सहयोगी दलों को खत्म करने की साजिश रचती है बीजेपी…शरद पवार, महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी होने वाला था खेल

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सहयोगी दलों को खत्म करने की साजिश रचती है बीजेपी…शरद पवार, महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी होने वाला था खेल

सहयोगी दलों को खत्म करने की साजिश रचती है बीजेपी…शरद पवार, महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी होने वाला था खेल

मुंबई: बीजेपी अपने सहयोगी दलों को तोड़ने और खत्म करने की कोशिश करती है, वह उस पार्टी की रणनीति का हिस्सा है। इसी रणनीति के तहत शिवसेना में बगावत कराई गई। महाराष्ट्र की तरह ही बिहार में भी बीजेपी की यही रणनीति थी, लेकिन बिहार में यह खेल शुरू होने से पहले ही नीतीश कुमार सावधान हो गए और उन्होंने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया। यह बात एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) ने कही। पवार ने कहा कि आज बीजेपी नेता नीतीश कुमार पर ही निशाना साध रहे हैं। लेकिन उन्होंने जरा भी समय बर्बाद कर समय रहते बिल्कुल सही कदम उठाया है। पवार ने शिवसेना में फूट डालने का मुख्य आरोप बीजेपी पर ही लगाया है। साथ ही वर्तमान में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पर आरोप लगाते हुए शरद पवार ने कहा कि उन्होंने शिवसेना को तोड़ने के काम में बीजेपी की मदद की है।

‘नीतीश कुमार ने लिया सही फैसला’
पवार ने दावा किया कि बीजेपी की एक और खासियत है कि वह चुनावों के वक्त क्षेत्रीय दल से हाथ मिलाती है, लेकिन यह सुनिश्चित करती है कि सहयोगी दल कम सीटें जीते। महाराष्ट्र में भी ऐसा ही हुआ। पवार ने कहा कि चाहे बीजेपी नेता नीतीश कुमार की कितनी भी आलोचना करें, लेकिन उन्होंने विवेकपूर्ण फैसला किया है। उन्होंने बीजेपी द्वारा पैदा किए जा रहे संकट को भांपते हुए यह फैसला लिया। मुझे लगता है कि उन्होंने अपने राज्य तथा पार्टी के लिए बुद्धिमानी भरा निर्णय लिया।

‘बीजेपी ने शिवसेना में डाली फूट, शिंदे ने की मदद’
मीडिया से बात करते हुए पवार ने कहा कि चुनाव में साथ आना, मित्र दलों की सीटों को कैसे कम किया जाए, इसका इंतजाम करना और धीरे-धीरे मित्र दलों को खत्म करना, यही बीजेपी की रणनीति है। उदाहरण देते हुए पवार ने कहा कि अकाली दल जैसी पार्टी बीजेपी साथ थी। उसके नेता प्रकाश सिंह बादल बीजेपी के साथ थे, लेकिन आज पार्टी पंजाब में लगभग खत्म हो गई है। महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी कई वर्षों तक साथ रहीं। आज बीजेपी यह योजना बना रही है कि शिवसेना में फूट डालकर उसे कैसे कमजोर किया जा सकता है और महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य ने इसमें मदद की है।

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‘उनकी पार्टी की ओछी मानसिकता है’
पवार ने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बयान दिया था कि क्षेत्रीय पार्टियों का कोई भविष्य नहीं है। वह वह एकजुट नहीं रहेंगी, जबकि एकमात्र बीजेपी पूरे देश में सुरक्षित और एकजुट रहेगी। सुशील मोदी ने कुछ दिन पहले कहा था कि शिवसेना ने धोखा दिया था, इसलिए शिवसेना में फूट डाली। पवार ने कहा कि यह बयान बीजेपी की मानसिकता को उजागर करते हैं।

शरद पवार ने कहा कि श्रीलंका में एक ही परिवार के हाथ में सत्ता थी। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री सब एक ही परिवार के लोग थे। श्रीलंका में सत्ता का केंद्रीकरण हो चुका था। इसी वजह से लोगों के बीच में असंतोष बढ़ने लगा था, जिसका परिणाम जनता ने विद्रोह कर दिया। उन्होंने कहा कि श्रीलंका के जो हालात आज है, वह एक दिन या एक महीने में नहीं, बल्कि कई वर्षों में बने हैं।

‘सत्ता का केंद्रीकरण सही नहीं’
पवार ने कहा कि बांग्लादेश में जो परिस्थिति बनी है, वही हालात पाकिस्तान में भी बन सकते हैं। हमारे देश के नेताओं को भी अपने पड़ोसी देशों के हालात पर नजर रखनी चाहिए। खास तौर पर नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल द्वारा ध्यान देने की सख्त जरूरत है। पवार ने कहा कि जहां सत्ता केंद्रित हो जाती है। वह इस तरह की समस्या भी खड़ी होना शुरू हो जाती हैं। भारत में भी राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता का केंद्रीकरण होने की शंका लोगों के मन में निर्माण हो रही है। हालांकि, अभी हिंदुस्तान में श्रीलंका जैसी परिस्थिति होने के आसार नजर नहीं आते। पवार ने कहा कि बावजूद इसके हमें सावधान रहने की जरूरत है।

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