शातिर दिमाग और नशे का धंधा… चाय बेचने वाले का बेटा काली कमाई से 2 साल में बना करोड़पति
अक्षय कुमार छाबड़ा अंतरराष्ट्रीय हेरोइन सिंडिकेट का किंगपिन है जिसे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने पकड़ कर एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। ड्रग के पैसे से, छाबड़ा ने कथित तौर पर कई लग्जरी गाड़ियां भी खरीदीं और उन्हें अपने पड़ोस में प्रदर्शित करता था। छाबड़ा के न्यू ग्रेन मार्केट, गिल रोड स्थित ट्रेडिंग फर्मों और गोदामों के दौरे के दौरान, यह पाया गया कि वह वहां “गुरु कृपा ट्रेडिंग फर्म” चलाता है, जहां से वह घी, खाद्य तेल, चावल और अन्य उत्पादों का थोक व्यापार करता था।
पिता अनाज मंडी में बेचते थे चाय
अंग्रेजी अखबार ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, छाबड़ा के पड़ोसियों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट चला रहा है, जिसके पाकिस्तान और अफगानिस्तान से संबंध हैं। अब इस ट्रेडिंग फर्म को एनसीबी ने सील कर दिया है। लगभग दो साल पहले, छाबड़ा के पिता नई अनाज मंडी में चाय की दुकान चलाते थे और उसके पिता मामूली आय से अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। उसके माता-पिता एफसीआई के गोदामों में श्रमिकों को ‘चपाती’ और ‘परांठे’ भी आपूर्ति करते थे। दो साल के भीतर, छाबड़ा ने अवैध नशीली दवाओं के कारोबार से बहुत पैसा कमाया और बड़ी व्यापारिक फर्में खोलीं।
कमर्शियल वाहनों का बेड़ा भी खरीदा
एनसीबी ने न्यू ग्रेन मार्केट के कई गोदामों को सील कर दिया था, जहां से हेरोइन और हेरोइन बनाने के लिए जरूरी अन्य कच्चा माल जब्त किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि आस-पड़ोस को यह विश्वास दिलाने के लिए कि वास्तविक व्यापार किया जा रहा है, ड्रग सिंडिकेट के सदस्य चावल, चीनी, तेल और अन्य उत्पादों के बैग भी लोड करते थे। इन दो सालों में अक्षय छाबड़ा द्वारा कमर्शियल वाहनों का बेड़ा भी खरीदा गया। इन्हें एनसीबी ने सील कर दिया है और अनाज मंडी में खड़ा कर दिया है। लुधियाना में हेरोइन की तस्करी और निर्माण के बावजूद पिछले दो सालों में न तो पंजाब पुलिस और न ही कोई एजेंसी इस नेटवर्क का भंडाफोड़ करने में सफल रही है।