सियासत का खमियाजा फंस गया राजस्थान का पानी | The water of Rajasthan got stuck due to politics | Patrika News

78
सियासत का खमियाजा फंस गया राजस्थान का पानी | The water of Rajasthan got stuck due to politics | Patrika News

सियासत का खमियाजा फंस गया राजस्थान का पानी | The water of Rajasthan got stuck due to politics | Patrika News

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर शहर को बीसलपुर बांध से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नवनैरा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक परियोजना को मंजूरी दी थी। केंद्र सरकार ने अब परियोजना पर काम करने पर रोक लगा दी है। जलदाय इंजीनियरों का कहना है कि 2028 के बाद 2051 तक की जयपुर शहर की आबादी को जल संकट झेलना पड़ सकता है।

अतिरिक्त लाइन पर भी ब्रेक
बांध से 5.6 टीएमसी अतिरिक्त पानी का कोटा तय होने के बाद जायका संस्था से 1100 करोड़ का लोन लेने के लिए तैयारियां की जा रही थी। अब अतिरिक्त लाइन पर भी ब्रेक लगने की आंशका हो गई हैं।

जिम्मेदारी से बचने के लिए बयानबाजी कर रहे सीएम: दाधीच
ईस्टर्न कैनाल मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कड़ी टिप्पणी के बाद अब कांग्रेस और भाजपा में बयानों के वार शुरू हो गए हैं। मुख्यमंत्री के केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पर दिए गए बयान के बाद भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि जिम्मेदारी से बचने के लिए ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ईस्टर्न कैनाल विषय पर मध्यप्रदेश की पूर्व कमलनाथ सरकार की ओर से की गई आपत्तियों पर जवाब नहीं दिए गए और प्रस्ताव तक तैयार नहीं किए गए हैं। पर्यावरण और वन विभाग की स्वीकृति भी जारी नहीं की गई है। दाधीच ने कहा कि जल संचय और वितरण राज्य का कार्य है जिसे न तो केंद्र रोक सकता है और न ही बिना राज्य के सहयोग के कोई योजना लागू की जा सकती है।

परियोजना के भरोसे तय हुआ था 5.6 टीएमसी पानी
सरकार ने लिंक परियोजना की बजट घोषणा की तो जयपुर शहर के लिए अगले 30 वर्ष तक निर्बाध रूप से बीसलपुर बांध से जलापूर्ति आसान लगने लगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हस्तक्षेप के बाद कुछ दिन पहले बांध से जयपुर शहर के लिए 5.6 टीएमसी पानी का आरक्षण तय हुआ था। पानी का आरक्षण इस भरोसे तय कराया कि नवनैरा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक परियोजना के जरिए बीसलपुर बांध में कालीसिंध नदी का पानी 2027 तक आना तय माना जा रहा था, लेकिन केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के एक पत्र ने जयपुर शहर की पेयजल व्यवस्था के लिए किए जा रहे प्रयासों पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया है।

केंद्र कितने भी रोडे़ अटकाए, हम परियोजना पूरी करके रहेंगे: जोशी

जलदाय मंत्री महेश जोशी ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार के कहने पर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के काम को रोकने के लिए जल शक्ति मंत्रालय के सचिव पंकज कुमार ने 10 मई को राज्य की मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। जयपुर शहर की 2051 तक की आबादी के सामने पेयजल संकट आ सकता है। जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार इस परियोजना को रोकने की कितनी ही कोशिश करें, लेकिन राज्य सरकार जयपुर समेत अन्य जिलों की लाखों की आबादी की पेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए इस परियोजना को चरणबद्ध तरीके से पूरा करके रहेगी। मंत्रालय के इस पत्र से यह साबित हो गया है कि जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत प्रदेश की जनता का भला नहीं चाहते हैं।

केंद्र का हस्तक्षेप अनैतिक : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संविधान के अनुसार जल राज्य का विषय है। केन्द्र द्वारा रोडे़ अटकाना अनैतिक है। राज्य किसी परियोजना के लिए अपने राज्य के कैचमेंट से प्राप्त पानी एवं दूसरे राज्य के कैचमेंट से प्राप्त पानी का 10 प्रतिशत प्रयोग इस शर्त के साथ कर सकते हैं। अगर परियोजना में आने वाले बांध और बैराजों का डूब क्षेत्र दूसरे राज्य की सीमा में नहीं आता हो तो ऐसे मामलों में अन्य राज्य की सहमति आवश्यक नहीं है।

‘ईआरसीपी पर सरकार कर रही राजनीति’

राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने के मुद्दे पर राज्य सरकार राजनीति कर रही है। इसे लेकर वे शीघ्र आंदोलन करेंगे। 10 जुलाई को नांगल में सभा के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी है। अनुमति नहीं दी तो 9 अगस्त को सभा की जाएगी। रविवार को दौसा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में किरोड़ी ने कहा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करना खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते हैं, लेकिन केंद्रीय जल आयोग की कुछ शर्त हैं, जो राज्य सरकार को पूरी करनी है। राज्य सरकार 75 प्रतिशत पानी की निर्भरता का प्रोजेक्ट बनाकर मध्यप्रदेश सरकार की एनओसी के साथ भेजें तो वे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाएंगे।



राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News