सरकारी अस्पताल : दिवाली पर वार्मर की हीट बढ़ने से ‘लक्ष्मी’ की मौत | Government Hospital: ‘Lakshmi’ dies due to warmer heat on Diwali | Patrika News

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सरकारी अस्पताल : दिवाली पर वार्मर की हीट बढ़ने से ‘लक्ष्मी’ की मौत | Government Hospital: ‘Lakshmi’ dies due to warmer heat on Diwali | Patrika News

सरकारी अस्पताल : दिवाली पर वार्मर की हीट बढ़ने से ‘लक्ष्मी’ की मौत | Government Hospital: ‘Lakshmi’ dies due to warmer heat on Diwali | Patrika News

परिजन नवजात का बिना पोस्टमार्टम कराए शव ले गए। अस्पताल प्रबंधन ने एनआइसीयू में कार्यरत दो संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी है। वहीं जांच के लिए चार सदस्यीय चिकित्सा टीम का गठन किया है। यह टीम तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

वजन कम होने पर इक्कीस दिन पहले लाए थे अस्पताल चित्तौड़गढ़ जिले के मरमी (राशमी) निवासी पप्पू विश्नोई की नवजात पुत्री सुमित्रा का इक्कीस दिन पूर्व जन्म हुआ था। वजन एक किलो दो सौ ग्राम ही होने से उसे 5 अक्टूबर को एमसीएच की गहन शिशु इकाई में भर्ती कराया था। वहां उसका इलाज चल रहा था। वार्मर हीटर में रखने के दौरान बुधवार तड़के अत्यधिक ताप होने से बच्ची की मौत हो गई। वहीं एक बालक गंभीर रूप से झुलस गया। इसका पता लगने पर अस्पताल में हड़कम्प मच गया। परिजनों ने बुधवार को अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। इससे वहां माहौल गरमा गया। भीमगंज थाना पुलिस और चिकित्सा अधिकारी वहां पहुंचे। परिजनों ने आरोप लगाया कि नर्सिंगकर्मी और चिकित्सकों की लापरवाही के कारण वार्मर की हीट बढी। उधर, बच्ची के परिजन एक घंटे तक समझाइश के बाद शांत हुए। परिजन बिना पोस्टमार्टम के शव ले गए। उधर, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरूण गौड़ का कहना है कि मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। इसमें चार सदस्यों को शामिल किया गया। एनआईसीयू में तैनात दो संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई है।

यह होना चाहिए वार्मर पर नवजात रखने के बाद बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। चौबीस घंटे यहां स्टॉफ की तैनाती रहनी चाहिए। वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश छापरवाल ने बताया कि वार्मर कंट्रोल करने के लिए थर्मोस्टेट की समय-समय पर जांच होनी चाहिए। सामान्य शरीर का तापमान 37 डिग्री होता है। बच्चों के लिए आधा या एक डिग्री तापमान कम रखा जाता है। ऐसे में वार्मर का तापमान 36.5 डिग्री रखा जाता है। ऑटो कट को भी देखना चाहिए। एनआइसीयू में रखे उपकरण की निर्धारित समय पर कम्पनी प्रतिनिधि आकर जांच करें। छापरवाल का कहना है कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन चिकित्सक व नर्सिंगकर्मियों को भी पूर्ण सुरक्षा मिले और समूचे मामले की निष्पक्ष जांच हो।

ऐसे रहें सचेत

  • वार्मर पर भर्ती बच्चे को मां जब दूध पिलाने जाए तो बच्चे के शरीर का तापमान अधिक लगने पर तत्काल नर्सिंगकर्मी को बताए। गर्म लगने पर वार्मर को बंद कर दिया।
  • खराब वार्मर को हटाकर दूसरे उपकरण पर भर्ती करने की जरूरत है। चार्ट के अनुसार तापमान से वार्मर का मिलान किया जाए। प्रशिक्षित नर्सिंगकर्मियों को एनआइसीयू में लगाया जाना चाहिए।



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