सरदारशहर उपचुनावः कांग्रेस के गढ़ में क्या इस बार सेंध लगा पाएगी बीजेपी? 15 में से केवल 2 चुनाव ही जीते | BJP won 2 out of 15 elections in Sardarshahar assembly seats | Patrika News

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सरदारशहर उपचुनावः कांग्रेस के गढ़ में क्या इस बार सेंध लगा पाएगी बीजेपी? 15 में से केवल 2 चुनाव ही जीते | BJP won 2 out of 15 elections in Sardarshahar assembly seats | Patrika News

सरदारशहर उपचुनावः कांग्रेस के गढ़ में क्या इस बार सेंध लगा पाएगी बीजेपी? 15 में से केवल 2 चुनाव ही जीते | BJP won 2 out of 15 elections in Sardarshahar assembly seats | Patrika News

5 दिसंबर को सरदारशहर उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी। सरदार शहर सीट पर हुए चुनावी आंकड़ों पर गौर करें तो सरदारशहर विधानसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, यही वजह है कि 2013 में प्रचंड मोदी लहर के बावजूद भी सरदारशहर सीट कांग्रेस के खाते में गई थी।

ऐसे में बीजेपी के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इस बार बीजेपी कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने में कामयाब हो पाएगी या नहीं। दरअसल इसकी एक वजह यह भी है की सरदार शहर सीट पर अब तक 15 चुनाव हो चुके हैं जिनमें से कांग्रेस पार्टी 9 बार इस सीट पर कब्जा कर चुकी है। बीजेपी सिर्फ दो ही बार सरदार शहर सीट पर चुनाव जीत पाई है। ऐसे में बीजेपी के सामने कांग्रेस के किले को भेद पाना आसान काम नहीं होगा।

सरदार शहर सीट पर 9 बार चुनाव जीती कांग्रेस
वहीं सरदार शहर सीट पर 1951 से लेकर 2018 तक 15 विधानसभा के चुनाव हुए हैं जिनमें से कांग्रेस पार्टी ने 9 बार जीत दर्ज की है। 1951, 1957, 1962, 1972, 1993, 1998, 2003, 2013 और 2018 में कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की। वहीं बीजेपी को केवल 1980 और 2008 में ही जीत हासिल हो सकी।

4 बार चंदनमल बैद और 6 बार भंवर लाल शर्मा रहे विधायक
सरदार शहर सीट पर विधानसभा चुनाव में दिलचस्प बात तो यह है कि कांग्रेस के दिग्गज विधायक रहे चंदनमल बैद चार बार और भंवरलाल शर्मा 6 बार यहां से विधायक रहे। हालांकि भंवर लाल शर्मा चार बार कांग्रेस एक बार जनता दल और एक बार लोकदल से विधायक रहे हैं।

1985 में पहली बार लोकदल के टिकट पर विधानसभा पहुंचे थे भंवरलाल शर्मा
कांग्रेस के दिग्गज विधायक रहे भंवरलाल शर्मा पहली बार 1985 में लोकदल के टिकट पर सरदारशहर से चुनाव जीतकर विधायक बने थे। उसके बाद 1990 में भंवरलाल शर्मा जनता दल के टिकट पर विधायक चुने गए और 1998 में कांग्रेस ज्वाइन करके कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए, जिसके बाद शर्मा 1998, 2000, 2013 और 2018 में भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते।

एक-एक बार यह भी रहे विधायक
वहीं 1967 में आर सिंह निर्दलीय चुनाव जीतकर विधायक बने। हजारीमल जेएनपी के टिकट पर 1976 में विधायक बने और कांग्रेस के नरेंद्र बुडानिया 1993 में इस सीट से विधायक चुने गए थे। वहीं बीजेपी के अशोक कुमार पींचा 2008 में इस सीट से विधायक चुने गए थे।

सहानुभूति वोट बटोरने के लिए दिवंगत विधायक के पुत्र को मैदान में उतारने की तैयारी
वहीं इस बार भी कांग्रेस पार्टी सहानुभूति कार्ड खेलने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कांग्रेस ने दिवंगत विधायक भंवरलाल शर्मा के पुत्र अनिल शर्मा को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है, उनके नाम पर लगभग सहमति भी बन चुकी है। ऐसे में बीजेपी के सामने सहानुभूति कार्ड का जवाब किस प्रकार से दिया जाए यह भी बड़ा प्रश्न है।

हालांकि भाजपा की ओर से दावा किया जा रहा है कि इस बार कांग्रेस का सहानुभूति कार्ड नहीं चल पाएगा, पूरे प्रदेश के साथ-साथ सरदार शहर की जनता में भी कांग्रेस सरकार के खिलाफ एंटी इन्कमबेंसी हैं। हालांकि भाजपा के दावों में कितना दम है यह तो फिलहाल चुनाव परिणाम के बाद ही साफ होगा।

1951 से लेकर 2018 तक हुए विधानसभा चुनाव में कौन जीता

-1951—- चंदन मल बैद—— कांग्रेस
-1957——-चंदन मल बैद—– कांग्रेस
-1962——-चंदमल बैद——- कांग्रेस
-1967——–आर सिंह——– निर्दलीय
-1972—–चंदन मल बैद——- कांग्रेस
-1976—– हजारी मल———जेएनपी
-1980—— मोहन लाल——– बीजेपी
-1985—– भंवर लाल शर्मा—– लोकदल
-1990—– भंवर लाल शर्मा—— जनता दल
-1993—– नरेंद्र बुढ़ानिया——— कांग्रेस
-1998—– भंवर लाल शर्मा——– कांग्रेस
-2003—– भंवर लाल शर्मा——– कांग्रेस
-2008—– अशोक कुमार——– बीजेपी
-2013—– भंवर लाल शर्मा——- कांग्रेस
-2018—– भंवर लाल शर्मा——– कांग्रेस

वीडियो देखेंः- Sardarshahar By Election: Congress-BJP नेता हुए सक्रिय



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