सात्विक अन्न से विचार भी होंगे सात्विक, बीमारियां रहेंगी दूर, ‘गीताविज्ञान’ पर डॉ. गुलाब कोठारी का संबोधन, देखें Live | dr gulab kothari addressed LNCT Group of Colleges in bhopal | Patrika News

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सात्विक अन्न से विचार भी होंगे सात्विक, बीमारियां रहेंगी दूर, ‘गीताविज्ञान’ पर डॉ. गुलाब कोठारी का संबोधन, देखें Live | dr gulab kothari addressed LNCT Group of Colleges in bhopal | Patrika News

सात्विक अन्न से विचार भी होंगे सात्विक, बीमारियां रहेंगी दूर, ‘गीताविज्ञान’ पर डॉ. गुलाब कोठारी का संबोधन, देखें Live | dr gulab kothari addressed LNCT Group of Colleges in bhopal | Patrika News

इस भव्य में बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य लोगों के साथ ही दुनियाभर से हजारों लोग ऑनलाइन जुड़े थे। पत्रिका.कॉम के साथ ही पत्रिका मध्यप्रदेश के फेसबुक पेज और यूट्यूब पर इस आयोजन का सीधा प्रसारण देखा। कार्यक्रम में श्रोताओं ने अपनी जिज्ञासे से भरे प्रश्न भी डॉ. गुलाब कोठारी से पूछे, जिसका उन्होंने उदाहरण सहित समझाया।

patrika.com पर प्रस्तुत है राजधानी के एलएनसीटी कॉलेज परिसर से डॉ. कोठारी का संवाद कार्यक्रम…।

Live Updates

12.20 pm

डा. कोठारी ने अन्न खाने के बारे में भी कहा कि जैसा खाएंगे अन्न वैसा हो जाएगा मन। हम सात्विक अन्न खाएंगे तो विचार भी सात्विक हो जाएंगे। कई बीमारियों हमारे विचारों से उत्पन्न होती है, जो दवाओं से ठीक नहीं होती है। यह शुरुआत मेरे अन्न से हुई, मन से होकर विचारों तक गई और बीमारी बनकर मेरे शरीर में बीमारी बन गई। यह मेरे स्वरूप तक चले गई।

12.15 pm
डा. कोठारी ने मन के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि मन इच्छा के साथ पैदा होता है। उसका कोई आकार नहीं है। इच्छा पैदा हुई है तो मन पैदा हुई है। क्योंकि इच्छा में एक्शन नहीं है। उसमें डिजायर नहीं है। बगैर डिजायर के कर्म नहीं होगा। जिस का ज्ञान नहीं होगा उसका डिजायर आ नहीं सकता।

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12.01 PM

डॉ. कोठारी ने कहा कि गीता शरीर के लिए नहीं लिखी गई है। माता-पिता ने शरीर को पैदा किया। लेकिन शरीर के भीतर जो सूक्ष्म रूप में रहती है वो आत्मा है।

11.55 AM

डा. गुलाब कोठारी का संबोधन शुरू। गीता विज्ञान की जरूरत क्यों हैं हमें।
11.50 AM
डा. गुलाब कोठारी के जीवन संघर्ष और उनके संग्रहों के बारे में श्रोताओं को जानकारी दी गई।

11.45 AM
डा. कोठारी का सभा में मौजूद श्रोताओं ने खड़े होकर स्वागत किया। एलएनसीटी ग्रुप के डायरेक्टर्स ने पुष्पगुच्छ के साथ स्वागत किया।

11.40 AM
पत्रिका समूह के प्रधान संपादक डॉ. गुलाब कोठारी एलएनसीटी ग्रुप के सभा कक्ष में पहुंचे।

गीता का सिद्धांत कर्म का सिद्धांत है

इससे पहले, डॉ. कोठारी ने शुक्रवार को इंदौर की सेज यूनिवर्सिटी परिसर में आयोजित गीता विज्ञान के विषय पर कहा कि आत्मा का यात्रा मार्ग शरीर है। मंजिल क्या है, इसे समझने के लिए विवेक होना जरूरी है। वर्ण और आत्मा के हिसाब से कर्म तय करेंगे तो सफलता मिलेगी। यही बात गीता सिखाती है। इसके विपरीत किए गए कार्यों से परिणाम नहीं मिलेंगे। गीता का सिद्धांत कर्म का सिद्धांत है। भाव यह होना चाहिए कि बीज बोना मेरे हाथ में है, फल लगेंगे या नहीं, लगे तो किसे मिलेंगे, इस पर मेरा वश नहीं है। मन फल के स्वरूप में अटक जाता है, जिससे सफलता का इंडेक्स नीचे आ जाता है।

indore1.jpgयह भी पढ़ेंः बीज का लक्ष्य है पेड़ बन जाना, हमें भी लक्ष्य तय करना चाहिए, ‘गीताविज्ञान’ पर डॉ. गुलाब कोठारी का संवाद



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