच की। जुटाए आंकड़ों में काफी को कैंसर पीडि़त पाया गया। जागरूकता के बाद काफी लोगों ने समय रहते उपचार भी शुरू करवा लिया है। सालाना जिले के सैकड़ों रोगी बीकानेर के आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र व पीजीआई रोहतक में इलाज करवाने पहुंचते हैं। काफी कैंसर पीडि़त इलाज के अभाव में दम तोड़ जाते हैं। एक अनुमान के मुताबिक जिला में 5 हजार कैंसर के मरीज हैं।

पीबीएस के तहत 5 लाख लोगों तक पहुंची टीमें, 3 लाख की करवाई स्क्रीनिंग
पीबीएस प्रोग्राम के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमें 5 लाख लोगों तक पहुंची हैं। जिसमें ग्रामीण एरिया में 30 साल उम्र से ज्यादा 3 लाख लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई। इस दौरान विभागीय टीमों ने घरों में पहुंच कर लोगों का स्वास्थ्य जांचा गया। इसके अलावा सिरसा में कैंसर जागरूकता से संबंधित स्वास्थ्य विमर्श व कैंसर संबंधित जांच शिविरों का आयोजन किया गया। जांच में कैंसर पीडि़तों को पीजीआई रोहतक रेफर किया है। लेकिन ज्यादातर मरीज इलाज को राजस्थान के बीकानेर जाते हैं।

कैंसर बारे एक्सपर्ट की सलाह
एनसीडी नोडल अधिकारी एवं उपसिविल सर्जन डॉ. विपुल गुप्ता ने बताया कि जब कोशिका बेकाबू होकर सामान्य कोशिकाओं से ज्यादा बढ़ जाती है, तो यह कैंसर होता है। इस वजह से शरीर के लिए सामान्य रूप से कार्य करना मुश्किल हो जाता है। कैंसर की बीमारी शरीर के किसी भी अंग से शुरू हो सकती है। यह कैंसर फेफड़ों में, छाती में, मलाशय में, स्तन में या शरीर के किसी अन्य भाग में यहां तक की रक्त में भी हो सकता है। कई कैंसर गांठ के रूप में शुरू होते हैं मगर सभी गांठे कैंसर नहीं होती हैं। किसी भी लक्षण जैसे कि गर्दन, स्तन में दर्द रहित गांठ का बनना, मुंह के जख्मों का न भरना, खाना निगलने में कठिनाई का होना, बिना किसी कारण वजन का कम होना या कमजोरी आना आदि पाए जाने पर प्रशिक्षित डॉक्टर से करवानी चाहिए।

कैंसर रोगियों को मिलती हैं बस पास की सुविधा
कैंसर रोगियों को विभिन्न सुविधाएं जैसे मुफ्त बस पास सुविधा दी जाती है। कैंसर का मरीज जहां भी उपचार ले रहा है, वहां के दस्तावेज के साथ स्वास्थ्य विभाग में संपर्क कर अस्पताल से जारी ट्रीटमेंट का कार्ड दिखाना होता है। सिविल अस्पताल प्रशासन से 202 बस पास जारी करवाए हैं। जिनमें 105 नए मरीज शामिल हैं।
रिपोर्ट- निशा खन्ना, सिरसा

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