सियासी संग्राम के बीच : 27 नए शहरों में बनेंगे 620 वार्ड, जनवरी तक चुनाव की तैयारी | 620 wards to be built in 27 new cities, preparations for elections | Patrika News

118
सियासी संग्राम के बीच : 27 नए शहरों में बनेंगे 620 वार्ड, जनवरी तक चुनाव की तैयारी | 620 wards to be built in 27 new cities, preparations for elections | Patrika News

सियासी संग्राम के बीच : 27 नए शहरों में बनेंगे 620 वार्ड, जनवरी तक चुनाव की तैयारी | 620 wards to be built in 27 new cities, preparations for elections | Patrika News

नवगठित नगरपालिका—प्रस्तावित वार्ड
-खाजूवाला (बीकानेर)- 20
-बौंली (सवाईमाधोपुर)- 25
-टपूकडा (अलवर)- 20
-बालेसर-सत्ता (जोधपुर)- 20
-अजीतगढ़ (सीकर)- 25
-रानीवाडा (जालोर)- 20
-बड़ोंद (अलवर)- 25
-गुढागौडजी (झुंझनूं)- 20
-दातारामगढ़ (सीकर)- 25
-मण्डावर (दौसा)- 25
-हमीरगढ़ (भीलवाड़ा)- 20
-मारवाड जंक्शन (पाली)- 25
-नीमराना (अलवर)- 25
-बड़ौद मेव (अलवर)- 20
-ऋषभदेव (उदयपुर)- 20
-नरायना (जयपुर)- 25
-टिब्बी (हनुमानगढ़)- 20
– बासनी (नागौर)- 35
-धरियावद (प्रतापगढ़)- 25
-कोटकासिम (अलवर)- 20
-बोरावड़ (नागौर)- 25
-गोविन्दगढ़ (अलवर)- 20
-जायल (नागौर)- 25
-बहादुरपुर-किशनगढ़बास (अलवर)- 25
-सिवाना (बाड़मेर) – 25
-सेमारी (उदयपुर)- 20
-मनोहरपुर (जयपुर)- 25

राजस्थान में अभी निकाय व उनके सदस्य… निकाय—संख्या– सदस्य
नगर निगम- 10- 855
नगर परिषद- 34- 1905
नगरपालिका- 169- 5190
(इनमें वे नगर नगरीय काय हैं, जहां बोर्ड गठित हैं)
अभी सरपंच को ही जिम्मा
सभी नवगठित नगर पालिकाओं में अभी सभापति के रूप में जिम्मा संबंधित सरपंच को ही दिया हुआ है। इनमें ज्यादातर कांग्रेस विचारधारा से जुड़े हुए हैं। राजनीतिक पार्टियां यहां जल्द से जल्द चुनाव चाह रही हैं। क्योंकि, आगामी विधानसभा चुनाव से पहले क्षेत्र में पकड़ भी बनानी है।

इसकी करनी होगी पालना
-सभी वार्डों में जनसंख्या में अनुपात समान हो, यह संभव नहीं है। ऐसे में आनुपातिक सीमा से जनसंख्या 10 प्रतिशत अधिक या कम हो सकती है। किसी भी स्थिति में तय सीमा का उल्लंघन नहीं हो।
-जहां तक संभव हो वार्ड की सीमा सड़क या गली के आधार पर निर्धारित की जाए। यदि इससे वार्ड का अनुपात बिगड़ता हो तो वार्ड रेखा काल्पनिक भी रखी जा सकती है।
-एक मकान दो वार्ड में विभाजित नहीं हो।
-बड़े शहरों में विधानसभा बाउण्ड्री को नहीं तोड़े। दो विधानसभा क्षेत्रों की बाउण्ड्री का एक वार्ड नहीं बनेगाा।

सियासी मायने : राजनीतिक दलों का सीधा दखल हाे सकेगा। अगले साल ही विधानसभा चुनाव है, इसलिए कांग्रेस भी चाहती है कि नवगठित नगरपालिकाओं में चुनाव हो। चुनाव में दल के बैनर तले प्रत्याशी खड़े होंगे। इससे स्थानीय स्तर पर मजबूत टीम तैयार होगी। स्थानीय विधायकों का दबदबा भी बढ़ेगा, क्योंकि वार्ड सदस्य चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन में विधायक की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। विकास कार्य होंगे तो नेताओं को बताने के लिए काम होंगे।

विकास की राह : नगरपालिका के पास कर्मचारियों से लेकर संसाधन का अलग सिस्टम होगा। इसमें सफाई, लाइट, ड्रेनेज, सीवरेज मुख्य रूप से है। नई स्कीम तत्काल लाई जा सकेगी। महत्वपूर्ण यह है कि सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान व जोनल प्लान बनाना अनिवार्य हो जाएगा।



राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News