सहवाग के छक्के देख रोने लगा था ये पाकिस्तानी बच्चा, पाक टीम में आते ही मचाया तहलका
नई दिल्ली: कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं, कुछ ऐसा ही हुआ था इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में डेब्यू करने वाले अबरार अहमद के साथ। डेब्यू मैच में 5 विकेट झटकने वाला यह लेग स्पिनर जब 6 वर्ष का था तो सकलैन मुश्ताक की बॉलिंग में गलतियां निकालते दिखा था। बात 2004 की है। भारत और पाकिस्तान के बीच टेस्ट सीरीज का पहला मैच था। वीरेंद्र सहवाग ने 375 गेंदों में 309 रन की पारी के दौरान सकलैन मुश्ताक को खूब धोया था। इस मैच के दौरान 6 वर्ष के अबरार घर टीवी के सामने बैठकर सकलैन की गलतियां गिना रहे थे और सहवाग के छक्के देख भावुक हो गए थे।
अबरार अहमद ने डेब्यू मैच के शुरुआती 7 विकेट किए अपने नाम
खैर, 6 वर्ष के बच्चे ने पाकिस्तान के लिए इंग्लैंड के खिलाफ मुल्तान के मैदान पर ही टेस्ट डेब्यू किया और पारी के शुरुआती 7 विकेट अपने नाम किया। अबरार ने जैक क्राउली (19) के रूप में पहला विकेट झटका। इसके बाद उन्होंने बेन डकेट (63), ओली पोप (60), जो रूट (8), हैरी ब्रूक्स (9), बेन स्टोक्स (30) और विल जैक्स (31) को भी आउट किया। स्टोक्स जब बोल्ड हुए तो उनका मुंह खुला का खुला ही रह गया। ऐसा लग रहा था कि पारी के सभी विकेट झटक लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने मैच में 114 रन देकर 7 विकेट झटके, जबकि 3 विकेट जाहिद महमूद के नाम रहे। इंग्लैंड की पहली पारी 281 रनों पर सिमटी।
नहीं पता था अब्दुल कादिर कौन हैं?
रोचक बात यह है कि क्रिकेटर बनने का सपना देखने वाले हर भारतीय बच्चे से उम्मीद की जाती है कि वह कम से कम सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, एमएस धोनी और रोहित शर्मा जैसे नामों से परिचित होगा। लेकिन अबरार अहमद के साथ ऐसा नहीं था। वह लेग स्पिनर हैं और जब वह अकैडमी गए तो उन्हें अपने ही देश के महान अब्दुल कादिर के बारे में पता नहीं था, क्योंकि बचपन से उनके हीरो सुनील नरेन थे।
इसलिए नहीं जानते थे अब्दुल कादिर के बारे में
यह बात 5 वर्ष पहले की है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, हैरी पॉटर की तरह दिखने वाले 19 वर्ष के अबरार पाकिस्तान की नेशनल क्रिकेट अकैडमी गए। वहां हेड कोच मुश्ताक अहमद ने अबरार से पूछा- क्या आप अब्दुल कादिर के बारे में जानते हैं? इस पर उन्होंने जवाब दिया- ये कौन है, कभी नाम नहीं सुना। इतना सुनना था कि मुश्ताक अहमद हैरान रह गए। सभी ठहाके लगाने लगे और मुश्ताक ने फिर पूछा कि आपने लेग स्पिनर के तौर पर खुद को रजिस्टर किया है और महान खिलाड़ी के बारे में नहीं जानते? इस पर साथ गए अबरार के बचपन के कोच मुहम्मद मसरूर ने उनका बचाव करते हुए कहा- उसकी गलती नहीं है। दरअसल, वह बचपन से ही सुनील नरेन का फैन है।
उधर सहवाग लगा रहे थे छक्के, 6 वर्ष का अबरार निकाल रहा था सकलैन मुश्ताक की गलतियां
उसके भाई साजिद बताते हैं- मुझे अच्छे से याद है। मुल्तान टेस्ट में वीरेंद्र सहवाग जब सकलैन मुश्ताक को छक्के लगा रहे थे तो अबरार 6 वर्ष का था। वह तब सकलैन की बॉलिंग की गलतियों को बयां कर रहा था। उस वक्त पाकिस्तानी टीम के खेल से नाराजगी इतनी बढ़ गई कि उसने दूसरे कमरे में खुद को बंद कर लिया था। वह भावुक हो गया था। वह बचपन से ही क्रिकेट बनना चाहता था और पाकिस्तान के लिए खेलना चाहता था।
क्रिकेट और सिर्फ क्रिकेट खेलने की थी चाहत
आठ भाई-बहनों (पांच भाई और तीन बहन) में सबसे छोटे अबरार अपनी मां के ज्यादा करीब थे। जब वह 9 साल का हुआ तो अबरार की मां ने उसे हिफ्ज (कुरान याद करना) करने के लिए कहा। अगले दो वर्षों के लिए क्रिकेट से वह हट गया। साजिद बताते हैं- वह हमारे बीच सबसे प्रभावशाली था। मेरी मां चाहती थी कि वह आलीमा (इस्लामिक विज्ञान का अध्ययन) करे। पहली बार उसने अपनी मां को ‘ना’ कहा। उसने कहा- मैं क्रिकेट खेलना चाहता हूं, मुझे आलिम बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
अबरार ने बाद में पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर राशिद लतीफ की अकैडमी में क्रिकेट का ककहरा सीखा। इसके बाद वह मुहम्मद मसरूर से जुड़े, जो अंडर-19 पाकिस्तानी टीम के कोच थे। वहीं से अबरार के क्रिकेट करियर की असल शुरुआत होती है। पाकिस्तानी सुपर लीग के एक मैच में इयान मोर्गन ने 57 गेंदों में 80 रन ठोके थे। इस मैच में अबरार की 16 गेंदों में सिर्फ 17 रन ही बने थे। उनकी परफॉर्मेंस से हर कोई हैरान था। पोलार्ड तक तारीफ करते दिखे थे। अबरार ने कायद-ए-आजम ट्रॉफी के इस सीजन में रिकॉर्ड 43 विकेट झटके हैं। इस दौरान 7 मैचों में उनके नाम फाइव विकेट हॉल रहा।
अबरार अहमद ने डेब्यू मैच के शुरुआती 7 विकेट किए अपने नाम
खैर, 6 वर्ष के बच्चे ने पाकिस्तान के लिए इंग्लैंड के खिलाफ मुल्तान के मैदान पर ही टेस्ट डेब्यू किया और पारी के शुरुआती 7 विकेट अपने नाम किया। अबरार ने जैक क्राउली (19) के रूप में पहला विकेट झटका। इसके बाद उन्होंने बेन डकेट (63), ओली पोप (60), जो रूट (8), हैरी ब्रूक्स (9), बेन स्टोक्स (30) और विल जैक्स (31) को भी आउट किया। स्टोक्स जब बोल्ड हुए तो उनका मुंह खुला का खुला ही रह गया। ऐसा लग रहा था कि पारी के सभी विकेट झटक लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने मैच में 114 रन देकर 7 विकेट झटके, जबकि 3 विकेट जाहिद महमूद के नाम रहे। इंग्लैंड की पहली पारी 281 रनों पर सिमटी।
नहीं पता था अब्दुल कादिर कौन हैं?
