सावरकर ने माफीनामा नहीं दिया था, अंग्रेजों की पेंशन लेने वालों में कई स्वतंत्रता सेनानी, विक्रम संपत का दावा

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सावरकर ने माफीनामा नहीं दिया था, अंग्रेजों की पेंशन लेने वालों में कई स्वतंत्रता सेनानी, विक्रम संपत का दावा

सावरकर ने माफीनामा नहीं दिया था, अंग्रेजों की पेंशन लेने वालों में कई स्वतंत्रता सेनानी, विक्रम संपत का दावा

मुंबई: कांग्रेस नेता राहुल गांधी का उनकी भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में वीर सावरकर पर दिया बयान कांग्रेस पार्टी समेत पूरी महाविकास अघाड़ी के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है। आलम यह है कि राहुल गांधी के बयान को लेकर महाराष्ट्र (Maharashtra) में सियासी पारा गर्म है। बीजेपी और एमएनएस समेत अन्य संगठनों ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। राहुल गांधी ने भारत यात्रा के दौरान वीर सावरकर को लेकर बयान दिया था, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि जेल में रहने के दौरान वीर सावरकर (Veer Savarkar) ने डर के कारण माफीनामे पर दस्तखत किए थे। इस तरह से उन्होंने न सिर्फ महात्मा गांधी बल्कि अन्य कई भारतीय नेताओं को धोखा दिया था। हालांकि, वीर सावरकर पर दो किताबें लिखने वाले लेखक डॉ. विक्रम संपत (Author Vikram Sampath) ने अपनी किताब में इस विषय पर भी प्रकाश डाला है। संपत ने अपनी किताब में लिखा है कि जिन याचिकाओं की बात की जाती है, वह सावरकर की दया याचिकाएं नहीं थी। इसके अलावा जिस पेंशन को लेकर भी सावरकर पर सवाल उठाए जाते हैं। उस तरह की पेंशन कई अन्य स्वतंत्रता सेनानी भी लिया करते थे। दरअसल इन स्वतंत्रता सेनानियों की डिग्रियां अंग्रेजी हुकूमत उनसे छीन लेते थे।

संपत ने अंग्रेजों से सावरकर के रिश्ते को लेकर भी अपने किताब में जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि अंग्रेज मानते थे कि सावरकर भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, दुर्गा भाभी, राज बिहारी बोस के संपर्क में है। इसीलिए उनकी सजा पांच साल से तेरह साल तक बढ़ती चली गई थी। संपत के मुताबिक 1857 में भगत सिंह ने वीर सावरकर पर लिखी किताब को पब्लिश किया था। जो चौथा संस्करण था। भगत सिंह ने अपनी जेल डायरी में भी लिखा है। सावरकर की हिंदू पद पादशाही को लेकर भी भगत सिंह ने मतवाला न्यूज़ पेपर में कई आर्टिकल भी लिखे थे। यह बातें संपत ने एक निजी न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में कही हैं।

क्या है विवाद की जड़?
दरअसल राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मंगलवार को वाशिम जिले में विनायक दामोदर सावरकर पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने सावरकर की चिट्ठी पढ़ते हुए कहा कि उन्होंने अंग्रेजों की मदद की थी और कारागार में रहने के दौरान उन्होंने माफीनामे पर हस्ताक्षर करके महात्मा गांधी और अन्य समकालीन भारतीय नेताओं को धोखा दिया था। राहुल गांधी ने विनायक सावरकर के ‘माफीनामे’ की एक प्रति दिखाते हुए निशाना साधा। उन्होंने दावा किया, ‘सावरकर जी ने अंग्रेजों की मदद की। उन्होंने अंग्रेजों को चिट्ठी लिखकर कहा – सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूं।’ राहुल गांधी ने यह भी कहा, ‘जब सावरकर जी ने माफीनामे पर हस्ताक्षर किए तो उसका कारण डर था। अगर वह डरते नहीं तो वह कभी हस्ताक्षर नहीं करते। इससे उन्होंने महात्मा गांधी और उस वक्त के नेताओं के साथ धोखा किया।

बीजेपी के निशाने पर राहुल गांधी
इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा था कि वह स्वतंत्रता सेनानी के बारे में पूरी तरह झूठ बोल रहे हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राहुल को चेतावनी देते हुए कहा कि वीर सावरकर के अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महाराष्ट्र के लोग हिंदू विचार के किसी भी शख्स का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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