सतना-रीवा और कटनी-सिंगरौली के बीच डबल ट्रैक पर सरपट ट्रेनें दौडऩे की उम्मीद बढ़ी

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सतना-रीवा और कटनी-सिंगरौली के बीच डबल ट्रैक पर सरपट ट्रेनें दौडऩे की उम्मीद बढ़ी

– सकरिया-कैमा के बीच 110 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ा इंजन
– देवराग्राम-मझौली के बीच सीआरएस का ट्रायल भी सफल

जबलपुर . जबलपुर से रीवा और जबलपुर से सिंगरौली के बीच डबल ट्रैक पर ट्रेनें सरपट दौडऩे की उम्मीद बढ़ गई है। सतना-रीवा और कटनी-सिंगरौली के बीच चल रहे रेल पथ दोहरणीकरण कार्य के तहत लगभग 15 किलोमीटर का दूसरा पथ तैयार कर लिया गया है। इसमें सतना-रीवा के बीच सकरिया-कैमा रेलखंड पर बुधवार को रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने सफल ट्रायल लिया है। इस दौरान ट्रैक पर लगभग 110 किमी प्रतिघंटा की गति से इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ाया गया। इससे पहले सोमवार को सीआरएस निरीक्षण में सिंगरौली रेलमार्ग पर तैयार दूसरी लाइन के एक खंड पर भी 121 किमी प्रतिघंटा की गति से इलेक्ट्रॉनिक इंजन का ट्रायल सफल रहा था। इन दोनों रेल खंड को सीआरएस का ओके मिलने से रेल पथ दोहरीकरण के कार्य को गति मिलेगी।
दूसरी लाइन के इन हिस्से पर सफल ट्रायल
– सतना-रीवा : सकरिया से कैमा के बीच लगभग 6.36 किलोमीटर का का दूसरा ट्रैक। इसमें 03 घुमावदार कर्व, 11 छोटे ब्रिज और 01 सीमित ऊंचाई का सबवे (रेल अंडर ब्रिज) है।
– कटनी-सिंगरौली : सरईग्राम-बरगवा सेक्शन में देवराग्राम-मझौली के बीच 8.278 किमी। इसमें 4 घुमावदार कर्व, 2 बड़े ब्रिज, 6 छोटे ब्रिज और 4 सीमित ऊंचाई के सबवे हैं।
गुड्स के साथ यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी
कटनी-सिंगरौली तक लगभग 257 किमी लंबी दूसरी लाइन निर्माणाधीन है। इसमें लगभग पचास किमी का रेलमार्ग बन चुका है। इस वर्ष 70 किमी की लाइन तैयार करने की योजना है। इस पर तेजी से काम हो रहा है। इस रेलमार्ग पर कोयला लेकर गुड्स ट्रेनें बड़ी संख्या में चलती हैं। रेलपथ के दोहरीकरण से गुड्स ट्रेनें ज्यादा संख्या में चलने के साथ ही यात्री ट्रेनों की संख्या भी बढ़ सकेगी।
इस रेलखंड पर दोहरे मार्ग की मांग बढ़ी
पमरे की ओर से सतना-रीवा के बीच लगभग पचास किमी के रेलमार्ग में पथ दोहरीकरण का कार्य किया जा रहा है। सीआरएस ने सकरिया-कैमा रेलखंड के निरीक्षण के दौरान बुधवार को रेलपथ की गुणवत्ता, सुरक्षा, ओएचई लाइन, सिग्नलिंग प्रणाली का बारीकी से जायजा लिया। इस ट्रैक के बनने से सतना-रीवा तक डबल ट्रैक हो जाएगा। जबलपुर-सतना तक पहले ही दोहरी लाइन है। पूरा डबल ट्रैक होने से क्षेत्र में सीमेंट क्लस्टर से रेल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा। यात्री ट्रेनें और कम समय में सफर पूरा करेंगी।






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