संयुक्त राष्ट्र संघ में छाया इंदौर, दुनिया ने जमकर सराहा | Indore appreciated by the world at the United Nations | Patrika News

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संयुक्त राष्ट्र संघ में छाया इंदौर, दुनिया ने जमकर सराहा | Indore appreciated by the world at the United Nations | Patrika News

संयुक्त राष्ट्र संघ में छाया इंदौर, दुनिया ने जमकर सराहा | Indore appreciated by the world at the United Nations | Patrika News


इंदौर. संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच पर इंदौर ने अपनी छाप छोड़ी है। संयुक्त राष्ट्र संघ की जलवायु परिवर्तन कॉन्फ्रेंस के दौरान इंदौर ने अपने प्रयासों को रखा, जिसे दुनियाभर के देशों ने सराहा। साथ ही इंदौर के कार्यों के अच्छे नतीजे आने के लिए शुभकामनाएं भी दीं। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए इंदौर की ओर से किए जा रहे प्रयासों को महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने अंतरराष्ट्रीय पटल पर रखा। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र संघ की फ्रेमवर्क कन्वेंशन कॉन्फ्रेंस-2022 मिस्र के शरम अल शेख में आयोजित की गई थी। इसमें कईं देशों से प्रतिनिधि वर्चुअल जुड़े थे। भारत की ओर से महापौर भार्गव भी वर्चुअल तरीके से शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस बार जलवायु परिवर्तन पर काम करने के लिए दुनिया के तीन शहरों इंदौर, जकार्ता और नैरोबी को चुना है। गुरुवार शाम को महापौर ने इंदौर की ओर से बात रखते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण प्रदूषण है और इंदौर इसके अलग-अलग घटकों पर तेजी से काम कर रहा है। इंदौर ने कचरे से होने वाले प्रदूषण और जल प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए काम किया है। कचरे से होने वाले प्रदूषण पर काफी हद तक रोक भी लगाई है। जल प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए ही इंदौर भारत का पहला वाटर प्लस शहर भी बना है। वायु प्रदूषण कम करने के लिए भी इंदौर लगातार काम कर रहा है। इंदौर ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत इसके लिए प्लांट लगाया है। इसमें कचरे से खाद बनाने के साथ बायोगैस बनाई और बायोगैस का वाहनों में ईंधन के रूप में प्रयोग कर वायु प्रदूषण कम करने की कोशिश की। इंदौर का यह प्रयोग अन्य शहरों के लिए भी प्रदूषण को रोकने के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा।

वाहनों से होने वाले प्रदूषण को करेंगे कम
कॉन्फ्रेंस के दौरान भार्गव ने दूषित हवा के लिए वाहनों से निकलने वाले धुएं और औद्योगिक धुएं जैसे दो बड़े कारणों को लेकर इंदौर द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंदौर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के साथ ऐसा सिस्टम तैयार किया जा रहा है, जिसमें वाहनों को ज्यादा देर तक रूकना न पड़े। ज्यादा से ज्यादा जनता पॉल्यूशन फ्री सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करे ताकि वाहनों की संख्या कम कर प्रदूषण का स्तर घटाया जा सके। औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले धुएं को कम करने के लिए वहां भी बायोगैस, सीएनजी का इस्तेमाल करने के साथ ही धुएं के ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस दौरान यूएफसीसीसी द्वारा इंदौर को जलवायु परिवर्तन की दिशा में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया गया है। महापौर ने भी जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए इंदौर की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि इस दिशा में यूएफसीसीसी के सुझावों पर भी इंदौर काम करेगा।

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