सरकार दे रही पट्टे, तहसीलदार ने दिया उजाड़ने का आदेश | Government is giving lease, Tehsildar ordered to destroy | Patrika News

112
सरकार दे रही पट्टे, तहसीलदार ने दिया उजाड़ने का आदेश | Government is giving lease, Tehsildar ordered to destroy | Patrika News

सरकार दे रही पट्टे, तहसीलदार ने दिया उजाड़ने का आदेश | Government is giving lease, Tehsildar ordered to destroy | Patrika News

कल दोपहर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी रोज की तरह प्रशासनिक संकुल में आई जनता की सुनवाई कर रहे थे। इस दौरान सोनवाय निवासी चेतनसिंह ठाकुर ने मुलाकात की और तहसीलदार सरोज परिहार का एक नोटिस दिखाया। कहना था कि मेरे पिता टीबी की बीमारी से ग्रसित हैं, जिसका प्रभाव उनके मस्तिष्क पर आ गया है। वे पूरी तरह से बेड पर हैं।

उनकी सेवा करने की वजह से मुझे भी नौकरी छोडऩा पड़ गई। पूरा परिवार आर्थिक से लेकर सभी प्रकार की समस्याओं से परेशान है। ऐसे में तहसीलदार हमें बेघर करना चाहती हैं, जबकि हमारे पास ग्राम पंचायत का दिया पट्टा है, जिस पर हमने मकान बनाया है। मैडम हमको अतिक्रमणकर्ता बताकर रिमूवल की कार्रवाई करना चाहती हैं। ठाकुर ने कलेक्टर को अपने पिता की ओर से मदद की गुहार लगाते हुए जो आवेदन तैयार किया था, उसे सौंपा।

ये दिया आवेदन
टीबी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित चेतन के पिता राधेश्याम पिता बद्रीलाल ठाकुर ने आवेदन में बताया कि सोनवाय गांव की सर्वे नंबर 412/1 की जमीन पर ग्राम पंचायत ने ठहराव प्रस्ताव करके 2008 में पट्टे बांटे थे। उन्हें 900 वर्गफीट की जमीन दी गई थी, जिस पर जीवन भर कमाई पूंजी लगाकर मकान बनाया। मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान ने शासकीय व आबादी की जमीन पर 2018 से पहले के कब्जेदारों को स्थाई पट्टे दिए जाने का आदेश दिया, जिसके लिए भी पात्र हूं। ऑनलाइन आवेदन किया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तहसीलदार परिहार का कहना है कि शिकायतकर्ता से समझौता कर लो, नहीं तो कार्रवाई होगी।

दर्ज कराना चाहती थीं मुकदमा
कुछ दिनों पहले तहसीलदार परिहार ने ठाकुर पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए भी पत्र लिख दिया था। उसके आधार पर हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई। पूरे मामले को हाई कोर्ट ने बहुत गंभीरता से लिया और तहसीलदार के रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश को निरस्त किया। उसके बाद से परिहार मकान तोडऩे का प्रयास कर रही हैं।

मेरा नंबर लिखो, दिक्कत हो तो फोन लगाना आवेदन को पढऩे के बाद कलेक्टर इलैयाराजा ने तुरंत तहसीलदार सरोज परिहार को फोन लगाया। कहना था कि मैडम आपका दूसरा प्रकरण आया है। आपको बता दूं कि आबादी और गांव की जमीन पर अतिक्रमण बताकर हटाया नहीं जा सकता है। सरकार लोगों को हटा नहीं, बसा रही है। इन जमीनों पर बेदखली नहीं होगी, जब तक सरकार कोई प्रोजेक्ट नहीं लाती। इस पर तहसीलदार परिहार ने सफाई देने का प्रयास किया। हालांकि कलेक्टर का रुख साफ था। उन्होंने ठाकुर से कहा कि आप घर पर आराम से रहें, कोई कार्रवाई नहीं होगी। मेरा नंबर लिखो, कोई भी दिक्कत आए तो फोन करना।



उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News