रोचक बात यह है कि क्रिकेटर बनने का सपना देखने वाले हर भारतीय बच्चे से उम्मीद की जाती है कि वह कम से कम सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, एमएस धोनी और रोहित शर्मा जैसे नामों से परिचित होगा। लेकिन अबरार अहमद के साथ ऐसा नहीं था। वह लेग स्पिनर हैं और जब वह अकैडमी गए तो उन्हें अपने ही देश के महान अब्दुल कादिर के बारे में पता नहीं था, क्योंकि बचपन से उनके हीरो सुनील नरेन थे।
इसलिए नहीं जानते थे अब्दुल कादिर के बारे में
यह बात 5 वर्ष पहले की है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, हैरी पॉटर की तरह दिखने वाले 19 वर्ष के अबरार पाकिस्तान की नेशनल क्रिकेट अकैडमी गए। वहां हेड कोच मुश्ताक अहमद ने अबरार से पूछा- क्या आप अब्दुल कादिर के बारे में जानते हैं? इस पर उन्होंने जवाब दिया- ये कौन है, कभी नाम नहीं सुना। इतना सुनना था कि मुश्ताक अहमद हैरान रह गए। सभी ठहाके लगाने लगे और मुश्ताक ने फिर पूछा कि आपने लेग स्पिनर के तौर पर खुद को रजिस्टर किया है और महान खिलाड़ी के बारे में नहीं जानते? इस पर साथ गए अबरार के बचपन के कोच मुहम्मद मसरूर ने उनका बचाव करते हुए कहा- उसकी गलती नहीं है। दरअसल, वह बचपन से ही सुनील नरेन का फैन है।
उधर सहवाग लगा रहे थे छक्के, 6 वर्ष का अबरार निकाल रहा था सकलैन मुश्ताक की गलतियां
उसके भाई साजिद बताते हैं- मुझे अच्छे से याद है। मुल्तान टेस्ट में वीरेंद्र सहवाग जब सकलैन मुश्ताक को छक्के लगा रहे थे तो अबरार 6 वर्ष का था। वह तब सकलैन की बॉलिंग की गलतियों को बयां कर रहा था। उस वक्त पाकिस्तानी टीम के खेल से नाराजगी इतनी बढ़ गई कि उसने दूसरे कमरे में खुद को बंद कर लिया था। वह भावुक हो गया था। वह बचपन से ही क्रिकेट बनना चाहता था और पाकिस्तान के लिए खेलना चाहता था।
क्रिकेट और सिर्फ क्रिकेट खेलने की थी चाहत
आठ भाई-बहनों (पांच भाई और तीन बहन) में सबसे छोटे अबरार अपनी मां के ज्यादा करीब थे। जब वह 9 साल का हुआ तो अबरार की मां ने उसे हिफ्ज (कुरान याद करना) करने के लिए कहा। अगले दो वर्षों के लिए क्रिकेट से वह हट गया। साजिद बताते हैं- वह हमारे बीच सबसे प्रभावशाली था। मेरी मां चाहती थी कि वह आलीमा (इस्लामिक विज्ञान का अध्ययन) करे। पहली बार उसने अपनी मां को ‘ना’ कहा। उसने कहा- मैं क्रिकेट खेलना चाहता हूं, मुझे आलिम बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
अबरार ने बाद में पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर राशिद लतीफ की अकैडमी में क्रिकेट का ककहरा सीखा। इसके बाद वह मुहम्मद मसरूर से जुड़े, जो अंडर-19 पाकिस्तानी टीम के कोच थे। वहीं से अबरार के क्रिकेट करियर की असल शुरुआत होती है। पाकिस्तानी सुपर लीग के एक मैच में इयान मोर्गन ने 57 गेंदों में 80 रन ठोके थे। इस मैच में अबरार की 16 गेंदों में सिर्फ 17 रन ही बने थे। उनकी परफॉर्मेंस से हर कोई हैरान था। पोलार्ड तक तारीफ करते दिखे थे। अबरार ने कायद-ए-आजम ट्रॉफी के इस सीजन में रिकॉर्ड 43 विकेट झटके हैं। इस दौरान 7 मैचों में उनके नाम फाइव विकेट हॉल रहा।