शराब से होती थी दिन की शुरुआत, आर्मी से 8 बार रिजेक्‍ट हुए थे ‘बिग बॉस’ की आवाज विजय विक्रम सिंह

191
शराब से होती थी दिन की शुरुआत, आर्मी से 8 बार रिजेक्‍ट हुए थे ‘बिग बॉस’ की आवाज विजय विक्रम सिंह

शराब से होती थी दिन की शुरुआत, आर्मी से 8 बार रिजेक्‍ट हुए थे ‘बिग बॉस’ की आवाज विजय विक्रम सिंह

आवाज। मीठी। कर्कश। दमदार। बुलंद। कैसी भी हो सकती है। कोई उससे किसी को अपना दीवाना बना सकता है। और कोई खुद से नफरत करने की वजह भी। कोई उसे कमाई का जरिया भी बना सकता है। तो कोई उससे छलावा भी कर सकता है। किसी को अच्छी लगने वाली आवाज कुछ को नापंसद हो सकती है। और नापंसद आवाज भी किसी के दिल में घर कर सकती है। आज हम आपको एक ऐसी ही आवाज की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसका सफर कहीं और से शुरू हुआ और आज किसी अलग ही मुकाम पर पहुंच गया। सिर्फ अपनी आवाज के दम पर। हम बात कर रहे हैं विजय विक्रम सिंह की। अपने खास सेग्मेंट सैटर्डे सुपर्सटार में हम आज उनकी ही बात करेंगे। चलिए बिना देर किए शुरू करते हैं।

‘बिग बॉस चाहते हैं…’ से मशहूर हुए विजय विक्रम सिंह (Vijay Vikram Singh)। पेशे से वाइस ओवर आर्टिस्ट हैं। बिस बॉस के अलावा बाकी के रियलिटी शोज में भी वह नरेशन्स करते हैं। आज इनके बारे में हम आपको इसलिए नहीं बता रहे हैं कि ये वाइस ओवर आर्टिस्ट हैं। बल्कि इसलिए बता रहे हैं क्योंकि इस सफलता के पीछे संघर्ष भरी कहानी छिपी है। कैसे वह मुंह के बिल गिरकर खड़े हुए और अपनी एक अलग पहचान बनाई।

ठीक नहीं थी विजय विक्रम की आर्थिक स्थिति
विक्रम का जन्म कानपुर के लोवर मिडिल क्लास फैमिली में हुआ। यहीं से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। हालांकि जब ये दुनिया में आए तो परिवार सम्पन्न था लेकिन पिता के व्यापार में कुछ ऐसी परिस्थितियां आईं कि पैसे चले गए। हालांकि पढ़ाई-लिखाई में परिवार ने कोई कोताही नहीं बरती। उन्होंने विक्रम को अच्छे स्कूल में पढ़ाया। विक्रम ने भी मन लगन से स्कूल किया और फिर कॉमर्स में ग्रेजुएशन।

navbharat times -Bigg Boss 16 Eviction: प्रियंका चाहर नहीं बल्कि ये कंटेस्टेंट हुआ बिग बॉस 16 से बेघर, जानें किसका कटा पत्ता
फौज में जाना चाहते थे विजय विक्रम
विक्रम की शुरुआत से ही इच्छा थी कि वह फौज में जाएं। एक आर्मी ऑफिसर बनें। उनके दादाजी इसके लिए उनको काफी प्रोत्साहित भी करते थे। नाम के आगे उन्होंने ब्रिगेडियर तक जोड़ दिया था। ऐसे में उनके जहन में यही था कि आगे चलकर उनको फौज में जाना है। इन्होंने प्रयास भी उसी तरफ किए। ग्रेजुएशन के साथ-साथ इन्होंने कम्बाइन्ड डिफेंस का एग्जाम भी दिया। रिटेन क्लीयर किया और इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। पांच दिन चलने वाले SSB इंटरव्यू में विक्रम पहले ही दिन रिजेक्ट हो गए। मतलब 17-18 साल से जो सपने पाले हुए थे वो एक मिनट में टूटकर बिखर गए।

Vijay Vikram Singh

चार साल में आठ बार रिजेक्ट हुए थे विजय विक्रम
आर्मी में सेलेक्शन न होने की वजह से विक्रम पूरी तरह से बिखर गए थे। इसका ही नतीजा था कि उन्होंने 18 साल की उम्र में पहली बार शराब पी। गम की आड़ में की गई गलती उनकी यहीं से लत बन गई थी। खैर। इन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अगले 4 साल में 7 बार और रिजेक्शन झेला। वह SSB क्लियर ही नहीं कर पा रहे थे। कुल मिलाकर वह 8 बार रिजेक्ट हुए। और सभी ने उनको थोड़ो-थोड़ा करके अंदर से तोड़ना शुरू कर दिया।

