सड़क हादसे में बेटा खोने का दर्द सहा था, अब मिली 1 करोड 99 लाख की दावा राशि | Suffered the pain of losing son in road accident | Patrika News
जबलपुर जिला अदालत में आपसी सहमति से निपटे कई प्रकरण
जबलपुर। जिला अदालत व तहसील न्यायालय में आयोजित लोक अदालत में 60 खंडपीठाें में सुनवाई के दौरान 5621 मामले निराकृत हुए। इनमें 37 करोड़ 21 लाख 84 हजार 127 रुपए का मुआवजा वितरित किया गया। लोक अदालत में आपसी सहमति के बाद पुत्र को खोने वाले माता-पिता को 1 करोड 99 लाख की दावा राशि स्वीकृत की गई। इसके अलावा बडी संख्या में चेकबांउस, ई-चालान के प्रकरणों का निराकरण हुआ। कुटुम्ब न्यायालय में दम्पतियों को मनोवैज्ञानिक परामर्श मिलने से घर टूटने से बच गए। उसके बाद पति-पत्नी नए सिरे से खुशहाल जीवन जीने का सपना लेकर बाहर निकले। जिला विधिक सेवा समिति, जबलपुर के अध्यक्ष प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश उमाशंकर अग्रवाल के निर्देशन में जिला अदालत, जबलपुर व तहसील न्यायालय पाटन व सिहोरा में राष्ट्रीय लोक अदालत में रविवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कई ऐसे प्रकरणों में आपसी सहमति से प्रकरण निराकृत हुए।
माता-पिता की आंखें भर आई
न्यायाधीश ओमप्रकाश बोहरा की अध्यक्ष वाली खंडपीठ में बैंक, बीमा कंपनियों को समझाइश दी गई। इससे बीमा कंपनी एक करोड़ 99 हजार रुपए दावा राशि देने तैयार हो गई। यह सुनते ही पुत्र अमित चौरसिया को सड़क दुर्घटना में खोने वाले पिता तीरथ प्रसाद व उनकी पत्नी की आंखें भर आईं। इन दोनों को जो राशि मिली है, वह इस वर्ष दावा प्राधिकरण की ओर से दिलाई गई सर्वाधिक राशि है।
चेकबाउंस, ई चालान के मामले भी निराकृत
पीठासीन अधिकारी अरविंद सिंह टेकाम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राजीनामा के आधार पर चेकबाउंस सहित अन्य प्रकरणों का निराकरण किया गया। अंतत: दोनों पक्षों की सहमति से एक करोड़ 60 लाख में विवाद समाप्त हो गया। इसके अलावा ई चालान का भी निराकरण किया गया। जिला अदालत में बिजली बिल सम्बंधी प्रकरणों का भी निराकरण किया गया।
बैंक ऑफ बडौदा के 2 करोड 69 लाख के प्रकरणों का निराकरण
बैंक ऑफ बड़ौदा, जबलपुर क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाली 41 शाखाओं ने जिला एवं सत्र न्यायालयों में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में भाग लिया। क्षेत्रीय प्रमुख कुमार नरेंद्र की उपस्थिति में बैंक के वसूली अधिकारी, विधि अधिकारी, शाखा प्रमुखों और अन्य अधिकारियों ने बैंक से लोन लेकर किसी कारण से जमा न कर पाने वालों के मामलों का सुलह-समझौते के माध्यम से निपटारा किया। शनिवार को 246 प्रकरणों पर विचार किया गया। इसमें समझौते के माध्यम से 2 करोड़ 69 लाख रुपए के मामलों का निपटारा हुआ। 48 लाख रुपए नकद वसूल किए गए।