सिद्धू समेत 5 अध्यक्षों के इस्तीफे तो ले लिए लेकिन 4 बार इस्तीफे की पेशकश कर सोनिया ने कभी नहीं छोड़ा पद

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सिद्धू समेत 5 अध्यक्षों के इस्तीफे तो ले लिए लेकिन 4 बार इस्तीफे की पेशकश कर सोनिया ने कभी नहीं छोड़ा पद

सिब्बल को बहुत चांस मिला है सोनिया के आशीर्वाद से, उनके मुंह से ऐसी बातें दुर्भाग्यपूर्ण हैं- अशोक गहलोत

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नई दिल्ली: पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों (Election Result 2022) में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी में विवाद जारी है। जी-23 ग्रुप काफी एक्टिव है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) तो गांधी परिवार की जगह किसी नए व्यक्ति को पार्टी की कमान सौंपने की वकालत कर चुके हैं। विधानसभा चुनावों में हार के बाद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) परिवार के तीनों लोग (सोनिया, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी) के इस्तीफे की पेशकश भी कर चुकी हैं। हालांकि, कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) ने इसे खारिज कर दिया है। इस बीच पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया ने सभी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा मांग लिया है। ऐसा नहीं है कि सोनिया ने पहली बार अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की है। वह इससे पहले भी कई बार इस्तीफे की पेशकश कर चुकी हैं लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया है।

1999 में भी सोनिया ने दे दिया था इस्तीफा
साल 1999 की बात है। वरिष्ठ पार्टी नेता शरद पवार (Sharad Pawar) पी ए संगमा (P A Sangma) और तारिक अनवर (Tariq Anwar) ने कहा था कि विदेशी मूल का व्यक्ति भारत का प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति या राष्ट्रपति नहीं बन सकता है। इसके बाद सोनिया गांधी ने 17 मई को CWC की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी ने उनका इस्तीफा उस वक्त स्वीकार कर लिया था। हालांकि, इसके बाद पूरे देश में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतर गए। पार्टी मुख्यालय के सामने कार्यकर्ता विरोध कर रहे थे। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी के साथ कार्यकर्ताओं ने धक्कमुक्की की थी। सोनिया के खिलाफ बयान देने वाले पवार, संगमा और अनवर को पार्टी से निकाल दिया गया। इसके बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी (AICC) के 1500 सदस्यों की बैठक हुई। 24 मई की रात में सोनिया गांधी ने अपना इस्तीफा वापस लेने की घोषणा कर दी। 25 मई को सोनिया ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सामने एक भावुक भाषण भी दिया था।

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2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस हारी, सोनिया की इस्तीफे की पेशकश

वर्ष 2014 के चुनाव में कांग्रेस को नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में बीजेपी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। उस वक्त सोनिया और पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, सोनिया ने 4 बार इस्तीफे की पेशकश की है जबकि राहुल ने कम से कम दो बार ऐसा किया है। हालांकि CWC के सदस्यों ने उन्हें अपने पदों पर बने रहने को कहा।

सोनिया ने राहुल और प्रियंका के साथ की थी इस्तीफे की पेशकश

2019 में राहुल ने दिया इस्तीफा लेकिन..
5 साल बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी ने CWC की बैठक में इस्तीफा दे दिया। हालांकि, राहुल के इस्तीफे को सर्वसम्मति से अस्वीकार कर दिया गया। पार्टी के पारित प्रस्ताव में कहा गया था कि अध्यक्ष राहुल गांधी ने CWC की बैठक में इस्तीफे की पेशकश की लेकिन कमिटी ने इसे स्वीकार नहीं किया और राहुल से अध्यक्ष पद पर बने रहने को कहा। राहुल से पार्टी में बड़े बदलाव का भी आह्वान किया गया। हालांकि एक दिन बाद ही राहुल ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद पार्टी ने सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया।
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2020 में सोनिया गांधी की फिर इस्तीफे की पेशकश

पार्टी में बढ़ते विवाद के बीच खबरों के अनुसार सोनिया गांधी ने एक बार फिर इस्तीफे की पेशकश की थी। सोनिया ने पार्टी नेताओं को कहा कि वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। हालांकि सोनिया के इस प्रस्ताव को फिर से खारिज कर दिया गया। पार्टी नेताओं ने सोनिया को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बने रहने को कहा।

2022 में फिर इस्तीफे की पेशकश खारिज

विधानसभा चुनाव नतीजों (Assembly Election Results) के बाद कांग्रेस पार्टी को लेकर कई तरह के सवालों के बीच सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) ने अपने भाषण में कहा था कि यदि पार्टी को लगता है तो हम तीनों (सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा) इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। लेकिन CWC ने सर्वसम्मति से इसे खारिज कर दिया है। CWC की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से आग्रह किया गया कि वह संगठनात्मक चुनाव संपन्न होने तक अध्यक्ष बनी रहें और पार्टी को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं।

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इन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों से मांगा गया है इस्तीफा

पंजाब में पार्टी की कमान नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के पास थी, यूपी में अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) प्रदेश अध्यक्ष थे। ये दोनों इस बार चुनाव भी हार गए हैं। उत्तराखंड में पार्टी की कमान गणेश गोदियाल (Ganesh Godiyal) के पास थी वहीं गोवा में गिरीश चोडनकर (Girish Chodankar) पीसीसी अध्यक्ष थे। मणिपुर में नमेईरकपैम लोकेन सिंह (N Loken Singh) पार्टी की कमान राज्य में संभाल रहे थे।



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