सोया तेल के दाम फिर बढ़ चले | soya oil prices rise again | Patrika News

92

सोया तेल के दाम फिर बढ़ चले | soya oil prices rise again | Patrika News

मलेशियाई अधिकारियों ने पाम ऑयल मिलर्स से उत्पादन फिर से शुरू करने और किसानों से पाम के फल खरीदने को कहा

इंदौर

Updated: June 28, 2022 05:40:56 pm

इंदौर. बाजारों में एक बार फिर से सोयाबीन तेल की सप्लाई कम होने और डिमांड अच्छी रहने के कारण सोया तेल की कीमतों में पुन: धीरे-धीरे तेजी का वातावरण बना हुआ है। मंगलवार को सोयाबीन तेल इंदौर 10 रुपये बढक़र 1350-1355 रुपये प्रति दस किलो पर पहुंच गया। सऊदी अरब ने अपने जुलाई सीरीज के क्रूड आयल के दाम बढ़ा दिए हैं, जिससे इसकी कीमतों में थोड़ी तेजी देखी गई। उधर मलेशियाई अधिकारियों ने मंगलवार को पाम ऑयल मिलर्स से उत्पादन फिर से शुरू करने और किसानों से पाम के फल खरीदने को कहा है, क्योंकि खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट के बाद कुछ कंपनियों ने प्रोसेसिंग रोक दी है। मलेशियाई पाम ऑयल मिलर्स एसोसिएशन ने सोमवार को बताया कि मौजूदा कीमतों पर मिल्स को हर 100 टन कच्चे पाम तेल के लिए कम से कम 150,000 रिंगित ($ 34,114.17) का नुकसान हो रहा है। मिल्स पहले से ही लेबर की कमी और उच्च लागत का का सामना कर रही हैं।
सोपा ने सरकार से खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क छूट को वापस लेने की मांग की
दि सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) ने केंद्र सरकार से खाद्य तेल पर सीमा शुल्क में दी गई छूट को क्रमिक रूप से वापस लेने का आग्रह किया है ताकि घरेलू बाजार में सोयाबीन की गिरती कीमतों को रोका जा सके। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, श्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में, सोपा के चेयरमैन डॉ डेविश जैन ने कहा कि हाल के दिनों में केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क में कटौती सहित विभिन्न नीतिगत पहलों के परिणामस्वरूप पिछले चार सप्ताह में आयातित और घरेलू दोनों तरह के खाद्य तेलों में 15 प्रतिशत से 26 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। सोयाबीन की कीमतों में गिरावट ने सोयाबीन किसानों को एक बहुत ही नकारात्मक संकेत भेजा है, ऐसे समय में जब खरीफ तिलहन की बुवाई का चरम समय है। यदि सोयाबीन की कीमतों में मौजूदा गिरावट आगे भी जारी रही, तो परिणामस्वरुप सोयाबीन के बुवाई का रकबा घट सकता है तथा किसान सोयाबीन की जगह दूसरी खरीफ फसलों की बुवाई की तरफ प्रेरित होंगे, जिसके फलस्वरूप पिछले दो वर्षों में अधिक तिलहन उगाने की गति रुक जाएगी। उपरोक्त बातों को दृष्टिगत रखते हुए सोपा चेयरमैन ने सरकार से खाद्य तेलों पर मौजूदा शुल्क ढांचे की समीक्षा करने तथा खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क में क्रमिक वृद्धि की घोषणा करने का आग्रह किया है जो की ना सिर्फ किसानों एवं उपभोक्ताओं के हित में होगा बल्कि सरकार को अतिरिक्त राजस्व भी देगा।
लूज तेल (प्रति दस किलो) : इंदौर मंूगफली तेल 1590 से 1610, मुंबई मूंगफली तेल 1600, इंदौर सोयाबीन रिफाइंड 1350 से 1355, इंदौर सोयाबीन साल्वेंट 1325 से 1330, मुंबई सोया रिफाइंड 1370, मुंबई पाम तेल 1275, इंदौर पाम 1330, राजकोट तेलिया 2480, गुजरात लूज 1550, कपास्या तेल इंदौर 1370 रुपए।
तिलहन : सरसों 6100 से 6200, रायड़ा 6000 से 6100, सोयाबीन 6000 से 6320 रुपए क्विंटल। सोयाबीन डीओसी स्पॉट 49500 से 51000 रुपए टन।
प्लांटों के सोयाबीन भाव : बैतूल 6625, महाकाली 6550, प्रेस्टीज 6500, कास्ता 6400, खंडवा 6350, रुचि 6450, धानुका 6600, एमएस नीमच 6450, पचोर 6525, प्रकाश 6650, सिवनी 6300 व एवी 6500 रुपए।
कपास्या खली ( 60 किलो भरती) बिना टेक्स भाव – इंदौर 2050, देवास 2050, उज्जैन 2050, खंडवा 2025, बुरहानपुर 2025, अकोला 3050 रुपए।

सोया तेल के दाम फिर बढ़ चले

newsletter

अगली खबर

right-arrow



उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News