शराबबंदी खत्म करने की मांग पर Jitan Ram Manjhi को JDU की सलाह, पहले अपने घर के बच्चों और महिलाओं से लिखवा कर दें

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शराबबंदी खत्म करने की मांग पर Jitan Ram Manjhi को JDU की सलाह, पहले अपने घर के बच्चों और महिलाओं से लिखवा कर दें

शराबबंदी खत्म करने की मांग पर Jitan Ram Manjhi को JDU की सलाह, पहले अपने घर के बच्चों और महिलाओं से लिखवा कर दें


बिहार में शराबबंदी कानून को खत्म करने के लिए मांग करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को जनता दल यूनाइटेड की ओर से करारा जवाब दिया गया है। जेडीयू की ओर से कहा गया कि आश्चर्य की बात है कि 7 साल बाद किसी को अद्भुत ज्ञान मिला है।

 

जीतन राम मांझी
पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी वैसे तो कई बार बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर टिप्पणी कर चुके हैं। उन्होंने कई बार गरीबों को एक पाव पीने की छूट देने के साथ गुजरात की तर्ज पर शराबबंदी कानून लागू करने की बात कहकर खूब सुर्खियां बटोरी। अब जीतन राम मांझी, गया में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जनसभा में शराबबंदी कानून खत्म करने की मांग की। उन्होंने आरजेडी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से शराबबंदी कानून को खत्म कराने की मांग की। इसके बाद जेडीयू की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है।

पर्यटक क्या शराब के नशे में टुन्न होकर जाएंगे ?

जीतन राम मांझी के बयान पर जेडीयू के मुख्य वक्ता नीरज कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि सातवें वर्ष में लोगों को अद्भुत ज्ञान हो रहा है। सदन के अंदर संकल्प लिया, सर्वदलीय सहमति बनी, ह्यूमन चेन में भाग लिया। अब कहा जा रहा है कि पर्यटक कम आ रहे हैं। तो क्या भगवान के पास जो जाएगा वह शराब के नशे में टुन्न होकर जाएगा। जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म का आंकड़ा है कि पहले इस बिहार में खौफ से लोग आते नहीं थे आज पर्यटक की संख्या के मामले में देश में हमारा आठवां स्थान है। जेडीयू की ओर से अभी कहां गया कि कोरोना का के बाद बिहार में फिर से पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगी है। जो लोग यह कुतर्क दे रहे हैं वही बताएं कि क्या अंबेडकर ने शराब पीने की बात कही थी क्या कर्पूरी ठाकुर ने शराब पीने की बात कहीं या ज्योतिबा फुले ने कही थी ?

सत्ता का शराब पीने की चाहत रखने वाले दे रहे कुतर्क

जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने यह भी कहा कि लोग यह भी को तर्क देते हैं कि शराबबंदी से बिहार के राजस्व का घाटा हो रहा है। ऐसे लोगों को यह बताना चाहिए कि कफन पर भी टैक्स लगता है और खाने-पीने के सामानों पर भी। इससे सरकार को राजस्व प्राप्त होता है या नहीं। नीरज कुमार ने यह भी कहा कि कई लोग यह भी कुतर्क देते हैं कि बिहार के जेल में 3 लाख लोगों को शराब पीने के जुर्म में बंद कर दिया गया। जबकि बिहार में जेल की क्षमता ही 35 हजार लोगों के रखने की है। जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि सत्ता के नशा के लिए ज्ञान का आतंक मचा कर रखा है कुतर्क करने वालों ने। नीरज कुमार ने जीतन राम मांझी पर तंज कसते हुए कहा कि शराबबंदी कानून खत्म करने की मांग करने वाले पहले अपने घर में पोता-पोती, नाती-नतनी, बेटा-बेटी और बहु से यह लिखवा कर दें कि शराबबंदी कानून खत्म किया जाना चाहिए। तब वह शराब बंदी कानून की समीक्षा करने की बात करें।

क्या कहा था जीतन राम मांझी ने

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सामने शराबबंदी कानून वापस लेने की मांग करने के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को समझाने के लिए कहा। बोधगया में आयोजित बौद्ध महोत्सव में उन्होंने बिहार में शराब फिर से चालू करने की मांग करते हुए कहा कि तेजस्वी बाबू आप चाहिएगा, तो मुश्किल नहीं है। जीतन राम मांझी ने कहा कि शराबबंदी के वजह से बिहार में पर्यटक की संख्या भी घट गई है। उन्होंने कहा कि पर्यटक बिहार आते तो है लेकिन वह यहां ठहरते नहीं पड़ती घूमते बिहार में है और रुकते उत्तर प्रदेश या झारखंड या बंगाल में है। क्योंकि बिहार में शराबबंदी है। ऐसे में जब वे बिहार में रुकेंगे ही नहीं तो बिहार में विदेशी मुद्रा से राजस्व कैसे बढ़ेगा?

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