सेहत से खिलवाड़ : पुरानी हाेते ही बदल दी जाती है मिठाई की एक्सपायरी डेट | Sweets change their expiry date as soon as they get old | Patrika News
पड़ताल में सामने आया कि रक्षाबंधन को लेकर अब छोटी मिठाई की दुकानों पर भी त्योहार से पहले विभाग की कार्रवाई का भय दिखाई दे रहा है। दूध, मावे से लेकर बेसन से बनी मिठाई पर निर्माण व एक्सपायरी डेट लिखना शुरू कर दी हैं। यह व्यवस्था अभी अधिकांश मिठाई दुकानों पर नजर आ रही है। इसमें दुकानदार खुद मिठाई पर लिखकर गांरटी दे रहा है। दुकानदारों ने बताया कि इससे ग्राहकों को खुले मिष्ठानों के खरीदने में विश्वास बढ़ेगा। प्रमाणित के बारे में कुछ कहने से दुकानदान बच रहे हैं।
इतनी दुकानें
जानकारी के अनुसार शहर में करीब 60 बड़ी और करीब 1800 छोटी मिठाई की दुकानें हैं। मिठाई का पीढ़ियों से व्यवसाय करने वालों की मानें तो कई मिठाइयों दुकानें बंद हो चुकी है। त्योहार शुरू होते ही नकली मावा, मिलावटी मिठाइयों की दुकानों पर कार्रवाई मुहिम के रूप में दिखाई देने लगती है। इसके कारण दिक्कत आ रही है।
मिठाई के यह बने नियम
– बंगाली मिठाई उत्पाद से 36 घंटे से तीन दिन।
– मावे की मिठाईयां 48 घंटे से चार दिन तक।
– बेसन से बनी मिठाइयां सात से आठ दिन तक ही बेचने योग्य होंगी।
स्वयं ही करें दावा
खुले सामानों में उसकी क्वालिटी, उत्पादन व एक्सपायरी तारीख के मामले खास कार्रवाई सामने नहीं आई है। यहां दुकानदार पर ही निर्भर होता है कि वह अपनी मिठाई को किस तारीख तक ठीक रखना चाह रहा है। यानि खुद ही अपनी गुणवत्ता की गारंटी दे रहे है। इसकी जांच न होने के कारण प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं। वर्तमान में कई दुकानों पर मिठाई पर पर्चियां दिख रही हैं। इन पर एक्सपायरी डेट लिखी। कई उल्लंघन भी कर रहे हैं।
जांच में आ रही परेशानी
व्यापारियों की मानें तो बीते कुछ सालों में बुरी स्थिति बनी हैं। खुली दुकानों पर कार्रवाई का डर दिखाई दे रहा है। कारोबारियों का आरोप है कि पैकिंग के सामान को बढ़ावा देने के लिए फुटकर दुकानदारों का ेखत्म किया जा रहा है। कई छोटे व्यापारियों ने तो काम करना ही बंद कर दिया है।
इनके मुताबिक पैक सामानों पर उसकी क्वालिटी, उत्पादन से लेकर एक्पायरी डेट लिखी होती है, लेकिन खुले सामनों पर क्वालिटी व उत्पादन व एक्सपायरी की तारीख सिर्फ मौखिक रूप से ही ग्राहकों को बताई जाती है। वे सीधे जांच भी कर सकते हैं। इस संबंध में ध्यान देने की जरूरत है।
नियमों का पालन सभी दुकानदारों को करना ही चाहिए,वैसे ही आधी पुश्तैनी दुकानें तो त्योहार के समय कार्रवाई के भय से कारोबार करना कम कर देती हैं। उस पर पिछले साल तक कोरोना की मार ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। कार्रवाईयों का प्रचार शुरू हो गया है। स्थिति ज्यादा खराब हो जाएगी।
– वसंत जैन, मिठाई कारोबारी
खाद्य विभाग की जांच की कार्रवाई तो सामान्य प्रक्रिया के तहत पूरे साल होती है। इसके अलावा शिकायतें मिलने पर कार्रवाई भी निरंतर होती है।
