सुधार के नाम रोजाना अंधकार | Electricity | Patrika News
ऊर्जस ऐप तक नहीं पता नहीं पाता बिजली गुल होने का कारण, 500 फीडर का भी मेंटेनेंस नहीं रख पा रही बिजली कंपनी
इंदौर
Updated: July 22, 2022 07:52:29 pm
इंदौर. शहर में तेज आंधी और बारिश होने पर अधिकांश हिस्सों में अंधकार होना आम हो गया है। सामान्य मौसम में भी कई इलाकों में लगातार बिजली गुल होने की समस्या है। इसकी सबसे बड़ी वजह बिजली कंपनी का मिस मैनेजमेंट है। बारिश से पहले कंपनी ने मेंटेनेंस के नाम पर हर इलाके में घंटों बिजली बंद रखी थी। तब तर्क दिया गया कि बारिश से पहले मेंटेनेंस जरूरी है, ताकि बारिश में बिजली गुल होने की नौबत न आएं। बारिश में तो बिजली लुका-छिपी करती रही है लेकिन, मौसम साफ होने की स्थिति में भी शहर की कई कॉलोनी से रोजाना बिजली गुल होने की शिकायतें सामने आ रही है।
शहर में सबसे ज्यादा बिजली समस्या जवाहर मार्ग, सुदामा नगर, स्कीम नंबर 114, विजय नगर, धार रोड़, सुदामा नगर, सूर्यदेव नगर, कालानी नगर, एरोड्रम रोड आदि में है। बिजली कंपनी की हेल्पलाइन 1912 या फिर ऊर्जस ऐप पर शिकायत के बावजूद बिजली गुल होने की सही वजह पता नहीं चल पाती है। मप्रपक्षेविविकं के पीआरओ अवधेश दवे का कहना है कि 500 फीडर में से रोजाना 2 से 3 फीसदी फीडर पर मेंटेनेंस का काम चलता है। कुछ देर के लिए बिजली की आपूर्ति रोकी जाती है। हमारी कोशिश रहती है कि बड़े इलाके की जगह छोटे-छोटे इलाकों की आपूर्ति रोककर काम कराया जाएं।
मेंटेनेंस बन गया दिखावा
शहर में बिजली आपूर्ति के लिए करीब 500 फीडर है। इनके मेंटेनेंस के लिए हर जोन स्तर पर टीम गठित की गई है। इन टीमों की जिम्मेदारी बारिश से पहले तारों व खंबों के आस-पास के पेड़ों की टहनियां छांटने, लाइन दुरुस्त करना, बिजली के खंबो को ठीक करना, खुली डीपी आदि की मरम्मत है। मगर, शहर में कई जगहों पर डीपी खुली है। पेड़ों की शाखाएं बिजली के तारों को छू रही है। डीपी खुली है। जरा ही हवा और बारिश में ही कई इलाकों में फॉल्ट की शिकायतें मिलती है।
सुधार का बहाना, नहीं मिलती पूर्व सूचना
एक ओर बिजली कंपनी बिजली बिल भरने से लेकर पंचनामे तक की कार्रवाई ऑनलाइन कर रही है दूसरी ओर, मेंटेनेंस के लिए बिजली बंद होने की जानकारी ही उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रही है। सूत्रों के अनुसार मेंटेनेंस की सूचना एक दिन पहले ही जारी की जाती है। शहर में लगातार बिजली गुल होने की प्रमुख वजह मेंटेनेंस नहीं बल्कि फॉल्ट और तकनीकी खराबी है जिसे बिजली कंपनी मेंटेनेंस का नाम देती है।
बारिश के दौरान ज्यादा परेशानी
मेंटेनेंस में लापरवाही का ही कारण है कि बारिश होते समय अंधेरे के साथ ही मौसम साफ रहने पर भी कई कॉलोनियों में अंधेरे फैला रहता है। अधिकारियों का कहना है कि मेंटेनेंस की प्रक्रिया हमेशा चलती रहती है। इस पर यह सवाल उठता है कि मेंटेनेंस की प्रक्रिया हमेशा चलती है तो करीब-करीब सभी इलाकों में बिजली गुल होने के इतने मामले कैसे सामने आ रहे है।