navbharat times -Bigg Boss 16: पॉप्युलैरिटी के मामले में अब्दू रोजिक का जवाब नहीं, एमसी स्टैन से लेकर प्रियंका तक, सबको पछाड़ा
विजय विक्रम को हो गई थी गंभीर बीमारी
विक्रम को इस रिजेक्शन ने शराब की तरफ ढकेल दिया था। 24 साल की उम्र तक ऐसी हालत हो गई थी कि वह अपने दिन की शुरुआत ही शराब से करते थे। हालांकि वह घर नहीं बैठे। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्याल ये MBA की पढ़ाई की। अच्छा सेलेक्शन हुआ। नौकरी भी की। लेकिन शराब की लत नहीं छूटी। वह लत बढ़ती गई। नतीजन 2005 में उनकी तबीयत बिगड़ गई। उनके पेट में अचनाक असहनीय दर्द शुरू हो गया। उनको जब मध्य प्रदेश के सतना के एक अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर ने बताया कि इन्हें सीवियर एक्यूट पेनक्रिएटाइटिस विद रीनल फेलियर हो गया है।

Vijay Vikram Singh


विजय के बचने के सिर्फ 15 पर्सेंट थी गुंजाइश
सतना से उनको लखनऊ PGI रेफर किया गया। वहां जिस डॉक्टर ने उनको एग्जामिन किया। उसने उनकी मां से ये कह दिया कि इनके कुछ मुख्य अंग काम नहीं कर रहे हैं। फेफड़े में 70 पर्सेंट पानी भर गया है। किडनी काम नहीं कर रही और लिवर भी काम नहीं कर रहा। बचने का जो चांस है वो 15 पर्सेंट है। अगर आप कहें तो हम इनका इलाज करें नहीं तो ये पैसे की बर्बादी है। लेकिन इनकी मां ने डॉक्टर से ये कहा- आप अपना काम करिए और हम अपना काम करेंगे। हालांकि उस दौरान आर्थिक स्थिति सही नहीं थी।

navbharat times -Opinion: शाना बनने के चक्कर में बिग बॉस ने 16वें सीजन की कर डाली ऐसी की तैसी, ये 5 बातें चीखकर दे रही सबूत
मरते-मरते बचे थे विजय विक्रम
विक्रम सिंह ने अस्पताल में 30-35 दिन गुजारे और यहीं से उनकी जिंदगी बदल गई। क्योंकि उनके बचने के चांसेस बहुत कम थे। इस दौरान उनको निमोनिया भी हो गया था। वह मौत के मुंह से टक से बाहर आए थे। हालांकि सब ठीक हुआ। उन्होंने आत्ममंथन किया कि वह क्या कर रहे हैं। परिवार को सफर करते हुए देखा। उनकी दुर्गति देखी उन 35 दिनों में। फिर डॉक्टर ने कहा कि उनकी किडनी काम कर रही है। फिर लिवर भी काम करने लगा। दो-ढाई महीने बाद डिस्चार्ज किया गया।

Vijay Vikram Singh

विजय विक्रम की बदल गई पूरी लाइफ
अस्पताल के इन दिनों एक ऐसा वाकया हुआ, जिससे उनकी लाइफ बदल गई। दरअसल, जब वह अस्पताल में थे तो 30 दिन बाद वह मां-पापा का सहारा लेकर खिड़की के पास गए। इस दौरान सूरज की रोशनी देखकर उनको ऐसा लगा कि ये नई लाइफ की रोशनी है। उस दिन उनको एहसास हुआ कि वह अपनी छोटी सी गलती की सजा खुद को और परिवार को दे रहे थे। विक्रम की यहां से सोच बदली। उन्हें लाइफ में सब पॉजिटिव दिखाई देने लगा।

navbharat times -Salman on Sajid: सलमान खान ने गुस्से में साजिद खान को कहा पाखंडी और डबल ढोलकी, इस धुलाई पर बेहद खुश हुए फैन्स
ऐसे बने विजय वॉइस ओवर आर्टिस्ट
विक्रम जब अपनी सरकारी नौकरी के लिए मुंबई आए तो किसी ने उनसे कहा उनकी आवाज अच्छी है, इस पर काम करिए। लेकिन उन्होंने कहा कि वह गाना नहीं गा सकते हैं। हालांकि उनको इस समय तक पता नहीं था कि आवाज के साथ क्या-क्या किया जा सकता है। फिर उस शख्स ने बताया कि वॉइस ओवर नाम का एक करियर है, जिसमें वह जा सकते हैं। क्योंकि उनकी आवाज बहुत अच्छी है। इसके बाद विक्रम ने खुद पर काम किया। आवाज को तराशा। बिजनेस साइड को समझा। फिर 2009 में अपना सेट करियर छोड़कर इस लाइन में आ गए। इसमें उनकी पत्नी ने खासा मदद की। हौसला बढ़ाया।

Vijay Vikram Singh

इन फिल्मों-सीरीज में विजय विक्रम ने किया काम
वह वॉइस ओवर आर्टिस्ट के साथ-साथ एक्टर भी बनें। 2018 से एक्टिंग शुरू की। मनोज बाजपेयी की आई ‘फैमिली मैन’ के दोनों में वह नजर आए। ‘मिर्जापुर 2’, ‘स्पेशल ऑप्स’ जैसी चर्चित सीरीज में भी वह दिखाई दिए थे। और साढ़े महीने बिग बॉस की आवाज बने ही रहते हैं।