‘सरकार तो बीमा कंपनी से भी कमा रही, केन्द्र से भी ले रही पैसाÓ | private hospital | Patrika News

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‘सरकार तो बीमा कंपनी से भी कमा रही, केन्द्र से भी ले रही पैसाÓ | private hospital | Patrika News

‘सरकार तो बीमा कंपनी से भी कमा रही, केन्द्र से भी ले रही पैसाÓ | private hospital | Patrika News

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की राजस्थान शाखा के अध्यक्ष डॉ.सुनील चुघ और सचिव डॉ.पी.सी. गर्ग ने बयान जारी कर कहा कि राज्य के निजी अस्पताल 70 प्रतिशत से अधिक जनता की सेवा कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार की निर्धारित दरों पर सेवाएं दे रहे हैं। जबकि राज्य सरकार उनके लिए कोई सुविधा, सब्सिडी या प्रोत्साहन योजना उपलब्ध नहीं करा रही। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों को राज्य सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी के रूप में सुधारना चाहिए। अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए मुख्यमंत्री निजी स्वास्थ्य प्रदाताओं पर दोष मढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि होटल, रेस्तरां, शैक्षणिक संस्थानों और बिल्डरों जैसी हर निजी संस्था की लागत निहित है और वे मुफ्त या नुकसान में सेवाएं प्रदान नहीं कर सकते। गरीबों को भोजन, पानी, आवास और स्वास्थ्य की मुफ्त सेवाएं प्रदान करना सरकार का कर्तव्य है। लेकिन सरकार बीमा कंपनी से प्रतिपूर्ति भुगतान प्राप्त कर पैसा कमा रही है और अप्रत्यक्ष रूप से केन्द्र सरकार से अपनी स्वास्थ्य योजनाओं के लिए धन प्राप्त कर रही है।

सार्वजनिक माफी की मांग डॉ.सुनील चुघ और डॉ.पी.सी. गर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री ने यह बयान राइट टू हेल्थ बिल के विधानसभा में पारित नहीं होने पर हताशा में दिया है। जबकि यह विधेयक राज्य सरकार की खराब प्रस्तुति थी, जिसकी विधायकों ने आलोचना की थी। एसोसिएशन ने सभी सरकारी अस्पतालों में सीएजी ऑडिट, किए गए ऑपरेशन व्यय की गणना करने के बाद उसकी निजी अस्पतालों में वसूले जाने वाले शुल्क से तुलना करने की नसीहत सरकार को दी है। साथ ही मेडिकल कॉलेजों, निजी अस्पतालों और भारतीय चिकित्सा संघ के अधिकांश सदस्यों के साथ एक स्वास्थ्य नियामक राज्य स्तरीय समिति बनाने और मुख्यमंत्री से बयान पर सार्वजनिक माफी की मांग की है।

निजी अस्पतालों पर लूट का दोषारोपण गैर जिम्मेदाराना बयान प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी के सचिव डॉ. विजय कपूर ने बयान जारी कर कहा कि ज़्यादातर निजी अस्पताल बिना किसी सरकारी सहायता या रियायतों के, अपने संसाधनों से अस्पतालों का संचालन करते हैं। डॉ.कपूर ने कहा कि निजी अस्पतालों पर लूट का दोषारोपण करने से पहले सरकार यह बताए कि सिवाय सरकारी योजनाओं को ज़बरदस्ती थोपने के अलावा सरकार ने आज तक निजी अस्पतालों को पनपने मे क्या सहायता या रियायतें प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के गैर जिम्मेदाराना बयानों से ही चिकित्सक और मरीज़ में अविश्वास व दूरियां पनपती है, जो आगे चलकर अस्पतालों में झगड़े और मारपीट के रूप में सामने आती हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस बयान पर स्पष्टीकरण देने और ऐसा नहीं होने पर निजी क्षेत्र की ओर से राज्यव्यापी आंदोलन व समस्त सरकारी योजनाओं के बहिष्कार की चेतावनी दी है।



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