– देवेन्द्र दुबे, खाद्य सुरक्षा अधिकारी
पड़ताल में सामने आया कि रक्षाबंधन को लेकर अब छोटी मिठाई की दुकानों पर भी त्योहार से पहले विभाग की कार्रवाई का भय दिखाई दे रहा है। दूध, मावे से लेकर बेसन से बनी मिठाई पर निर्माण व एक्सपायरी डेट लिखना शुरू कर दी हैं। यह व्यवस्था अभी अधिकांश मिठाई दुकानों पर नजर आ रही है। इसमें दुकानदार खुद मिठाई पर लिखकर गांरटी दे रहा है। दुकानदारों ने बताया कि इससे ग्राहकों को खुले मिष्ठानों के खरीदने में विश्वास बढ़ेगा। प्रमाणित के बारे में कुछ कहने से दुकानदान बच रहे हैं।
इतनी दुकानें
जानकारी के अनुसार शहर में करीब 60 बड़ी और करीब 1800 छोटी मिठाई की दुकानें हैं। मिठाई का पीढ़ियों से व्यवसाय करने वालों की मानें तो कई मिठाइयों दुकानें बंद हो चुकी है। त्योहार शुरू होते ही नकली मावा, मिलावटी मिठाइयों की दुकानों पर कार्रवाई मुहिम के रूप में दिखाई देने लगती है। इसके कारण दिक्कत आ रही है।
मिठाई के यह बने नियम
– बंगाली मिठाई उत्पाद से 36 घंटे से तीन दिन।
– मावे की मिठाईयां 48 घंटे से चार दिन तक।
– बेसन से बनी मिठाइयां सात से आठ दिन तक ही बेचने योग्य होंगी।
स्वयं ही करें दावा
खुले सामानों में उसकी क्वालिटी, उत्पादन व एक्सपायरी तारीख के मामले खास कार्रवाई सामने नहीं आई है। यहां दुकानदार पर ही निर्भर होता है कि वह अपनी मिठाई को किस तारीख तक ठीक रखना चाह रहा है। यानि खुद ही अपनी गुणवत्ता की गारंटी दे रहे है। इसकी जांच न होने के कारण प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं। वर्तमान में कई दुकानों पर मिठाई पर पर्चियां दिख रही हैं। इन पर एक्सपायरी डेट लिखी। कई उल्लंघन भी कर रहे हैं।
जांच में आ रही परेशानी
व्यापारियों की मानें तो बीते कुछ सालों में बुरी स्थिति बनी हैं। खुली दुकानों पर कार्रवाई का डर दिखाई दे रहा है। कारोबारियों का आरोप है कि पैकिंग के सामान को बढ़ावा देने के लिए फुटकर दुकानदारों का ेखत्म किया जा रहा है। कई छोटे व्यापारियों ने तो काम करना ही बंद कर दिया है।
इनके मुताबिक पैक सामानों पर उसकी क्वालिटी, उत्पादन से लेकर एक्पायरी डेट लिखी होती है, लेकिन खुले सामनों पर क्वालिटी व उत्पादन व एक्सपायरी की तारीख सिर्फ मौखिक रूप से ही ग्राहकों को बताई जाती है। वे सीधे जांच भी कर सकते हैं। इस संबंध में ध्यान देने की जरूरत है।
नियमों का पालन सभी दुकानदारों को करना ही चाहिए,वैसे ही आधी पुश्तैनी दुकानें तो त्योहार के समय कार्रवाई के भय से कारोबार करना कम कर देती हैं। उस पर पिछले साल तक कोरोना की मार ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। कार्रवाईयों का प्रचार शुरू हो गया है। स्थिति ज्यादा खराब हो जाएगी।
– वसंत जैन, मिठाई कारोबारी
खाद्य विभाग की जांच की कार्रवाई तो सामान्य प्रक्रिया के तहत पूरे साल होती है। इसके अलावा शिकायतें मिलने पर कार्रवाई भी निरंतर होती है।
– देवेन्द्र दुबे, खाद्य सुरक्षा अधिकारी