हमको तो आपने भगा दिया… जाति जनगणना पर अखिलेश ने मांगा समर्थन तो छलक पड़ा राजभर का दुख

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हमको तो आपने भगा दिया… जाति जनगणना पर अखिलेश ने मांगा समर्थन तो छलक पड़ा राजभर का दुख

हमको तो आपने भगा दिया… जाति जनगणना पर अखिलेश ने मांगा समर्थन तो छलक पड़ा राजभर का दुख


लखनऊः उत्तर प्रदेश की विधानसभा में इन दिनों जाति जनगणना का मुद्दा काफी गरम है। गुरुवार को सपा विधायक ने मंत्री सूर्य प्रताप शाही से जाति जनगणना को लेकर सवाल किया और उसके बाद सदन में हंगामा मच गया। ऐसी उथल-पुथल मची कि सदन को आधा घंटा के लिए स्थगित करना पड़ा। इसके बाद जब सदन दोबारा शुरू हुआ तो अखिलेश ने फिर इसी मुद्दे पर आवाज उठाई। इस दौरान वह सदन के अन्य गैर-समाजवादी गठबंधन दलों को भी इस मुद्दे पर अपने पाले में खींचने का प्रयास किया।

अखिलेश ने कहा कि हम सब विपक्ष के लोग जाति जनगणना चाहते हैं। बिना जाति जनगणना के बीजेपी का सबका साथ-सबका विकास का नारा अधूरा है। सबका साथ कैसे होगा। जब हमें और आपको पता नहीं होगा कि हम कितने हैं? सबका विकास कैसे करोगे? सबका विश्वास कैसे जीतोगे आप और जब तक सबका प्रयास नहीं होगा, ये प्रदेश आगे नहीं बढ़ेगा। इसके बाद अखिलेश ने गठबंधन में साथी रहे और अभी अलग हो चुके दलों को भी साधने की कोशिश की।

राजभर बोले, हमको तो उधर से भगा दिया
अखिलेश ने सदन में मौजूद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर से पूछा कि आप जाति जनगणना चाहते हैं कि नहीं? इस पर अपने चिर-परिचित चुटीले अंदाज में जवाब देते हुए राजभर ने कहा कि हम जातिवार जनगणना चाहते हैं लेकिन आपने उधर से भगा दिया हमको। इस पर अखिलेश बोले, ‘वो हमारी-आपकी बात हो जाएगी। बाद की बात है लेकिन बताइए आप जाति जनगणना चाहते हैं? राजभर का जवाब था, ‘100 परसेंट चाहते हैं।’

संजय निषाद से भी बहस
अखिलेश इसके बाद योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद को देखकर कहते हैं, ‘कितने अच्छे लग रहे हैं मंत्री बने हुए। इसी के लिए गए थे वहां पर। आप भी तो नेता हैं। क्या आप जाति जनगणना चाहते हैं? इस पर निषाद का जवाब था, ‘इन लोगों ने विसंगति पैदा कर रखी है और हमें लटका रखा है। न हम पिछड़े में हैं और न अनुसूचित में हैं।’ स्पीकर ने इसके बाद मंत्री को बैठने के लिए कह दिया तो अखिलेश बोले, ‘मैं जानता हूं कि वो समर्थन कर रहे हैं दिल से। वो उधर हो सकते हैं लेकिन दिल से हमलोग के साथी हैं।’

अपना दल के सवाल पर अखिलेश का जवाब
अपना दल के नेता आशीष पटेल को लेकर अखिलेश ने कहा, ‘हम दोनों इंजिनियर हैं तो बात को अच्छी तरह समझते हैं। मुझे लगता है कि अपना दल भी यही चाहता है।’ इस पर आशीष पटेल ने सवाल उठा दिया कि जब आप सरकार में थे, तब क्यों नहीं जाति जनगणना करा दी।’ इस पर अखिलेश का जवाब था कि आशीष जी का सवाल ठीक है। मुझे याद है कि मैं लोकसभा में था। नेताजी से लेकर शरद यादव जी, दक्षिण भारत के सब दल, लालू यादव जी, कांग्रेस के बहुत सारे नेता ये चाहते थे कि जब जनगणना हो रही है तो जाति जनगणना भी उसमें हो। इसके लिए कई बार लोकसभा में आवाज उठाई गई।

अखिलेश ने कहा कि उस समय कांग्रेस के नेतृत्व ने आश्वासन दिया था कि हम जाति जनगणना कराएंगे लेकिन पता नहीं क्यों उस सेंसस में उन्होंने ऐसा नहीं किया। ऐसे में अब जब दोबारा सेंसस हो रहा है तो जाति जनगणना भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सपा जाति जनगणना के पक्ष में है। बहुत सारे दल और जनता चाहती है कि जाति जनगणना हो। आखिर सरकार पीछे क्यों हट रही है। अगर आप इसके खिलाफ हैं तो आउटसोर्स व्यवस्था के खिलाफ क्यों नहीं है। अगर आप प्राइवेटाइजेशन और आउटसोर्सिंग के खिलफ नहीं है तो जाति जनगणना के खिलाफ क्यों हैं। आपके यूपी का डेटा सेंटर क्यों नहीं है, और अगर जाति जनगणना हो जाएगी तो क्या हो जाएगा?

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