सील में डील अब दूर की कौड़ी, धारीवाल ने दी नई नीति को मंजूरी, चुकानी होगी धरोहर राशि | Rajasthan Government New Policy For Open Seal Of Illigal Building | Patrika News
निकायों में सील में डील का खात्मा करने के लिए सरकार ने सील खोलने की नई नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति में सील खुलवाने के लिए अवैध बिल्टअप क्षेत्र पर 500 रुपए प्रतिवर्ग फीट तक की दर से धरोहर राशि जमा करानी होगी।
नई नीति के अनुसार स्वीकृति से भिन्न उपयोग के प्रकरणों में अवैध बिल्टअप क्षेत्र पर 500 प्रतिवर्ग फीट की दर से धरोहर राशि जमा कराकर 60 दिवस में भिन्न भू-उपयोग बन्द करना या हटाना होगा। स्वीकृति से अधिक और सेटबैक निर्माण के प्रकरणो में अवैध बिल्टअप क्षेत्र पर 300 रुपए प्रति वर्गफुट की दर से धरोहर राशि जमा कराकर 60 दिवस में अवैध निर्माण हटाना होगा। अनुज्ञेय से भिन्न उपयोग के प्रकरणों में अवैध बिल्टअप क्षेत्र पर राशि 300 रुपए प्रति वर्गफीट की दर से धरोहर राशि जमा कराकर 90 दिवस में भू-उपयोग परिवर्तन कराना होगा। बिना स्वीकृति निर्माण के प्रकरणों में बिल्टअप क्षेत्र पर 50 रुपए प्रतिवर्ग फीट की दर से धरोहर राशि जमा कराकर 60 दिवस के भीतर निर्माण स्वीकृति प्राप्त करनी होगी। कृषि भूमि का बिना भू—रूपांतरण कराए निर्माण के प्रकरणों में बिल्टअप क्षेत्र की डीएलसी की 25 प्रतिशत की दर से धरोहर राशि जमा कराकर 120 दिवस में पट्टा लेना होगा।
मौके पर बनाना होगा नक्शा
संबंधित निकायों द्वारा सील भवनों का मौके पर नजरी नक्शा बनेगा। इसमें वैध निर्माण, स्वीकृत योग्य निर्माण और अवैध निर्माण को पृथक-पृथक रंग में दर्शाया जाएगा। सील किए गए भवन के मालिक द्वारा संबंधित निकाय में निर्धारित धरोहर राशि जमा कराकर निर्माण स्वीकृति लेने, अवैध निर्माण हटाने, भू-उपयोग परिवर्तन कराने, अवैध उपयोग बंद करने या पट्टा लेने के लिए शपथ-पत्र लिया जाएगा। इसके संबंधित प्राधिकृत आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी को सील खोलने का प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत किया जाएगा।
जब्त हो जाएगी धरोहर राशि
सील किए गए प्रकरणों निर्माणकर्ता को सील खुलवाने की दिनांक से निर्धारित अवधि में निर्माण की स्वीकृति प्राप्त करनी होगी या अवैध निर्माण हटाना होगा। अगर भू-उपयोग परिवर्तन का मामला है तो यह परिवर्तन भी करना होगा या अवैध भू-उपयोग बंद कर पट्टा लेने की कार्रवाई करना आवश्यक होगा। ऐसा नहीं करने पर जमा धरोहर राशि समायोजित या जब्त की जा सकेगी। निर्धारित अवधि में अवैध निर्माण हटाने, अवैध भू-उपयोग बंद करने एवं पार्किंग की पूर्ति करने पर धरोहर राशि में से 10 प्रतिशत राशि प्रशासनिक शुल्क के रूप में काटकर शेष 90 प्रतिशत राशि लौटाई जा सकेगी। निर्धारित अवधि में निर्माण स्वीकृति लेने, भू-उपयोग परिवर्तन कराने और पट्टा लेने पर धरोहर राशि समायोजित कर शेष राशि ली जाएगी, लेकिन धरोहर राशि अधिक होने पर 10 प्रतिशत प्रशासनिक शुल्क काटकर शेष राशि लोटाई जा सकेगी।
तो अधिकारी के खिलाफ भी होगी कार्रवाई
नई नीति में अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। जिन प्रकरणों में समय पर अवैध निर्माण नहीं हटाया गया है। या गाइडलाइन के अनुसार काम नहीं किया गया है तो अवैध निर्माण हटाने या उसे दोबारा सील करने की कार्रवाई संबंधित निकाय करेंग। इसका हर्जा-खर्चा प्रार्थी से वसूल किया जाएगा। साथ ही आगामी 30 दिन में संबंधित न्यायालय में निकाय के अधिकारी द्वारा अवैध निर्माणकर्ता के खिलाफ अभियोजन की कार्रवाई की जाएगगी। इसमें कोताही बरतने वाले अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। ऐसे प्रकरणों की मॉनिटरिंग हर 15 दिन में संबंधित निकाय करेंगे और रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजेंगे।
30 दिन में देनी होगी स्वीकृति
स्वीकृति योग्य प्रकरणों में प्रार्थी द्वारा नियमानुसार समस्त दस्तावेज के साथ संबंधित निकाय में भवन निर्माण स्वीकृति/भू-उपयोग परिवर्तन/पट्टा प्राप्त करने का आवेदन किया जाएगा। शुल्क जमा कराने के बाद 30 दिन में संबंधित निकाय द्वारा स्वीकृति योग्य भवन की निर्माण स्वीकृति, भू-उपयोग परिवर्तन एवं पट्टा देने की कार्रवाई की जायेगी।