स्कूल में अपनी गाड़ी देने से पहले ओनर पढ़ लें ये खबर, सुरक्षित परिचालन के लिए नयी गाइडलाइन जारी

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स्कूल में अपनी गाड़ी देने से पहले ओनर पढ़ लें ये खबर, सुरक्षित परिचालन के लिए नयी गाइडलाइन जारी

स्कूल में अपनी गाड़ी देने से पहले ओनर पढ़ लें ये खबर, सुरक्षित परिचालन के लिए नयी गाइडलाइन जारी

सीतामढ़ी: बिहार के स्कूलों में गाड़ी के सुरक्षित परिचालन को लेकर राज्य सरकार ने नयी गाइडलाइन जारी की है। इसका प्रस्ताव परिवहन विभाग ने तैयार किया है, जिसे सड़क सुरक्षा समिति ने अनुमोदित कर दिया है। बताया गया है कि अब स्कूलों में संचालित वाहनों की बॉडी सुनहरे पीले रंग की होगी। स्कूल की पहचान के लिए बस की बॉडी पर खिड़की के स्तर से नीचे सभी को सुनहरा भूरा रंग का एक बैंड पेंट कर उस पर स्पष्ट अक्षरों में स्कूल का नाम लिखना होगा।

ये मानक होंगे निर्धारित
निर्धारित मानकों में गाड़ी के आगे और पीछे ऑन स्कूल ड्यूटी प्रदर्शित करना होगा। गति नियंत्रण उपकरण लगाना होगा। प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स रखना होगा। गाड़ी में अग्निशामक यंत्र/जीपीएस की उपलब्धता रखनी होगी। स्कूल बैग रखने का उचित व्यवस्था करनी होगी। दिव्यांग बच्चो के लिए विशेष व्यवस्था करनी होगी। व्यसायिक यात्री के रूप में गाड़ी का पंजीकरण होगा। परमिट के साथ फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। गाड़ी पर ड्राइवर का नाम अंकित होगा। गाड़ी पर ड्राइवर का डीएल नंबर प्रदर्शित करना होगा।

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स्कूल प्रबंध करेगा परिवहन प्रभारी की नियुक्ति
नये प्रावधान के अनुसार, प्रत्येक स्कूल प्रबंधन को एक परिवहन प्रभारी नियुक्त कर इसकी सूचना डीटीओ को देनी होगी। वहीं, एचएम परिवहन प्रभारी के माध्यम से यह सुनिश्चित करेंगे की स्कूली बसों में मानक का पालन किया जा रहा है। साथ ही स्कूल बस में यात्रा करने वाले छात्र-छात्राओं के सम्पर्क नंबर एवं ब्लड ग्रुप की जानकारी रखनी होगी। एचएम अपने स्कूल के प्रत्येक छात्र-छात्रा के सुरक्षित परिवहन के लिए जिम्मेवार होंगे।

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अभिभावकों की भी जिम्मेवारी तय
स्कूली बस से यात्रा करने वाले बच्चों के अभिभावक सड़क सुरक्षा के महत्व से अपने बच्चों को शिक्षित करेंगे। स्कूल बस में चढ़ने-उतरने में बरती जाने वाली सावधानियों एवं यात्रा के दौरान ‘क्या करें एवं क्या न करे’ के संबंध में बताना होगा। वहीं, स्कूल प्रबंधक को ये सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि माता-पिता एवं की ओर से अधिकृत लोगों को छोड़कर अन्य किसी को भी स्कूली बच्चों को नहीं सौपा जायेगा।

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स्कूलों में होगी बाल परिवहन समिति
स्कूली बच्चों को सुरक्षित परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक स्कूल प्रबंधन को एक बाल परिवहन समिति का गठन करना है, जिसकी बैठक प्रत्येक तीन माह में कम से कम एक बार होगी। इस समिति के अध्यक्ष एचएम होंगे, तो दो अभिभावक, शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधि, यातायात पुलिस निरीक्षक, मोटरयान निरीक्षक, शिक्षा विभाग के एक प्रतिनिधि एवं स्कूल बस मालिकों के एक प्रतिनिधि सदस्य के रूप में नामित किये जायेंगे, जबकि स्कूल के परिवहन प्रभारी समिति के सदस्य सचिव होंगे। इसकी पुष्टि करते हुए डीटीओ रविंद्र नाथ गुप्ता ने बताया कि नए नियम से सभी स्कूल प्रबंधन को अवगत करा दिया गया है।

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