सर्दियों में शराब पीना सेहत के लिए हो सकता है घातक, हेल्थ एक्सपर्ट की क्या है राय | drinking liquor in winter can be dangerous says expert | Patrika News

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सर्दियों में शराब पीना सेहत के लिए हो सकता है घातक, हेल्थ एक्सपर्ट की क्या है राय | drinking liquor in winter can be dangerous says expert | Patrika News


ठंड का मौसम अपने चढ़ान पर है, ठंड को भगाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय भी करने लगे हैं। खान-पान से लेकर पहने-ओढ़ने और हीटर से ठंड भगाने की कोशिश की जा रही है। ज्यादातर लोग ये समझते हैं कि शराब पीने से ठंड नहीं लगती और वे लोग शराब का सेवन बढ़ा देते हैं। मगर विशेषज्ञों के मुताबिक ज्यादा ठंड में शराब पीना जिन्दगी के लिए खतरा साबित हो सकता है। इतना ही नहीं पिछले वर्ष दिसंबर के महीने में मौसम विभाग ने शराब न पीने के लिए बकायदा एडवायजरी भी जारी की थी।

हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह पर जारी की थी चेतावनी

मौसम विभाग ने दिसंबर 2020 में जारी अपनी निर्देशिका में शराब नहीं पीने की सलाह भी दी थी। क्योंकि मौसम विभाग के मुताबिक, शराब पीने से शरीर का तापमान गिरता है। इस एडवायजरी के बाद बीबीसी ने पिछले वर्ष इसकी पूरी पड़ताल कर विस्तृत रिपोर्ट दी थी। दिल्ली के डॉक्टरों से बातचीत पर आधारित इस रिपोर्ट के मुताबिक मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा था कि जब ज्यादा ठंड पड़ रही हो तब शराब न पिएं, क्योंकि वो शरीर का तापमान और गिराता है। मौसम विभाग के मुताबिक मेडिकल क्षेत्र के विशेषज्ञों के शोध के आधार पर ही आईएमडी ये चेतावनी जारी की थी।

कई ठंडे देशों में लोग शराब का सेवन करते हैं

दुनिया में कई मुल्क ऐसे हैं जहां तापमान बेहद कम मतलब दस डिग्री से लेकर माइनस बीस से तीस डिग्री के बीच रहता है, लेकिन वहां शराब का उपभोग कहीं ज्यादा रहता है। इनमें रूस, बेलारूस और लिथुआनिया जैसे देश आते हैं, जहां तामपान बेहद कम रहता है। ये देश दुनिया में शराब उपभोग के मामले में सबसे ऊपर हैं। इसके साथ ही एक आम धारणा ये है कि शराब पीने से शरीर में गर्माहट आती है।

क्या कहता है विज्ञान?

इंसानी शरीर का मूल तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है, लेकिन जब आपके आसपास का तापमान घटने लगता है तो शरीर ऊर्जा का इस्तेमाल अपने मूल तापमान को बनाए रखने के लिए करता है। लेकिन जब शरीर का तापमान तय सीमा से नीचे गिरने लगता है तो आप हाइपोथर्मिया के शिकार होते हैं। मौसम विभाग की चेतावनी के मुताबिक, दिल्ली एनसीआर, पंजाब, हरियाणा में इस वक्त जो तापमान है, उसमें ज्यादा देर तक रहने पर हाइपोथर्मिया के शिकार हो सकते हैं। सरल शब्दों में कहें तो जब शरीर का कोर टेंपरेचर एक सीमा से ज्यादा गिरने लगता है तो आप हाइपोथर्मिया के शिकार होने लगते हैं।

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक जब हम शराब पीते हैं तो शराब के हमारे शरीर में जाने के बाद वेजो डायलेशन होता है। इसकी वजह से हमारे हाथ, पैरों की रक्त वाहिकाओं का विस्तार होता है, उनमें पहले से ज्यादा खून का प्रवाह होने लगता है। इसकी वजह से हमें गर्माहट का अहसास होता है। इसीलिए लोगों को लगता है कि पश्चिमी देशों में लोग शराब इसलिए ज्यादा पीते हैं, क्योंकि वहां ठंड ज्यादा पड़ती है। लेकिन असल में शराब की वजह से हाथ पैरों में खून की मात्रा बढ़ती है तो ऐसा लगता है कि गर्मी लग रही है। इस अहसास के आधार पर ही लोग सर्दियों के कपड़े जैसे मफलर, जैकेट, हैट, स्वेटर आदि उतार देते हैं। लेकिन जब वे ऐसा कर रहे होते हैं तभी उनकी बॉडी का कोर टेंपरेचर गिर रहा होता है और हमें उस बारे में जानकारी नहीं मिलती है जो कि हमारे शरीर के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।’

डॉक्टरों के मुताबिक जो लोग ज्यादा शराब पीते हैं, उनका चेहरा लाल-लाल सा रहता है, क्योंकि शराब की वजह से उनके बाहरी अंगों जैसे कि चेहरे, हाथ, पैर की रक्त धमनियों में खून का प्रवाह बढ़ जाता है। इससे गर्मी लगती है, क्योंकि खून शरीर के आंतरिक हिस्सों से बाहर की ओर जाता है जिससे कोर बॉडी टेंपरेचर कम हो रहा होता है। इसलिए, ठंड के मौसम में जब आप शराब पीते हैं, और ज्यादा पीते हैं तो आपके शरीर का कोर बॉडी टेंपरेचर कम होता जाता है। खून का प्रवाह बढ़ने से आपके शरीर में पसीना आता है जिससे शरीर का तापमान और कम होता जाता है। ऐसे में ठंड के मौसम में अगर आप शराब पीते हैं तो आपको दिक्कत हो सकती है।’ अब सवाल ये उठता है कि क्या सर्दियों के मौसम में शराब पीने से आपकी जान जा सकती है?

जानलेवा हो सकती है शराब?

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक अगर सर्दियों में हमने बहुत ज्यादा शराब पी ली तो सबसे पहली बात ये होगी कि हम ठीक से कपड़े नहीं पहनेंगे। शराब की वजह से हमारे दिमाग पर जो असर होगा, उससे ये होगा कि हमें पता नहीं चलेगा कि हम किस हालत में हैं और इसी स्थिति में जब हमारे शरीर का कोर टेंपरेचर 37 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाता रहेगा तो धीरे-धीरे हाइपोथर्मिया का असर दिखना शुरू हो जाएगा। हाइपोथर्मिया से व्यक्ति कोमा में जा सकता है और उसकी जान भी जा सकती है।

वहीं, अगर उन मुल्कों की बात की जाए जहां कम तापमान है और शराब ज्यादा पीने का चलन है तो रूस ऐसे ही देशों में से एक है। और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च कहती है कि रूस में जहां वोदका का सेवन काफी सामान्य है, वहां शराब के अधिक उपभोग की वजह से जीवन प्रत्याशा में कमी आई है।

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