शरजील इमाम को जमानत मिलेगी या नहीं? राजद्रोह मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट में आज अहम सुनवाई
तीन साल से कस्टडी में है शरजील इमाम
पिछली सुनवाई पर इमाम के वकील ने अदालत को बताया कि नियमित जमानत के लिए उनकी अर्जी पर अप्रैल में सुनवाई होगी। उन्होंने शीर्ष अदालत द्वारा राजद्रोह के अपराध की संवैधानिक वैधता तय करने तक अंतरिम रिहाई का अनुरोध किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इमाम तीन साल से हिरासत में है। अदालत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने राजद्रोह के आरोपों का सामना करने वालों की रिहाई का आदेश नहीं दिया है और वर्तमान मामले में इमाम पर राजद्रोह के अलावा अन्य अपराधों के भी आरोप लगाये गये हैं।
अदालत ने माना कि यह मामला आरोपी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित है, इसलिए नियमित जमानत अर्जी पर अप्रैल के बजाए 30 जनवरी को सुनवाई की जाएगी। उसी दिन अदालत अंतरिम जमानत की अर्जी पर भी सुनवाई करेगी।
पिछले साल निचली अदालत ने इमाम के खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह), 153ए (दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153बी (राष्ट्रीय एकता के विरूद्ध कृत्य), 505 (शरारत के उद्देश्य से दिया गया बयान) और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम की धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियों के लिए सजा) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, इमाम ने कथित तौर पर 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में और 16 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भाषण दिया था, जहां उसने असम और शेष पूर्वोत्तर को भारत से काट देने की धमकी दी थी।