सफाई से बनेगी बात या पैरों पर चल गई कुल्हाड़ी, Surgical Strike पर बयान देकर फंस गए Digvijay Singh!

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सफाई से बनेगी बात या पैरों पर चल गई कुल्हाड़ी, Surgical Strike पर बयान देकर फंस गए Digvijay Singh!

सफाई से बनेगी बात या पैरों पर चल गई कुल्हाड़ी, Surgical Strike पर बयान देकर फंस गए Digvijay Singh!


दिग्विजय सिंह का एक बयान उनके लिए गले की फांस बनता दिख रहा है। सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगकर दिग्विजय ने अप्रत्यक्ष रूप से सेना पर सवाल उठा दिए हैं। इसलिए पार्टी ने भी उनके बयान से दूरी बना ली है। उनके समर्थक भी यह सोचकर डरे हुए हैं कि दिग्गी राजा ने कहीं इस बार अपने पैरों पर न कुल्हाड़ी मार ली हो।

 

हाइलाइट्स

  • सर्जिकल स्ट्राइक पर बयान देकर अलग-थलग पड़े दिग्विजय सिंह
  • कांग्रेस ने दिग्विजय के बयान से बनाई दूरी, राहुल गांधी ने भी पल्ला झाड़ा
  • समर्थक भी निराश, राजनीतिक हैसियत कमजोर होने का सता रहा अंदेशा
भोपालः मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह सर्जिकल स्ट्राइक के लिए सबूत मांगकर फंस गए हैं। कांग्रेस पार्टी ने बयान को दिग्विजय का व्यक्तिगत विचार बताकर पल्ला झाड़ लिया है। दिग्विजय अब सफाई में कह रहे हैं कि उन्होंने सेना पर सवाल नहीं उठाए, बल्कि केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। लेकिन इससे बात बनती नहीं दिख रही। बीजेपी उन पर लगातार आक्रामक हो रही है और अपनी पार्टी के नेता भी उनकी मदद नहीं कर रहे।

पार्टी ने बनाई दूरी

अक्सर अपने बयानों के चलते विवादों में रहने वाले दिग्विजय के समर्थक भी काफी निराश हैं। दिग्विजय फिलहाल पार्टी सांसद राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में चल रहे हैं। राहुल ने स्पष्ट कह दिया है कि वे देश की सेना का पूरा सम्मान करते हैं और दिग्विजय के बयान से इत्तेफाक नहीं रखते। दिग्गी के बड़े भाई कमलनाथ ने भी उनके बयान से दूरी बना ली है।

पार्टी में हैसियत बढ़ने पर ब्रेक लगने का डर

भारत जोड़ो यात्रा की कामयाबी के बाद अनुमान लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस में दिग्विजय की हैसियत बढ़ेगी। यात्रा के संयोजक के रूप में दिग्गी की भूमिका की खूब तारीफ हो रही थी। यात्रा के जरिए राहुल गांधी के प्रति लोगों के नजरिये में आए बदलाव को दिग्विजय की योजना का नतीजा माना जा रहा था, लेकिन एक बयान से माहौल पूरी तरह बदल गया। उनके समर्थकों को भी अंदेशा है कि सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाकर दिग्विजय ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी न कहीं मार ली हो।

समर्थक भी निराश

समर्थकों की निराशा का एक कारण यह भी है कि मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। राजनीतिक रूप से कमजोर दिग्विजय अपने समर्थकों को टिकट के लिए कितना जोर लगा पाएंगे, यह भी संदेहास्पद है। कमलनाथ के साथ उनकी कथित दूरियों को लेकर पहले से ही कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसे में समर्थकों की चिंताएं लाजिमी हैं।

कांग्रेस के लिए बढ़ सकते हैं मुश्किलें

चिंता केवल समर्थकों के लिए टिकट की ही नहीं है। माना जा रहा है कि एमपी विधानसभा चुनावों में बीजेपी को इस बार एंटी-इनकम्बेंसी से मुकाबला करना मुश्किल होगा। ऐसे में कांग्रेस के लिए सत्ता में वापसी का रास्ता आसान हो सकता है, लेकिन दिग्विजय के इस बयान से पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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