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ऊर्जस ऐप तक नहीं पता नहीं पाता बिजली गुल होने का कारण, 500 फीडर का भी मेंटेनेंस नहीं रख पा रही बिजली कंपनी
इंदौर
Updated: July 22, 2022 07:52:29 pm
इंदौर. शहर में तेज आंधी और बारिश होने पर अधिकांश हिस्सों में अंधकार होना आम हो गया है। सामान्य मौसम में भी कई इलाकों में लगातार बिजली गुल होने की समस्या है। इसकी सबसे बड़ी वजह बिजली कंपनी का मिस मैनेजमेंट है। बारिश से पहले कंपनी ने मेंटेनेंस के नाम पर हर इलाके में घंटों बिजली बंद रखी थी। तब तर्क दिया गया कि बारिश से पहले मेंटेनेंस जरूरी है, ताकि बारिश में बिजली गुल होने की नौबत न आएं। बारिश में तो बिजली लुका-छिपी करती रही है लेकिन, मौसम साफ होने की स्थिति में भी शहर की कई कॉलोनी से रोजाना बिजली गुल होने की शिकायतें सामने आ रही है।
शहर में सबसे ज्यादा बिजली समस्या जवाहर मार्ग, सुदामा नगर, स्कीम नंबर 114, विजय नगर, धार रोड़, सुदामा नगर, सूर्यदेव नगर, कालानी नगर, एरोड्रम रोड आदि में है। बिजली कंपनी की हेल्पलाइन 1912 या फिर ऊर्जस ऐप पर शिकायत के बावजूद बिजली गुल होने की सही वजह पता नहीं चल पाती है। मप्रपक्षेविविकं के पीआरओ अवधेश दवे का कहना है कि 500 फीडर में से रोजाना 2 से 3 फीसदी फीडर पर मेंटेनेंस का काम चलता है। कुछ देर के लिए बिजली की आपूर्ति रोकी जाती है। हमारी कोशिश रहती है कि बड़े इलाके की जगह छोटे-छोटे इलाकों की आपूर्ति रोककर काम कराया जाएं।
मेंटेनेंस बन गया दिखावा
शहर में बिजली आपूर्ति के लिए करीब 500 फीडर है। इनके मेंटेनेंस के लिए हर जोन स्तर पर टीम गठित की गई है। इन टीमों की जिम्मेदारी बारिश से पहले तारों व खंबों के आस-पास के पेड़ों की टहनियां छांटने, लाइन दुरुस्त करना, बिजली के खंबो को ठीक करना, खुली डीपी आदि की मरम्मत है। मगर, शहर में कई जगहों पर डीपी खुली है। पेड़ों की शाखाएं बिजली के तारों को छू रही है। डीपी खुली है। जरा ही हवा और बारिश में ही कई इलाकों में फॉल्ट की शिकायतें मिलती है।
सुधार का बहाना, नहीं मिलती पूर्व सूचना
एक ओर बिजली कंपनी बिजली बिल भरने से लेकर पंचनामे तक की कार्रवाई ऑनलाइन कर रही है दूसरी ओर, मेंटेनेंस के लिए बिजली बंद होने की जानकारी ही उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रही है। सूत्रों के अनुसार मेंटेनेंस की सूचना एक दिन पहले ही जारी की जाती है। शहर में लगातार बिजली गुल होने की प्रमुख वजह मेंटेनेंस नहीं बल्कि फॉल्ट और तकनीकी खराबी है जिसे बिजली कंपनी मेंटेनेंस का नाम देती है।
बारिश के दौरान ज्यादा परेशानी
मेंटेनेंस में लापरवाही का ही कारण है कि बारिश होते समय अंधेरे के साथ ही मौसम साफ रहने पर भी कई कॉलोनियों में अंधेरे फैला रहता है। अधिकारियों का कहना है कि मेंटेनेंस की प्रक्रिया हमेशा चलती रहती है। इस पर यह सवाल उठता है कि मेंटेनेंस की प्रक्रिया हमेशा चलती है तो करीब-करीब सभी इलाकों में बिजली गुल होने के इतने मामले कैसे सामने आ रहे है।
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