सियासी संकट के बीच सीएम गहलोत का बड़ा बयान, कहा- ‘हमारे कुछ विधायक अमित शाह से मिठाई खा रहे थे’ | CM gehlot verbally attack on pilot camp regarding political crisis | Patrika News

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सियासी संकट के बीच सीएम गहलोत का बड़ा बयान, कहा- ‘हमारे कुछ विधायक अमित शाह से मिठाई खा रहे थे’ | CM gehlot verbally attack on pilot camp regarding political crisis | Patrika News

सियासी संकट के बीच सीएम गहलोत का बड़ा बयान, कहा- ‘हमारे कुछ विधायक अमित शाह से मिठाई खा रहे थे’ | CM gehlot verbally attack on pilot camp regarding political crisis | Patrika News

सीएम गहलोत ने साल 2020 में आए सियासी संकट का जिक्र करते हुए कहा कि उस वक्त हमारे कुछ विधायकों ने अमित शाह के साथ बैठक की थी और उनके हाथों से मिठाई खाई थी। उस बैठक में बीजेपी नेता धर्मेंद्र प्रधान और जफर इस्लाम भी थे। इनके बीच लंबी बातचीत हुई थी, सरकार भी संकट में आई थी और हमें बाड़ेबंदी में रहना पड़ा। थोड़े दिन चलता रहा फिर सरकार बच गई।

विधायकों को दिए गए थे करोड़ों के ऑफर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उस वक्त विधायकों को 10-10 करोड़ के ऑफर दिए गए थे और जब राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने की तारीख तय कर दी थी तब 30 से 40 करोड़ रुपए विधायकों को ऑफर किया गए लेकिन हमारे विधायकों ने सरकार बचाई।

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि बीजेपी देश में लोकतंत्र की हत्या करने में लगी हुई है हॉर्स ट्रेडिंग और खरीद-फरोख्त के जरिए सरकारों को गिराया जा रहा है। मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र में सरकार गिरा दी गई। कई और राज्यों में भी विधायकों को खरीदा गया लेकिन राजस्थान में हमारी सरकार को गिराने में नाकामयाब साबित हुए।

माफी मांगना मंजूर 102 विधायकों को नहीं छोड़ सकता
गहलोत ने सोनिया गांधी से माफी मांगने के सवाल पर कहा कि मैं 102 विधायकों का अभिभावक हूं, जिन्होंने सियासी संकट में सरकार बचाई थी तो उन्हें धोखा नहीं दे सकता। मुझे खेद है कि मैं पार्टी आलाकमान के आदेश की पालना नहीं करवा पाया। मेरे 50 साल के राजनीतिक जीवन में ऐसा पहली बार हुआ है जब हाईकमान के आदेश की पालना नहीं हो पाई। हाईकमान के प्रतिनिधि आते हैं, हम सब की ड्यूटी होती है कि एक लाइन का प्रस्ताव पास करवाएं। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया अब ऐसी परिस्थिति क्यों बन गई थी यह रिसर्च का विषय है।

विधायकों ने मेरी बात नहीं मानी, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी कहा कि अगर विधायक इस तरह का व्यवहार करेंगे तो मुख्यमंत्री राष्ट्रीय अध्यक्ष का नामांकन दाखिल नहीं कर पाएंगे तो विधायकों ने साफ कर दिया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का फॉर्म नहीं भरें तो कोई बात नहीं लेकिन वो हमारे अभिभावक हैं और हमें छोड़कर कहीं नहीं जा सकते, हम यहां पर किसके भरोसे रहेंगे।मैंने सियासी संकट में 102 विधायकों को आश्वासन दिया था कि मैं आपका अभिभावक हूं इसलिए उन्हें धोखा देकर कहीं नहीं जा सकता। इसलिए मैंने पार्टी आलाकमान से माफी मांगना मंजूर किया।

102 विधायकों में से कुछ मेरे खिलाफ मुखर
वहीं 102 विधायकों में से कुछ विधायकों के मुखर होने के सवाल पर सीएम गहलोत ने कहा कि 102 विधायकों में कुछ विधायक मेरे खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, उनकी अपनी मजबूरी हो सकती है, लेकिन मुझे उनसे कोई शिकायत नहीं है क्योंकि उन विधायकों ने भी सरकार बचाने में अपनी भूमिका निभाई थी, इसलिए मैं उनका अहसान कभी नहीं भूल सकता हूं।

मुख्यमंत्री कौन रहेगा आलाकमान तय करेगा
सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा पर कहा कि मैं तो अपना काम कर रहा हूं, मुख्यमंत्री कौन होगा, कौन नहीं रहेगा इसका फैसला पार्टी आलाकमान को करना है। मैंने तो विधायकों की और अपनी बात पार्टी आलाकमान से कह दी और जो घटनाक्रम हुआ उसके लिए मैंने उनके सामने खेद व्यक्त किया।

युवा पर फोकस होगा अगला बजट
गहलोत ने कहा कि हमारी योजनाओं की देश भर में तारीफ हो रही है। चिरंजीवी योजना, स्मार्टफोन योजना और शहरी रोजगार गारंटी योजना को देश भर में सराहा जा रहा है। पिछली बार हमने किसानों को फोकस करके बजट पेश किया था लेकिन इस बार सरकार के पांचवे और अंतिम बजट को युवा पर फोकस किया जाएगा। पूरा बजट युवाओं को ध्यान में रखकर किया जाएगा, युवाओं को हम से काफी उम्मीदें हैं।

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