सच हो गई फिल्मी कहानी, माता-पिता से नहीं मिल रही थी बच्ची की शक्ल, डीएनए जांच में सामने आई सच्चाई

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सच हो गई फिल्मी कहानी, माता-पिता से नहीं मिल रही थी बच्ची की शक्ल, डीएनए जांच में सामने आई सच्चाई

ivf baby — दर्द, दुख और फिर लिया बड़ा फैसला

– आईवीएफ क्लिनिक ने गलती से बदल दिए थे भ्रूण
– चार माह बाद अपने जैविक माता-पिता के पास पहुंचीं बच्चियां

जयपुर। आईवीएफ तकनीक का सहारा लेकर कई निसंतान दंपती अपना परिवार पूरा कर पा रहे हैं। नन्हीं किलकारी की आस में बैठे सैकड़ों कपल्स को इस तकनीक ने नई उम्मीद दी है। उन्हें माता—पिता बनने का मौका दिया और फिर से बचपन जीने का बहाना भी। लेकिन कभी—कभी कुछ लापरवाहियां जिंदगीभर का सबक दे जाती हैं। दरअसल, बॉलीवुड फिल्म ‘गुड न्यूज’ की कहानी लॉस एंजिल्स में सच हो गई। यहां एक आईवीएफ क्लिनिक की लापरवाही के कारण दो बच्चियों को अपनी मां की कोख नसीब नहीं हो पाई। सच्चाई सामने आने के बाद बच्चियों को बदला गया है। लॉस एंजिल्स के एलेक्जेंडर और डैफना की पांच साल की एक बेटी है। वह दूसरा बच्चा चाहते थे और इसलिए उन्होंने लॉस एंजिल्स की एक आईवीएफ क्लिनिक में संपर्क किया। डैफना ने एक बच्ची को जन्म दिया। बच्ची को पाकर यह कपल बेहद खुश था, लेकिन कुछ माह बाद उन्हें महसूस हुआ कि बच्ची का चेहरा उनसे नहीं मिलता। एलेक्जेंडर का कहना है कि क्योंकि बच्ची का जन्म आईवीएफ तकनीक से हुआ था, इसलिए उन्हें शक हुआ। कपल ने बच्ची का डीएनए टेस्ट करवाया, जिसमें पता चला कि एलेक्जेंडर और डैफना इस बच्ची के जैविक माता-पिता नहीं हैं। डैफना का कहना है कि जन्म के बाद से ही बच्ची हमसे बहुत अलग नजर आ रही थी। लेकिन क्योंकि मैंने उसे जन्म दिया था, इसलिए मैं कुछ और सोचना नहीं चाहती थी। लेकिन समय के साथ हमारा शक गहराता चला गया। हमारे परिवार और दोस्तों ने भी कहा कि बच्ची हमारे जैसी नहीं दिखती, इसलिए हमने टेस्ट करवा लिया। अब इस कपल ने क्लिनिक और चिकित्सकों के खिलाफ लापरवाही और धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है। आखिरकार क्लिनिक ने अपनी गलती स्वीकारी और माना कि उनसे गलती से भ्रूण बदल गए।

पहली बार देखी अपनी बेटी

एलेक्जेंडर और डैफना को पता चला कि उनकी बेटी किस कपल के पास है। दूसरे जोड़े ने उनकी बेटी का नाम ‘जो’ रखा था। एलेक्जेंडर और डैफना अपनी बेटी को देखने इस कपल के घर पहुंचे, लेकिन उन्हें सच्चाई नहीं बताई। डैफना कहती हैं कि बच्ची जैविक रूप से भले ही हमारी नहीं थी, लेकिन उससे हमें प्यार हो गया था। हम नहीं चाहते थे कि उसे दूर करें। हमने सोचा कि हर सप्ताह अपनी बेटी को देखने जाएंगे। लेकिन एेसा संभव नहीं हो पा रहा था। आखिरकार दोनों से दूसरे कपल को पूरी सच्चाई बताई। जिसके बाद दोनों परिवारों ने बच्चियां बदलने का फैसला लिया। चार माह की इन बच्चियों को अपने असली जैविक माता-पिता मिले। हालांकि इन परिवारों ने निर्णय लिया है कि वे दोनों बच्चियों के बर्थ-डे साथ मनाएंगे और नियमित रूप से मिलते रहेंगे।






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